खोज

धर्मसभा मेें युवा प्रतिभागी धर्मसभा मेें युवा प्रतिभागी 

युवाओं की चाह, हम बोलें- धर्मसभा

शनिवार को युवाओं पर चली रही धर्माध्यक्षीय धर्मसभा की प्रेस विज्ञाप्ति के दौरान युवाओं के अधिकार, उनका विकास, धर्मग्रंथ का महत्व और याजकीय वर्ग द्वारा यौन शोषण और समलैंगिक आकर्षण जैसे कई मुद्दों पर प्रकाश डाला गया।

दिलीप संजय एक्का-वाटिकन सिटी

वाटिकन सिटी, सोमवार, 22 अक्टूबर 2018(रेई) “युवा, बुलाहट और आत्म-परीक्षण” की विषयवस्तु से चल रही धर्माध्यक्षीय धर्मसभा की शनिवारीय प्रेस विज्ञाप्ति में वाटिकन संचार विभाग के अधिकारी डा. पॉलो रुफीनी ने कहा कि धर्मसभा का तृतीत भाग, युवाओं के संबंध में प्रतिउत्तर, समाप्त हो चुका है और दस्तावेज पर कार्य जारी है। दस्तावेज विचार-मंथन, चिंतन और सुधार हेतु मंगलवार धर्माध्यक्षीय धर्मसभा में पेश किया जायेगा।

अपनी अभिव्यक्ति का उपयोग

यूएसए के कार्डिनल ब्लेज़ कपिच ने कहा कि वे अपने ओर से युवाओं की आवाज बनने हेतु यथा संभंव प्रयास करेंगे क्योंकि यह धर्माध्यक्षों से उनकी मांग है। युवा अपनी ओर से युद्ध, गरीबी, बेरोजगारी, प्रवासन, हथियार व्यापार और सरकारों के बारे जो समस्याओं के समाधान हेतु युद्ध के लिए आतुर हो जाते हैं पर अपने विचार व्यक्त किये। युवाओं ने धर्माध्यक्षों से कहा कि वे उनकी आवाज को आवाज देते हुए उनके विचारों को प्रस्तुत करें। वे चाहते हैं कि धर्माध्यक्ष उनके विचारों को विश्व के नेताओं के समक्ष प्रस्तुत करें क्योंकि जो निर्णय वर्तमान में लिए जा रहे हैं वे उऩकी पीढी के भविष्य को नष्ट कर देगा।

घर में रहने का अधिकार

अमेरीकी कार्डिनल कपिच और पापुआ न्यू गिनी के कार्डिनल जॉन रिबाट ने कहा कि यद्पित बहुत से लोग अपने प्रवास का चुनाव करते हैं लेकिन हमें यह स्वीकार करने की जरुरत है कि लोगों को अपने देश में रहने और उसका विकास करने का अधिकार है। लोग अपनी सरजमीं अपनी भाषा और संस्कृति से अलग होना नहीं चाहते हैं।

धर्मग्रंथ का स्थान

ऑस्ट्रेलिया के महाधर्माध्यक्ष पीटर एंड्रयू कॉमेंसोली ने कहा कि धर्मसभा में दौरान विचार मंथन का दौर विशेष कर छोटे समुदाय में, अपनी गहराई तक पहुँची है। धर्मामध्यक्षों ने बाईबल को अपना आधार बनाते हुए अपने विचारों को व्यक्त किया है। धर्मसभा की अभिलाषा यही है कि धर्मग्रंथ युवाओं को उनके जीवन की सच्चाई से रूबरू करते हुए अर्थ पूर्ण जीवन जीने का मर्म सिखलायें।

याजकों द्वारा यौन शोषण

महाधर्माध्यक्ष कॉमेंसोली ने कहा कि याजकों द्वारा यौन दुराचार प्रारंभ से ही धर्मसभा की विषयवस्तु रही है। धर्मसभा ने इस बात को स्वीकार किया है कि कलीसिया इस मुद्दे पर असफल रही है और इस विषय पर ध्यान नहीं दिया गया  है। वह अपनी गलतियों के लिए क्षमा की याचना करती है और दोषियों के प्रति कार्रवाई हेतु वचनबद्ध है। उन्होंने कहा कि इस मुद्दे पर धर्मसभा में बातें हुई हैं लेकिन संत पापा फ्रांसिसि द्वारा फरवरी के महीने में इस विषय पर चिंतन हमें इसकी गहराई तक जाने में मदद करेगा।

