ख्रीस्तीय जीवन की नवीन अभिव्यक्तियों की सराहना
जूलयट जेनेवीव क्रिस्टफर - वाटिकन सिटी
वाटिकन सिटी, शुक्रवार, 28 सितम्बर 2018 (रेई, वाटिकन रेडियो): सन्त पापा फ्राँसिस ने शुक्रवार को वाटिकन में ख्रीस्तियों के बीच एकता को प्रोत्साहित करने हेतु गठित परमधर्मपीठीय समिति की पूर्ण कालिक सभा के सदस्यों को सम्बोधित कर ख्रीस्तीय जीवन की नवीन अभिव्यक्तियों की सराहना की.
सन्त पापा ने कहा, आपके द्वारा पूर्णकालिक सभा के लिए चुना गया विषय - "पेंटेकोस्टल, करिश्माई और सुसमाचारी: एकता की संकल्पना पर प्रभाव"-अत्यधिक समसामयिक है. उन्होंने कहा, "ख्रीस्तीय जीवन की इन नवीन अभिव्यक्तियों की निरंतर वृद्धि एक बहुत ही महत्वपूर्ण घटना है, जिसे अनदेखा नहीं किया जा सकता है."
पवित्र आत्मा की उपस्थिति को पहचानें
सन्त पापा ने कहा कि नवीन अभिव्यक्तियों से प्रेरित समुदाय प्रायः, उन विशिष्ठ भौगोलिक, सांस्कृतिक एवं सामाजिक पृष्ठभूमि से संलग्न होते हैं उनमें ये विकसित होते हैं. उन्होंने कहा कि हमारा दायित्व है कि ख्रीस्तीय होने के नाते हम इन समुदायों में पवित्र आत्मा की उपस्थिति को पहचानें तथा उनके साथ भ्रातृत्वपूर्ण सम्बन्ध बनाने हेतु तत्पर रहें. सन्त पापा ने कहा कि ऐसा तब ही सम्भव बन पड़ेगा जब हम प्रायः अज्ञान एवं ग़ैरसमझदारी से उत्पन्न परस्पर अविश्वास की भावना को अभिभूत कर पायेंगे.
प्रार्थना और ईश वचन का पाठ का महत्व
सन्त पापा ने परामर्श दिया कि ख्रीस्तियों के बीच उक्त नवीनताओं को प्रार्थना, ईश वचन के पाठ, ज़रूरतमन्दों की सेवा, सुसमाचार का प्रसार तथा हर अवस्था में व्यक्ति की प्रतिष्ठा और मानव जीवन की गरिमा को प्रस्थापित कर सुदृढ़ किया जा सकता है. उन्होंने कहा कि इस प्रकार हम काथलिक धर्मानुयायी अन्य ख्रीस्तीय सम्प्रदायों के अनुभवों को सराह सकेंगे तथा उनसे अपने समुदाय को समृद्ध कर सकेंगे और विभिन्न ख्रीस्तीय सम्प्रदाय के लोग काथलिक कलीसिया पर बनी पूर्वधारणाओं से मुक्त हो सकेंगे.
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