अग्रीजेनतो महाधर्मप्रांत के गुरुकुल छात्रों संग संत पापा अग्रीजेनतो महाधर्मप्रांत के गुरुकुल छात्रों संग संत पापा 

अग्रीजेनतो महाधर्मप्रांत के गुरुकुल छात्रों को संत पापा का संदेश

संत पापा फ्राँसिस ने शनिवार, 24 नवम्बर को वाटिकन के सामान्य लोकसभा परिषद् भवन में अग्रीजेनतो महाधर्मप्रांत से आये महाधर्माध्यक्ष कार्डिनल मोन्तेनेग्रो और 40 गुरुकुल छात्रों से मुलाकात की।

माग्रेट सुनीता मिंज-वाटिकन सिटी

संत पापा ने कार्डिनल मोन्तेनेग्रो और वहाँ उपस्थित सभी गुरुकुल छात्रों का स्वागत किया और परिचय भाषण के लिए धन्यवाद दिया। संत पापा ने कहा कि हाल ही में युवाओं पर सिनॉड सम्पन्न हुआ। संत पापा ने उनके व्यक्तिगत और सामुदायिक जीवन के लिए चिंतन हेतु कुछ विचार सिनॉड से लिया।

संत पापा ने प्रतिभागियों का ध्यान एम्माऊस के चेलों के आईकन की ओर आकर्षित कराया जो युवाओं पर चल रहे सिनॉड के सभी कार्यों को निर्देशित किया है और यह उनके जीवन को प्रेरित करना जारी रख सकता है।

यात्रा

संत पापा ने कहा,“यात्रा हमारी पहली कुंजी है: जी उठे येसु ख्रीस्त,वे हमारी जीवन यात्रा में मिलते हैं। वे हमारे मार्ग हैं। उन्होंने हममें से प्रत्येक को अपने साथ जीवन जीने के लिए बुलाया है। वे हमारे विश्वास को मजबूत करते और वे ही हमारी आशा हैं।  वे हमारे प्रकाश और अंधकार के क्षणों को जानते हैं। इस जीवन यात्रा में वे हमसे मिलते हैं, हमारी सुनते हैं और हमसे बातें करते हैं।

सुनना

संत पापा ने कहा,“हमारी जीवन यात्रा की दूसरी कुंजी हैःसुनना। एम्माऊस के मार्ग में दोनों चेलों ने येसु की बातों को सुना। उनकी बातों को सुनकर उनके हृदय की दुविधा समाप्त हो गई। उन्होंने जी उठे येसु को पहचान लिया। उसी प्रकार आप भी प्रभु के वचनों को सुनें उनपर विचार करें। यदि आप प्रभु की बातों को सुन सकेंगे तो आप दूसरों की बातों को भी सुन और समझ सकेंगे। एक पुरोहित के लिए दूसरों को सुनना बहुत जरुरी है। आप अभी से इसके लिए अपनी तैयारी करें।

आत्म-परिक्षण

संत पापा ने कहा,“हमारी तीसरी कुंजी है आत्म-परिक्षण। सेमिनरी आत्म-परिक्षण का स्थान और समय है। येसु ने अपने बारह चेलों को बड़े धीरज के साथ शिक्षा दी। उनकी बातों को सुना। एक अच्छे मित्र की तरह उनको बोलने की स्वतंत्रता दी। उनके निर्णयों को स्वीकार किया साथ ही उन्हें चुनौती भी दी। संत पापा ने कहा कि सेमिनरी में आत्म-परिक्षण को गंभीरता से न लेने की वजह से वर्तमान में कई पुरोहित अनेक कठिनाईयों का सामना कर रहे हैं। यही बात वैवाहिक जीवन के लिए भी लागू होती है।

संत पापा ने कहा कि बुलाहट और आत्म-परिक्षण का रहस्य पवित्र आत्मा की उत्कृष्ट कृति है, जिसके लिए युवा व्यक्ति के सहयोग की आवश्यकता होती है और इस प्रक्रिया में वयस्क उनका साथ देते हैं।

मिशन

संत पापा ने कहा,“हमारी चौथी कुंजी है मिशन। एम्माऊस में येसु से मुलाकात कर दो शिष्य "येरूसलेम लौट आए"। वहां प्रेरितों के समुदाय के सदस्य बन गये। प्रेरितों का समुदाय पवित्र आत्मा की शक्ति से पूरी तरह से मिशनरी बन गया।" संत पापा फ्राँसिस ने इस बात पर जोर देते हुए उन्हें समुदाय में रहने हेतु प्रोत्साहित किया ताकि वे कलीसियाई भाईचारे की गवाही दे सकें। 

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24 November 2018, 17:22