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देवदूत प्रार्थना का पाठ करते संत पापा देवदूत प्रार्थना का पाठ करते संत पापा 

आगमन के तीसरे सप्ताह पर संत पापा का संदेश

आगमनकाल के इस तीसरे रविवार की धर्मविधि हमें आनन्दित होने का निमंत्रण देती है। नबी सफन्याह इस्राएल के एक छोटे दल को सम्बोधित करते हैं।

उषा मनोरमा तिरकी-वाटिकन सिटी

वाटिकन सिटी, सोमवार, 17 दिसम्बर 2018 (रेई)˸ वाटिकन स्थित संत पेत्रुस महागिरजाघर के प्राँगण में रविवार 16 दिसम्बर को संत पापा फ्राँसिस ने भक्त समुदाय के साथ देवदूत प्रार्थना का पाठ किया, देवदूत प्रार्थना के पूर्व उन्होंने विश्वासियों को सम्बोधित कर कहा, अति प्रिय भाइयो एवं बहनो, सुप्रभात।

आगमनकाल के इस तीसरे रविवार की धर्मविधि हमें आनन्दित होने का निमंत्रण देती है। नबी सफन्याह इस्राएल के एक छोटे दल को सम्बोधित करते हैं। "सियोन की पुत्री! आनन्द का गीत गा। इस्राएल! जयकार करो! येरुसालेम की पुत्री! सारे हृदय से आनन्द मना।" (3:14) प्रभु ने तेरा दण्डादेश रद्द किया और तेरे शत्रुओं को भगा दिया है। प्रभु तेरे बीच इस्राएल का राजा है।(पद. 15).

ईश्वर ने क्षमा कर दिया है वे दण्ड देना नहीं चाहते हैं यही कारण है कि लोगों को उदास और बेचैन होने की कोई बात नहीं है बल्कि उन्हें हर बात में ईश्वर के प्रति आनन्दमय कृतज्ञता प्रकट करना चाहिए जो अपने प्रिय लोगों की मुक्ति करना एवं उन्हें बचाना चाहते हैं।

ईश्वर का प्रेम

नबी सफन्याह के अनुसार "ईश्वर का प्रेम अपने लोगों के लिए अनवरत है। उनका प्रेम एक पिता का अपने पुत्र-पुत्रियों के लिए कोमल स्नेह के समान तथा अपने दुल्हे के लिए एक दुल्हिन के प्रेम की तरह है।" "वह विजयी योद्धा है। वह तेरे कारण आनन्द मनायेगा, वह अपने प्रेम से तुझे नवजीवन प्रदान करेगा,"(पद. 17). संत पापा ने कहा कि यही कारण है कि ख्रीस्त जयन्ती के पूर्व तीसरे रविवार को आनन्द का रविवार कहा जाता है।

हम जब क्रिसमस की तैयारी कर रहे हैं तब नबी की अपील हमारे लिए खास रूप से महत्वपूर्ण है क्योंकि यह येसु पर चरितार्थ होती है, इम्मानुएल, येसु हमारे साथ हैं। उनकी उपस्थिति हमारे लिए आनन्द का स्रोत है। वास्तव में, नबी सफन्याह घोषित करते हैं। "प्रभु तेरे बीच इस्राएल के राजा हैं। विपत्ति का डर तुझ से दूर हो गया है। उस दिन येरुसालेम से कहा जायेगा-''सियोन! नहीं डरना, हिम्मत नहीं हारना। तेरा प्रभु-ईश्वर तेरे बीच है। वह विजयी योद्धा है। वह तेरे कारण आनन्द मनायेगा, वह अपने प्रेम से तुझे नवजीवन प्रदान करेगा।" (पद. 15.17)

