एक बालक को चुमते हुए संत पापा एक बालक को चुमते हुए संत पापा 

मानव जीवन का मूल्य

उत्पति ग्रंथ में हम पढ़ते हैं कि ईश्वर ने मनुष्य को अपने प्रति रूप बनाया और उसमें प्राणवायु फूँक दी। ईश्वर ने उसे सभी जीव-जन्तुओं एवं वनस्पति से श्रेष्ट बनाया। उसे विवेक एवं स्वतंत्रता प्रदान की क्योंकि मनुष्य ईश्वर की दृष्टि में अत्यन्त मूल्यवान है।

उषा मनोरमा तिरकी-वाटिकन सिटी

वाटिकन सिटी, बृहस्पतिवार, 22 नवम्बर 18 (रेई)˸ संत पापा फ्राँसिस ने विश्व के विभिन्न देशों में मनुष्यों पर हो रहे हिंसा एवं अत्याचार की याद करते हुए 22 नवम्बर के ट्वीट संदेश में लिखा, "ईश्वर की नजरों में मानव जीवन मूल्यवान, पवित्र एवं अनुल्लंघनीय है। कोई भी दूसरों के जीवन अथवा अपने जीवन का तिरस्कार नहीं कर सकता।"

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22 November 2018, 16:36