एकान्त मठवासी धर्मबहनें एकान्त मठवासी धर्मबहनें 

उनके लिए प्रार्थना करें जो हमारे लिए प्रार्थना करते हैं, संत पापा

संत पापा फ्राँसिस ने कहा है कि हमें उन धर्मबहनों के लिए ईश्वर को धन्यवाद देना चाहिए जिन्होंने आधुनिक दुनिया में एकांत मठवासी जीवन अपनाकर, प्रार्थना में अपने आपको प्रभु के लिए पूरी तरह समर्पित कर दिया है।

उषा मनोरमा तिरकी-वाटिकन सिटी

वाटिकन सिटी, बृहस्पतिवार, 22 नवम्बर 2018 (वाटिकन न्यूज)˸ 21 नवम्बर को माता मरियम के समर्पण के पर्व दिवस पर संत पापा फ्राँसिस ने याद किया कि इस दिन को एकान्त मठवासियों के लिए विश्व दिवस के रूप में मनाया जाता है। इसे प्रार्थना करने वालों का दिन (ओरानतिबुस डे) भी कहा जाता है।

एकान्त मठवासी धर्मबंधुओं एवं धर्मबहनों के प्रति कृतज्ञता

बुधवार को संत पेत्रुस महागिरजाघर के प्राँगण में आमदर्शन समारोह के दौरान संत पापा ने एकान्त मठवासी धर्मबंधुओँ एवं धर्मबहनों के लिए प्रार्थना करते हुए कहा, "कई लोग हैं, जिनके लिए प्रभु को धन्यवाद देने का यह अच्छा अवसर है, मठों एवं एकान्तवासों में शांत एवं छिपित जीवन जीते हुए कई लोगों ने अपने को प्रभु के लिए पूरी तरह समर्पित कर दिया है हम प्रभु को इस वरदान के लिए धन्यवाद दें।"  

धर्मबहनों के लिए सम्मेलन

संत पापा पियुस 12वें ने 21 नवम्बर को एकांत मठवासी लोगों की याद करने का दिन ठहराया था। समर्पित जीवन एवं प्रेरितिक जीवन के लिए गठित परमधर्मपीठीय समिति ने "वुलतुम देई क्वाइरेरे एवं कोर ओरान्स" पर चिंतन करने हेतु, 21 नवम्बर को लातेरन विश्वविद्यालय में एक सम्मेलन का आयोजन किया था। इस सम्मेलन की प्रकृति बिल्कुल भिन्न थी। सम्मेलन में कुल 300 मठवासी धर्मबहनों ने भाग लिया, उनमें से एक मोरोक्को की धर्मबहन थी। वे एक साथ "वुलतुम देई क्वाएरेरे" (संत पापा फ्राँसिस, 29 जून 2016) तथा "कोर ओरान्स" (समर्पित जीवन के लिए गठित परमधर्मपीठीय परिषद, 1 अप्रैल 2018) दस्तावेजों पर चिंतन किया।

सम्मेलन में भाग लेने वाली धर्मबहनों ने समर्पित जीवन हेतु गठित परमधर्मपीठीय समिति के अध्यक्ष एवं सह सचिव तथा परमधर्मपीठीय लातेरन विश्वविद्यालय एवं तीन अन्य धर्मबहनों द्वारा वक्तव्य सुना। सम्मेलन में आपस में चर्चा करने का समय भी रखा गया था। इस तरह उन्होंने एक साथ अपने मूल्यवान समर्पित जीवन को मनाया। सम्मेलन का समापन संत जॉन लातेरन में ख्रीस्तयाग के द्वारा हुआ।

मठवासी जीवन का नवीनीकरण

एकान्त मठवासी जीवन अपनाने वालों के लिए दोनों ही दस्तावेज महत्वपूर्ण हैं। ये कलीसिया एवं विश्व में इस बुलाहट के महत्व पर जोर देते हैं। संत पापा फ्राँसिस ने याद किया कि एकांत मठवासी दुनिया के लिए मूसा के समान प्रार्थना करते हैं।

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22 November 2018, 16:44