कार्डिनल कपिच ने कहा कि युवाओं ने अपने विचारों को स्पष्ट किया है कि धर्माध्यक्ष प्रभावित लोगों के पास पहुँचें और वे इसका ठोस लेखा चाहते हैं। वे कहते हैं कि इस संबंध में किसी पर रहम नहीं किया जाये। युवा धर्माध्यक्षों से पार्दशिता की मांग करते हैं। उन्होंने कहा कि धर्माध्यक्षों को यह पता है कि उन्हें इस मुद्दे पर सीधे तौर से बातें करने की आवश्यकता है।

कार्डिनल कपिच इस बात से आश्वस्त हैं कि संत पापा फ्रांसिस के द्वारा फरवरी के महीने में बुली गई सभा हमें ठोस रुप से इस विषय में कार्य करने हेतु निर्देशित करेगा क्योंकि वे स्वयं एक कार्य करने वाले व्यक्ति हैं। उन्होंने इस बात पर जोर देते हुए कहा कि यदि उनके ऊपर कोई दोषारोपित करता है तो वे इसकी जांच पड़ताल हेतु तैयार हैं। उन्होंने कहा कि विश्वासिगण, लोकधर्मी कलीसिया को इन अपराधों के दूषित परिणाम पर विचार करने और कलीसिया को सही रास्त पर लाने हेतु जोर देते हैं।

कार्डिनल कपिच और महाधर्माध्यक्ष कॉमेंसोली दोनों ने इस बात पर बल देते हुए कहा कि समलैंगिकता याजकीय वर्ग द्वारा यौन दुराचार का कारण नहीं है। उन्होंने कहा कि संयुक्त राज्य अमेरिका और ऑस्ट्रेलिया दोनों ने इस मुद्दे पर पेशेवर शोध किया है।

कलीसिया से अलगाव

धर्माध्यक्षों ने कहा कि धर्मसभा में युवा परिवारों, मित्रों के विचारों को व्यक्त करते हुए कहते हैं कि कलीसिया में दुराचार के कारण कई एक ने अपने को कलीसिया से तटस्थ कर लिया है। महाधर्माध्यक्ष कॉमेंसोली ने कहा कि धर्मसभा इस विषय पर विस्तार से अपने विचारों को रखेगी लेकिन इस मुद्दे को अपने धर्मप्रांत और स्थानीय सम्मेलन में चिंतन करने की जरुरत है। युवाओं द्वारा कलीसिया के दूरी के कई कारण हैं जो विभिन्न प्रान्तों के आधार पर अलग-अलग हो सकते हैं। कार्डिनल रिबोट ने कहा कि यह बहुत से युवाओं के लिए एक दुःखदायी विषय है क्योंकि वे इस मुद्दे पर बातें करने हेतु अपने को असक्षम पाते हैं। ये उनके परिवार और मित्र हैं जिन्होंने कलीसिया का परित्याग किया है।

समलैंगिक आकर्षण

कार्डिनल रिबोट ने कहा कि कलीसिया बिना भेदभाव किये सभी का स्वागत करती है। सभी कलीसिया को एक परिवार की तरह देखने की कोशिश कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि युवा समलैंगिक आकर्षक की विषयवस्तु को उचित रुप से समझने हेतु धर्माध्यक्षों को अपनी ओर से मदद दे रहे हैं।

उन्होंने कहा धर्मसभा में समलैंगिक आकर्षण के विषय में कई एक हस्तक्षेप हुए हैं। हम आशा करते हैं कि अंतिम दस्तावेज में इस विषय पर कुछेक बातों का जिक्र किया जायेगा। उन्होंने कहा कि हमें आशा है कि दस्तावेज में सभों के लिए कुछ न कुछ होगा यहाँ तक कि समलैंगिकों के लिए भी जिससे हम सभी यह अऩुभव कर सकेंगे कि यह हमारे लिए है। हमें यह नहीं भूलना चाहिए की ईश्वर की कृपा हमारे साथ है। कार्डिनल कॉमेंसोली ने कहा कि हम सभी पापी हैं जिसे ईश्वर अपने पास बुलाते हैं।  

Thank you for reading our article. You can keep up-to-date by subscribing to our daily newsletter. Just click here

22 October 2018, 16:49