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25 सितम्बर को ग्राउँड जीरो में शहीदों को श्रद्धांजलि अर्पित करते संत पापा 25 सितम्बर को ग्राउँड जीरो में शहीदों को श्रद्धांजलि अर्पित करते संत पापा 

संत पापाओं के साथ वर्ल्ड ट्रेड सेंटर में हमले की याद

11 सितम्बर को आतंकवाद ने जो बर्बरता दिखलाई थी उसके कारण संत पापा जॉन पौल द्वितीय, संत पापा बेनेडिक्ट 16वें एवं संत पापा फ्राँसिस ने विश्व का आह्वान किया था कि वह शांति और प्रेम की राह पर चले, जो हर प्रकार की घृणा एवं हिंसा से ऊपर उठाता है।

उषा मनोरमा तिरकी-वाटिकन सिटी

वाटिकन सिटी, मंगलवार, 11 सितम्बर 2018 (वाटिकन न्यूज)˸ न्यूयॉर्क में विश्व व्यापार केंद्र (वर्ल्ड ट्रेड सेंटर) पर 11 सितम्बर 2001 को हुए हमले के 17 साल पूरा हो जाने पर, हम तीन संत पापाओं के शब्दों एवं कार्यों की याद करते हैं।

संत पापा जॉन पौल द्वितीय - 2001

यह मंगलवार का दिन था। संत पापा जॉन पौल द्वितीय ने घटनाओं को टेलीविजन पर लाइव देखा। उनके प्रवक्ता ने बतलाया कि उसे देखकर पोप जॉन पौल द्वितीय ने अमरीका के राष्ट्रपति जॉर्ज विलियम बुश को टेलीफोन द्वारा सम्पर्क करने की कोशिश की ताकि अमरीका के लोगों के प्रति सहानुभूति प्रकट कर सकें। किन्तु राष्ट्रपति से उनका सम्पर्क, सुरक्षा कारणों से नहीं हो पाया। उसके बाद संत पापा ने तार संदेश भेजा। जिसमें उन्होंने अमानवीय आक्रमण की निंदा की तथा अमरीका के लोगों के लिए अपनी प्रार्थनाओं का आश्वासन दिया।

बुधवार को संत पापा ने दुःखित भाव से आमदर्शन समारोह का नेतृत्व किया, जहाँ उन्होंने कहा कि मानव इतिहास में यह एक अंधकारमय दिन था, यह मानव प्रतिष्ठा पर क्रूर आक्रमण था। मानव का हृदय एक पाताल है जहां अकथनीय क्रूरता उत्पन्न होती है। 

संत पापा बेनेडिक्ट सोलहवें

20 अप्रैल 2008 को संत पापा बेनेडिक्ट सोलहवें ने पहली बार न्यूयॉर्क स्थित ग्राउँड जिरो की यात्रा की ताकि आक्रमण के शिकार लोगों को श्रद्धांजलि दे सकें। वहां उन्होंने कोई भाषण नहीं दिया बल्कि एक प्रार्थना चढ़ाई। उसके बाद उन्होंने एक मोमबत्ती जला कर आक्रमण में मारे गये लोगों की याद की।

संत पापा फ्राँसिस - 2015

सात साल बाद संत पापा फ्राँसिस ने 25 सितम्बर 2015 को उसी स्थान का दौरा किया जहाँ केवल बहते जल की कल-कल ध्वानि सुनाई पड़ रही थी उन्होंने एक श्वेत गुलाब चढ़ाकर आक्रमण के शिकार लोगों को श्रद्धासुमन अर्पित किया। संत पापा ने इस प्रतीकात्मक स्थल पर अंतरधार्मिक सभा में भाग लिया तथा सभी धर्मों के लोगों से अपील की कि वे शांति को बढ़ावा दें। उन्होंने कहा, "मौत की जगह अब जीवन की जगह बन गयी। यह विनाश एवं मृत्यु के प्रवक्ता पर, बुराई पर भलाई की जीत का, घृणा एवं विभाजन के विपरीत, मेल-मिलाप एवं एकता का एक विजय गीत है।"

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11 September 2018, 16:38