पीड़ित सीरिया वासी पीड़ित सीरिया वासी 

सीरिया में हम पीड़ित येसु को देखते हैं,संत पापा

संत पापा फ्राँसिस ने सीरिया के फ्राँसिसकन पुरोहितों के पत्र के जवाब में कहा कि उन्होंने पीड़ित सीरियाई भूमि में अपनी गवाही दी है। मानव के मुक्ति इतिहास में उचित तरीके से भाग लेने के लिए ख्रीस्तियों के शहादत से ज्यादा और कुछ भी नहीं हो सकता है।

माग्रेट सुनीता मिंज-वाटिकन सिटी

वाटिकन सिटी, बुधवार 28 नवम्बर 2018 (रेई) : संत पापा फ्राँसिस ने सीरिया के फादर हन्ना और फादर लुई के पत्र के लिए सहृदय धन्यवाद दिया जिसमें उन्होंने सीरिया के लोगों की पीड़ा से अवगत कराया।

संत पापा ने पत्र में लिखा,"मैं आपकी पीड़ा साझा करना चाहता हूँ और आपको बताता हूँ कि मैं आपके और ख्रीस्तीय समुदायों के करीब हूँ, जो येसु मसीह में विश्वास के कारण में दुःख सहते हैं। येसु मसीह आपके दर्द में आपके साथ हैं। येसु को भी अपने जीवन काल में गरीबी और शरणार्थी जीवन जीना पड़ा था। येसु ख्रीस्त के रहस्य को हम अपने जीवन में जीते हैं। आप और प्रिय सीरिया के निवासियों में हम पीड़ित येसु को देखते हैं।"

संत पापा ने कहा कि मानव के मुक्ति इतिहास में उचित तरीके से भाग लेने के लिए ख्रीस्तियों की शहादत से ज्यादा और कुछ भी नहीं हो सकता है। हमारे शहीद ईश्वर के राज्य को आगे ले जाते हैं और भविष्य के लिए ख्रीस्तीयता का बीज बोते हैं। वे ही सही रुप में कलीसिया की गरिमा और हमारी आशा हैं। जीवन के तुफानों के बीच भी उनकी गवाही स्थिर बनी रहती है उनके अस्तित्व की तरंगों से हमें मोक्ष का एक अप्रत्याशित संकेत मिलता है। प्रभु की माता मरियम, चुपचाप क्रूस पर चढ़ाए गए अपने निर्दोष पुत्र को देखती हैं जिन्होंने हमारे जीवन का उद्धार किया है।"

संत पापा फ्राँसिस ने कहा कि वे पवित्र यूखारिस्त में उनकी याद करते हैं और उनकी पीड़ा को दिव्य आशा में रूपांतरित करने हेतु प्रार्थना करते हैं। प्रेरित संत पौलुस रोमियों के नाम पत्र में पुष्टि करते हैं 'कौन हमें मसीह के प्यार से अलग करेगा? शायद विपत्ति, पीड़ा, उत्पीड़न, भूख, नग्नता, खतरा, तलवार? जैसा कि धर्मग्रंथ में लिखा है-तेरे कारण दिन भर हमारा वध किया जाता है। वध होने वाले भेड़ों में हमारी गिनती हुई। किन्तु इन सब बातों पर उन्हीं के द्वारा सहज ही विजय प्राप्त करते हैं जिन्होंने हमें प्यार किया।"

अंत में संत पापा ने माता मरियम की छत्र छाया में सीरिया की कलीसिया एवं सभी धर्मगुरुओं को समर्पित किया और उन्हें अपना प्रेरितिक आशीर्वाद दिया।

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28 November 2018, 15:55