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संत पापा फ्राँसिस संत पापा फ्राँसिस 

संत पापा द्वारा भारत के दो धर्माध्यक्षों की नियुक्ति

संत पापा फ्राँसिस ने भारत के नागपुर महाधर्मप्रांत के लिए महाधर्माध्यक्ष और असम राज्य स्थित डिब्रूगढ़ धर्मप्रांत के लिए एक सहायक धर्माध्यक्ष को नियुक्त किया।

माग्रेट सुनीता मिंज-वाटिकन सिटी

वाटिकन सिटी, सोमवार, 3 दिसम्बर 2018 (रेई): संत पापा फ्राँसिस ने सोमवार 3 दिसम्बर को नागपुर महाधर्मप्रांत के महाधर्माध्यक्ष के रुप में धर्माध्यक्ष एलियास जोसेफ गोन्साल्विस को नियुक्त किया। वर्तमान में वे अमरावती धर्मप्रांत के धर्माध्यक्ष हैं।

नव-नियुक्त महाधर्माध्यक्ष एलियास गोन्साल्विस 

महाधर्माध्यक्ष  गोन्साल्विस का जन्म 4 जुलाई 1961 को महाराष्ट्र राज्य के चुलेन में हुआ था। उनका पुरोहिताभिषेक 11 अप्रैल 1990 को हुआ। उन्होंने बॉम्बे विश्वविद्यालय से इतिहास और अर्थशास्त्र में स्नातक की डिग्री हासिल की और कनाडा के नोवा स्कोटिया में कोडी संस्थान से सामाजिक विकास और समुदाय निर्माण में डिप्लोमा ग्रहण किया। उन्होंने कई पल्लियों में पुरोहित के रूप में अपनी सेवाएं दी हैं। वे रायगढ़ डीनरी के डीन थे। वे बॉम्बे महाधर्मप्रांत के सामाजिक कार्य संगठन के निदेशक भी थे। 11 जुलाई, 2012 को, संत पापा बेनेडिक्ट सोलहवें ने उन्हें अमरावती धर्मप्रांत का धर्माध्यक्ष नियुक्त किया।

संत पापा फ्राँसिस ने रविवार 2 दिसम्बर 2018 को डिब्रूगढ़ धर्मप्रांत के धर्मप्रांतीय पुरोहित फादर अलबर्ट हेमरोम को डिब्रूगढ़ धर्मप्रांत का सहायक धर्माध्यक्ष नियुक्त किया।

नव-नियुक्त धर्माध्यक्ष अलबर्ट हेमरोम 

नव-नियुक्त धर्माध्यक्ष का जन्म 27 फरवरी, 1969 को डिब्रूगढ़ धर्मप्रांत में कोनापाथार में हुआ था। उन्होंने संत जोसेफ माइनर सेमिनरी, डिब्रूगढ़ में प्रवेश किया और फिर क्राइस्ट द किंग कॉलेज और ओरिएंन्स थियोलॉजिकल कॉलेज, शिलांग में अध्ययन किया।

25 अप्रैल 1999 को डिब्रूगढ़ धर्मप्रांत के धर्मप्रांतीय पुरोहित के रुप में उनका अभिषेक हुआ। उन्होंने  संत पीटर परमधर्मपीठीय महाविद्यालय, बैंगलोर से 2003 में कैनन लॉ में मास्टर की डिग्री हासिल की और परमधर्मपीठीय लातेरन विश्वविद्यालय, रोम से 2014 में कैनन लॉ में डॉक्टरेट किया।

उन्होंने धर्मप्रांत में निम्नलिखित सेवाएँ दी :

1999 से 2001 तक संत फ्राँसिस असीसी पल्ली, राजाबारी में सहायक पुरोहित,

 2003 से 2006 तक संत जोसेफ माइनर सेमिनरी, डिब्रूगढ़ में प्रीफेक्ट,

2006 से 2011 तक संत फ्राँसिस असीसी पल्ली, राजाबारी में पल्ली पुरोहित और ओरिएंट थियोलॉजिकल कॉलेज, शिलांग में विज़िटिंग प्रोफेसर,

2011 से 2013 तक, उन्होंने रोम में लातेरन विश्वविद्यालय में कैनन लॉ का अध्ययन किया।

2014 के बाद से वे धर्मप्रंतीय ट्रिब्यूनल के न्यायिक विकर और संत जोसेफ माइनर सेमिनरी, डिब्रूगढ़ के रेक्टर हैं। वे कॉलेज ऑफ कंसल्टर्स और पुरोहित काउंसिल के सदस्य हैं, साथ ही लोकधर्मी और परिवार आयोग के सचिव और ओरिएंट थियोलॉजिकल कॉलेज, शिलांग में कैनन लॉ के अतिथि प्रोफेसर हैं।

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03 December 2018, 16:14