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जापान के "तेंस्हो केनोहो शिसेट्सु केन्शोकई" एसोसिएशन के प्रतिनिधियों के साथ संत पापा फ्राँसिस जापान के "तेंस्हो केनोहो शिसेट्सु केन्शोकई" एसोसिएशन के प्रतिनिधियों के साथ संत पापा फ्राँसिस 

अगले वर्ष जापान यात्रा की उम्मीद करता हूँ, संत पापा फ्राँसिस

संत पापा ने जापान के "तेंस्हो केनोहो शिसेट्सु केन्शोकई" एसोसिएशन के प्रतिनिधियों से मुलाकात कर उन्हें धर्म, संस्कृति और अर्थव्यवस्था द्वारा एक मानवीय दुनिया बनाने के लिए शांतिपूर्वक मिलकर काम करने हेतु उनकी प्रशंसा की।

माग्रेट सुनीता मिंज-वाटिकन सिटी

वाटिकन सिटी, बुधवार 12 सितम्बर 2018 (रेई) : संत पापा फ्राँसिस ने बुधवार 12 सितम्बर को वाटिकन के संत पौल छठे कक्ष में जापान से आये "तेंस्हो केनोहो शिसेट्सु केन्शोकई" एसोसिएशन के प्रतिनिधियों का सहृदय स्वागत किया। संत पापा ने फादर रेन्जो डे लूका और फादर शिनजो कावामूरा और प्रतिनिधियों से मिलने की खुशी जाहिर की।

संत पापा ने कहा कि 400 साल पहले सन् 1585 में कुछ येसु समाजी मिशनरियों के साथ चार जपानी युवाओं ने पहली बार रोम में संत पापा ग्रेगोरी बारहवें से मुलाकात की। जापान से पहली बार इन युवाओं ने युरोप की यात्रा की थी। इन युवाओं को न केवल संत पापा से भव्य स्वागत मिला अपितु यूरोप के अन्य देशों और शहरों जैसे लिस्बन, माडरिड, फ्लोरेंस, रोम, वेनिस, मिलान, जेनेवा.... में उन्हें स्वागत मिला। यूरोपीय लोगों को पहली बार जापानियों से मुलाकात करने का अवसर मिला था। यह दो बड़ी संस्कृतियों और आध्यात्मिक परंपराओं के बीच एक ऐतिहासिक मुलाकात थी।

संत पापा ने कहा कि उन चार युवाओं की यात्रा आठ से अधिक वर्षों तक चली थी पर “आपकी यात्रा छोटी और कम थकाऊ है।” संत पापा उम्मीद करते हैं कि उनके समान आप भी संत पापा के स्वागत से खुशी का अनुभव करेंगे और आप भी अपने देश में ख्रीस्तीय मूल्यों के संवर्धकों और दोस्ती के राजदूत के रूप में वापस जायेंगे। तेंशो युग के चार युवा लोगों ने वास्तव में यह प्रतिबद्धता और साहस दिखाई थी। संत पापा ने विशेष रूप से नेता मनसिओ इतो की याद की जो पुरोहित बन गये और जूलियन नाकोरा, जो कई अन्य लोगों की तरह नागासाकी के शहीदों की प्रसिद्ध पहाड़ी पर उनकी हत्या कर दी गई थी और उन्हें कलीसिया ने धन्य घोषित किया है।

एसोसिएशन के प्रयासों को बढ़ावा

संत पापा ने कहा, “मुझे पता है कि आपकी एसोसिएशन संस्कृति और एकजुटता की अच्छी परियोजनाओं को बढ़ावा देती है। मैं विशेष रूप से युवाओं और अनाथों के प्रशिक्षण के लिए एक फंड स्थापित करने के अपने वर्तमान प्रयासों को प्रोत्साहित करता हूँ। उनकी समस्याओं के प्रति संवेदनशील कंपनियों के योगदान के लिए उन्हें धन्यवाद देता हूँ। आप यह दिखाना चाहते हैं कि धर्म, संस्कृति और अर्थव्यवस्था मानवीय दुनिया बनाने के लिए शांतिपूर्वक मिलकर काम कर सकती है। संत पापा ने मानव परिवार के लिए उनकी प्रतिबद्धता को स्वीकार करते हुए कहा कि उनकी भी पूरी कोशिश है उन्होंने अपने प्रेरितिक उद्बोधन लौदातो सी में भी यही लिखा है। यह हमारे आम घर के भविष्य के लिए सही रास्ता है।”

अगले वर्ष जापान जाने की योजना

अंत में संत पापा ने उन्हें पुनः धन्यवाद देते कहा, “आपके चार युवा पूर्वजों के समान आप भी  रोम के परमाध्यक्ष की दोस्ती और पूरी काथलिक कलीसिया के सम्मान को अपने प्यारे देशवासियों तक पहुँचायें। इस अवसर का लाभ उठाते हुए, मैं अगले वर्ष जापान आने की अपनी योजना से आपको अवगत करना चाहता हूँ। मैं इस इच्छा को पूरा करने में सक्षम होने की उम्मीद करता हूँ।”

इतना कहने के बाद संत पापा फ्राँसिस उनसे विदा लिये और बुधवारीय आमदर्शन समारोह हेतु संत पेत्रुस महागिरजाघर के प्रांगण की ओर प्रस्थान किये।

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12 September 2018, 17:01