वेनिस में एसीएस के पहल की प्रस्तुति वेनिस में एसीएस के पहल की प्रस्तुति 

वेनिस में एसीएस की पहल को संत पापा का संदेश

इटली के वेनिस शहर में पीड़ितों की मदद करने वाली कलीसियाई संगठन एसीएस ("अयूता ला कियेसा के सोफ्रे" या चर्च इन नीड) एवं वेनस धर्मप्रांत की ओर से 20 नवम्बर की संध्या को "वेनिस इन रेड" (वेनिस में लाल) का आयोजन किया गया है।

उषा मनोरमा तिरकी-वाटिकन सिटी

वाटिकन सिटी, मंगलवार, 20 नवम्बर 2018 (रेई)˸ यह आयोजन उन हजारों ख्रीस्तियों की स्मृति में की गयी है जो विश्व के विभिन्न हिस्सों में अत्याचार के शिकार हो रहे हैं, विशेषकर, इसका आयोजन पाकिस्तान की ख्रीस्तीय महिला आसिया बीबी के नाम पर किया गया है जिसकी निर्दोषता को पहचानकर पाकिस्तान के सुप्रीम कोर्ट ने 31 अक्टूबर को उन्हें सभी आरोपों से बरी कर दिया।  

वेनिस में लाल रोशनी

इस अवसर पर वेनिस के सबसे बड़े नहर एवं अन्य महत्वपूर्ण स्थलों को लाल बत्ती से रौशन किया जाएगा।

वाटिकन राज्य सचिव कार्डिनल पीयेत्रो परोलिन ने संत पापा फ्राँसिस की ओर से वेनिस के प्राधिधर्माध्यक्ष फ्राँचेस्को मोरालिया को एक तार संदेश प्रेषित कर उन्हें इस अवसर के लिए प्रोत्साहन दिया।

एसीएस ने एक प्रेस विज्ञप्ति जारी कर बतलाया कि संत पापा अपने पत्र में उम्मीद करते हैं कि "वेनिस में लाल रोशनी" की पहल, जिसका आयोजन आज शाम को वेनिस के प्राधिधर्माध्यक्ष एवं पीड़ितों की मदद करने वाली कलीसियाई संगठन के संयुक्त सहयोग द्वारा किया गया है, वह हर प्रकार के भेदभाव की गंभीर समस्याओं की ओर लोगों का ध्यान खींचेगा जिनका सामना विश्व के विभिन्न हिस्सों में ख्रीस्तीय कर रहे हैं।

संत पापा द्वारा तीर्थयात्रियों का अभिवादन

मोनसिन्योर फ्राँचेस्को को प्रेषित संदेश में संत पापा ने उन सभी युवाओं का सस्नेह अभिवादन किया है जो धर्मप्रांत की इस तीर्थयात्रा में भाग लेंगे जहाँ स्वास्थ्य की रानी माता मरियम महागिरजाघर, बड़े नाले, रियाल्तो पुल तथा शहर के महत्वपूर्ण स्थलों को लाल बत्ती से रौशन किया जाएगा।

आयोजन का मुख्य उद्देश्य

इस आयोजन का मुख्य उद्देश्य विश्वास के लिए अत्याचार के शिकार ख्रीस्तियों की ओर लोगों का ध्यान आकृष्ट करना है।

संदेश में यह भी कहा गया है कि कई ऐसे देश हैं जहाँ एक धर्म को थोप दिया गया है जिसके कारण वहाँ हिंसक अत्याचार हो रहे हैं अथवा येसु के शिष्यों पर व्यवस्थित सांस्कृतिक अपमान किया जा रहा है। यही कारण है कि एसीएस ने इस तरह के अवसरों का आयोजन कोलोसेयुम और कई अन्य जगहों में किया है ताकि धार्मिक स्वतंत्रता के हनन की ओर लोगों का ध्यान खींचा जा सके।

पत्र में कहा गया है कि यह मानव का एक मौलिक अधिकार है जिसको पहचाना जाना चाहिए क्योंकि यह उसके सबसे महान प्रतिष्ठा को प्रतिबिम्बित करता है।

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20 November 2018, 16:25