पोलैंड की आजादी की 100वीं वर्षगाँठ का जश्न पोलैंड की आजादी की 100वीं वर्षगाँठ का जश्न 

पोलैंड की आजादी की 100वीं वर्षगाँठ पर संत पापा का संदेश

संत पापा फ्राँसिस ने पोलैंड के काथलिक धर्माध्यक्षीय सम्मेलन के अध्यक्ष महाधर्माध्यक्ष स्तानिसलाव गादे को, पोलैंड की आजादी की शतवर्षीय जयन्ती पर एक संदेश भेजा तथा स्वतंत्रता की राह पर आगे बढ़ने के लिए पोलैंड वासियों की सराहना की।

उषा मनोरमा तिरकी-वाटिकन सिटी

11 नवम्बर को प्रथम विश्व युद्ध के अंत के रूप में याद किया जाता है और उसी दिन पोलैंड ने रूसी, प्राशियाई एवं ऑस्ट्रियाई लोगों से अपनी आजादी को पुनः प्राप्त की थी।

विविधताओं को दूर करना

संत पापा ने अपने संदेश में यूरोप के ख्रीस्तियों के इतिहास में पोलैंड के योगदान की याद की तथा कहा कि वे पोलैंड के उन सुपुत्रों के प्रति श्रद्धांजलि अर्पित करते हैं जो अपनी निजी स्वतंत्रता, लाभ एवं यहाँ तक कि अपनी खोयी हुई मातृभूमि के लिए अपने आपका त्याग करने के लिए तैयार थे।  

संत पापा जॉन पौल द्वितीय का हवाला देते हुए उन्होंने स्वतंत्रता के बाद देश वासियों के विश्वास को जीने में उनका साथ दिये जाने तथा विविधताओं के बावजूद भाइयों की तरह एकता बनाये रखने में सहायता देने पर जोर दिया ताकि एक साथ देश का निर्माण एवं सीमाओं पर उसकी रक्षा की जा सके।

सौ साल की आजादी

संत पापा ने ईश्वर को धन्यवाद दिया जिन्होंने अपनी कृपा से पीढ़ियों की सहायता की तथा अपनी खोयी हुई आजादी को पुनः प्राप्त करने की उनकी आशा को पूर्ण किया।

संदेश का समापन संत पापा फ्राँसिस ने संत पापा जॉन पौल द्वितयी की प्रार्थना से की, "जास्ना गोरा पर पोलैंड की रानी मरियम का संरक्षण सभी पोलैंड वासियों को सदा साथ दे। ईश्वर की कृपा पोलैंड के लोगों को शांति एवं समृद्धि वर्तमान एवं भविष्य में प्रदान करता रहे।"

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10 November 2018, 14:59