ग्रीक काथलिक कलीसिया के प्रतिनिधि से मुलाकात करते संत पापा ग्रीक काथलिक कलीसिया के प्रतिनिधि से मुलाकात करते संत पापा 

स्लोवाकिया के ग्रीक काथलिक तीर्थयात्रियों को संत पापा की सलाह

संत पापा फ्राँसिस ने शनिवार 6 अक्टूबर को स्लोवाकिया की ग्रीक काथलिक कलीसिया के 1,300 तीर्थयात्रियों से मुलाकात की, जो प्रेसोव धर्मप्रांत की स्थापना की 200वीं वर्षगाँठ के उपलक्ष्य में तीर्थयात्रा कर रहे हैं। संत पापा ने उनकी कलीसिया में विविधता में एकता की सराहना की।

उषा मनोरमा तिरकी-वाटिकन सिटी

संत पापा ने उन्हें सम्बोधित कर कहा, "स्लेवाकिया में ग्रीक काथलिक कलीसिया को, उसकी कलीसियाई जीवन में विविधता में सुन्दरता की अभिव्यक्ति पर गौर किया सकता है जो न केवल कलीसिया को हानि से बचाता बल्कि इसका साक्ष्य भी देता है।"

संत पापा ने कहा, "इस अवसर पर मैं आप सभी का अभिवादन करता हूँ।" उन्होंने वहाँ के धर्माध्यक्षों को सम्बोधित कर कहा कि ईश्वर ने जिन लोगों को उन्हें सौंपा है वे उनके मार्गदर्शक एवं धर्मपिता बने रहें। शहीद धर्माध्यक्ष पीटर पावेल गोजदिक तथा वासिल होपको के आदर्शों को अपनायें। सुसमाचार का प्रचार करें, शांति, उदारता, विनम्रता और सादगी के वाहक बनें। ईश्वर के समान पितृतुल्य हृदय से प्रेरितिक कार्यों को सम्पन्न करें। ख्रीस्त का अनुसरण करें जो सेवा कराने नहीं बल्कि सेवा करने आये।     उन्होंने कहा कि इस तरह पुरोहित जो उनके प्रथम सहयोगी हैं वे अधिक उत्साह, खुशी एवं तत्परता से उन्हें अपना सहयोग देंगे।

अपने मूल की खोज करें 

संत पापा ने पुरोहितों को सम्बोधित कर कहा, "ईश्वर की पवित्र प्रजा के बीच सेवा देने के लिए धन्यवाद देता हूँ। उन्होंने स्लेवाकिया के ग्रीक काथलिक कलीसिया के धर्मसमाजियों को भी सम्बोधित किया तथा उन्हें धन्य शहीद मेतोड दोमिनिक त्रखा के आदर्शों को अपनाने की सलाह दी।

स्वोवाकिया के लोकधर्मी तीर्थयात्रियों को सम्बोधित कर उन्होंने कहा कि उनके चेहरे पर उत्साह एवं कलीसिया के प्रति दृढ़ विश्वास झलक रहा है जो अपनी प्रतिष्ठा एवं कलीसियाई पहचान के प्रति उनकी गरिमा को दर्शाता है। इस तरह वे उस सुसमाचार प्रचार के सुयोग्य संतान होने की अभिव्यक्ति कर रहे हैं जो परमधर्मपीठ के साथ पूर्ण निष्ठा के साथ, यूरोप के संरक्षक संत सिरिल एवं मेथोदियुस ने किया है। संत पापा ने कहा कि पूर्व और पश्चिम में यूरोप को अपने मूल एवं बुलाहट को पुनः खोजने की आवश्यकता है तथा ख्रीस्तीय मूल के द्वारा ही वे एक पेड़ की तरह विकसित हो सकते हैं जो जीवन की हर परिस्थिति एवं चरण में मानव की प्रतिष्ठा का फल उत्पन्न करता करता है।

बैजनटाईन परम्परा को बनाये रखें, संत पापा

संत पापा ने सभी तीर्थयात्रियों को प्रोत्साहन दिया कि वे अपनी बैजनटाईन परम्परा को बनाये रखें। उसे खोज निकालें तथा जीयें, जानना एवं प्यार करना सीखें। वाटिकन द्वितीय ख्रीस्तीय एकता समिति ने सिखलाया है कि हम सुसमाचार प्रचार एवं धर्मशिक्षा के रास्ते पर अधिक ध्यान दें। उन्होंने माता मरियम से प्रार्थना की कि वे जो अपने बच्चों को आशा एवं स्नेह से निहारती हैं परीक्षा की घड़ी कलीसिया की रक्षा करें। उन्होंने कामना की कि ईश्वर स्लोवाकिया की ग्रीक काथलिक कलीसियाई समुदाय को आशीष प्रदान करे।

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06 October 2018, 15:41