नबी की भविष्यवाणी एवं मरियम को दूत का संदेश

यह संदेश सुसमाचार लेखक संत लूकस द्वारा वर्णित मरियम को, येसु के जन्म के संदेश में पूर्ण हुई है। कुँवारी मरियम को दिया गया महादूत गाब्रिएल का संदेश नबी की भविष्यवाणी की प्रतिध्वनि के समान है। महादूत गाब्रिएल कहते हैं, "प्रणाम, प्रभु की कृपा पात्री, प्रभु आपके साथ हैं।" (लूक. 1:28) महादूत उन्हें आनन्दित होने के लिए निमंत्रण देते हैं। गलीलिया के एक सुदूर गाँव में एक किशोर युवती जो दुनिया से अनजान थी, ईश्वर उनमें पूरे संसार के लिए आनन्द की ज्वाला प्रज्वलित करते हैं।

कलीसिया को निमंत्रण

संत पापा ने कहा कि यही निमंत्रण आज कलीसिया को दी जा रही है। उस सुसमाचार को स्वीकार करने का आह्वान, जिसने शरीर धारण किया, जीया एवं कलीसिया को आनन्द मनाने का निमंत्रण देता है। "आनन्द मना, हे ख्रीस्तीय समुदाय, जो गरीब एवं दीन है किन्तु मेरी नजरों में सुन्दर है क्योंकि तू मेरे राज्य की लालसा करती तथा न्याय के लिए भूखी और प्यासी है। धर्यपूर्वक शांति का निर्माण कर, शक्तिशाली लोगों का पीछा मत कर किन्तु गरीबों के निकट रह। इस तरह तुम किसी भी चीज से भयभीत नहीं होगी बल्कि तेरा हृदय आनन्द से भर जाएगा। जब तेरे हृदय में हर दिन आनन्द होगा, तब वहाँ शांति होगी।"

ईश्वर की शांति

आज संत पौलुस, आग्रह करते हैं, "किसी बात की चिन्ता न करें। हर जरूरत में प्रार्थना करें और विनय तथा धन्यवाद के साथ ईश्वर के सामने अपने निवेदन प्रस्तुत करें।" (फिली.4,6) जागरूक रहना कठिन है किन्तु हम इसके द्वारा हमेशा प्रभु की ओर लौटते हैं। प्रभु हमारी पुकार को कभी अनसुनी नहीं करते। यह आनन्द का महान कारण है। कोई भी चिंता अथवा भय हमारी शांति न छीन ले, जो हमारे लिए मनुष्यों से अथवा उनकी सहानुभूति से नहीं बल्कि ईश्वर से आती है। यह शांति उन्हें हमारे जीवन से प्रेमी मार्गदर्शक के रूप में स्वीकार करने से आती है। इस तरह, समस्याओं एवं दुःखों के बीच भी यह हमें आशा एवं साहस प्रदान करती है।

हमें क्या करना चाहिए?

संत पापा ने कहा किन्तु प्रभु के आनन्द के निमंत्रण का स्वागत करने के लिए हमें अपने आप से पूछने की जरूरत है कि इसका अर्थ क्या है? योहन बपतिस्ता का उपदेश सुनने वालों के समान हम भी अपने में पूछें, हमें क्या करना चाहिए? (लूक.3:10).

मन-परिवर्तन के रास्ते पर यह पहला कदम है जिसको लेने के लिए आगमन के इस काल में हम बुलाये जाते हैं। हम प्रत्येक को अपने आप से पूछना चाहिए कि मुझे क्या करना चाहिए। धन्य कुँवारी मरियम जो हमारी माता हैं हमें ईश्वर के लिए अपना हृदय द्वारा खोलने में मदद करें जो हमारे पास आ रहे हैं जो हमारे सम्पूर्ण जीवन को आनन्द से भर देंगे।

इतना कहने के बाद संत पापा ने भक्त समुदाय के साथ देवदूत प्रार्थना का पाठ किया तथा सभी को अपना प्रेरितिक आशीर्वाद दिया।

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17 December 2018, 16:35