संत क्लेमेंटीन सभागार में  संदेश देते हुए संत पापा फ्राँसिस संत क्लेमेंटीन सभागार में संदेश देते हुए संत पापा फ्राँसिस 

प्रार्थना करना सीखने से कभी पीठे न हटें, संत पापा फ्राँसिस

संत पापा फ्राँसिस ने वाटिकन के संत क्लेमेंटीन सभागार में कपुचीन फ्रायर माइनर धर्मसंघ की महासभा के प्रतिभागियों से मुलाकात कर उन्हें असीसी के गरीब संत फ्राँसिस ने सुसमाचार के आनंद को दुनिया में फैलाने हेतु प्रोत्साहित किया

माग्रेट सुनीता मिंज-वटिकन सिटी

वाटिकन सिटी, शुक्रवार, 14 सितम्बर 2018 (रेई) : संत पापा ने धर्मसंघ के नव नियुक्त जेनरल फ्रायर रोबेरतो जेनुइन और उसके सहयोगियों को व्यक्तिगत रूप से बधाई दी और धर्मसंघ की महासभा के प्रतिभागियों का स्वागत करते हुए कहा, “आपने इन दिनों नये जेनरल और नई कार्यकारी समिति के चुनाव के साथ-साथ महासभा के विषय ‘मुझसे सीखो.....और तुम पाओगे (मत्ती 11,29) पर गहराई से विचार-विमर्श किया है और विश्व भर में फैली धर्मसंध के प्रेरितिक और रचनात्मक दृष्टिकोण को निश्चित किया है। साथ ही एक महत्वपूर्ण दस्तावेज ‘राशियो फोरमाशियोनिस ओरदिनिस’ के अध्ययन में पर्याप्त समय दिया है यह दस्तावेज धर्मसंघी को सुसमाचारी जीवन जीने के लिए और सबसे गरीब और हाशिये पर जीवन यापन करने वालों की सेवा में खुद को समर्पित करने का दिशा-निर्देश देता है।

सच्ची महानता सेवक बनने में

संत पापा ने कहा कि वे दिव्य गुरु येसु मसीह और संत फ्राँसिस के पदचिन्हों पर चलते हुए नम्रता और उदारता के साथ सभी धार्मिक गतिविधि को सम्पन्न करने का प्रयास करें। इस तरह वे वास्तविक रुप में अपनी दीनता और उदार कार्यों को करते हुए संत फ्राँसिस के "माइनर्स", आदर्शों की पहचान प्रस्तुत करते  हैं। यह कलीसिया के लिए और हमारे समय की मानवता के लिए एक अनमोल उपहार है। इस प्रकार ईश्वर कार्य करते हैं: विनम्रता और सादगी ईश्वर की शैली है; और इसी शैली में जीने के लिए ईश्वर ने सभी ख्रीस्तियों को बुलाया है। सच्ची महानता, दूसरों से छोटा और सेवक बनने में है।

आपके धर्मसंघ का इतिहास मसीह और सुसमाचार के कई साहसी गवाहों से भरा है, जहाँ से कई संत और धन्य घोषित किये गये हैं। उनकी पवित्रता आपके संघ की पहचान एवं करिश्मा के फलदायी होने की पुष्टि करती है : शहादत तक ईश्वर को पूर्ण समर्पण, लोगों के बीच सरल जीवन, गरीबों के प्रति संवेदनशीलता, निकटता और नम्रता के रूप में आध्यात्मिक संगतता जो हमें हर किसी का स्वागत करने के लिए प्रेरित करती है।  

सुसमाचार प्रचार में योगदान

संत पापा ने कहा कि वे सुसमाचार प्रचार में कलीसिया को बहुत बड़ा योगदान देते हैं, विशेष रुप से विभिन्न संस्कृति के गरीब और पीड़ित लोगों के साथ उनका सीधा संबंध है। असीसी के गरीब संत फ्राँसिस ने सुसमाचार के आनंद को दुनिया में फैलाने के लिए अपने आप को समर्पित किया। येसु के वचनों द्वारा जीवन के हर संदर्भ में नई रोशनी प्रदान किया। उन्होंने कहा, “मजबूत आध्यात्मिकता पैदा करने के लिए प्रार्थना करना सीखने से कभी पीठे न हटें। प्रार्थना ही हमें ईश्वर से जोड़ती है।” अंत में संत पापा ने उन्हें संत फ्राँसिस की भांति आनंद के साथ प्रेरितिक कार्यों को करने के लिए प्रेरित किया।

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14 September 2018, 15:59