संत पापा पलेरमो में युवाओं के साथ संत पापा पलेरमो में युवाओं के साथ 

बेहतर भविष्य के लिए आशा कभी न छोड़ें

संत पापा फ्राँसिस ने सिसली की अपनी एक दिवसीय प्रेरितिक यात्रा के दौरान, अंत में पलेरमो में युवाओं से मुलाकात की और युवाओं के कुछ प्रश्नों का उत्तर दिया।

माग्रेट सुनीता मिंज-वाटिकन सिटी

पलेरमो, सोमवार 17 सितम्बर 2018 (वाटिकन न्यूज) :  संत पापा फ्राँसिस की सिसली की एक दिवसीय प्रेरितिक यात्रा का अंतिम पड़ाव पलेरमो में युवाओं से मुलाकात करना था। पलेरमो के पोलीतेमा प्रांगण में संत पापा ने युवाओं से मुलाकात की और उनके द्वारा पूछे गये प्रश्नों का उत्तर दिया।

युवाओं का प्रश्न था कि वे ईश्वर की आवाज को किस तरह सुन सकते हैं?

संत पापा ने 4 क्रियाओं द्वारा इसका उत्तर दिया, चलना, खोजना, स्वपन्न देखना और सेवा करना। 

ईश्वर को सुनना

संत पापा ने कहा कि ईश्वर को हम चलते हुए सुन सकते और उसे पा सकते हैं, आराम कुर्सी में बैठकर नहीं। क्योंकि ईश्वर का वचन जीवित एवं गतिशील है। गतिशील रहकर ही हम उसे हासिल कर सकते हैं। संत पापा ने बाइबिल के कुछ उदाहरण दिया जैसे एमाउस जाते हुए दो चेले, दाउद और सामुएल सभी चल रहे थे। संत पापा ने कहा कि वे फिट रहने के लिए नहीं चल रहे थे लेकिन वे दिल से ईश्वर की खोज कर रहे थे। ईश्वर उन्हीं से बातें करते हैं जो उनकी खोज करते हैं।

संत पापा ने कहा कि कोई भी मोबाइल फोन, टेलीविज़न, बहरा करने वाला संगीत, अपने बंद कमरे के दर्पण के सामने अकेले बैठे या नशीली दवाओं के माध्यम से ईश्वर की खोज नहीं कर सकता है। ईश्वर रिश्तों के माध्यम से बोलते हैं। संत पापा ने युवाओं से आग्रह किया कि वे खुद को बंद न करें, लेकिन  अपने दिल के दरवाजे को प्रभु के लिए खोल दें। दिल के दरवाजे पर प्रभु दस्तक देते हैं और आपका इन्तजार करते हैं। उन्होंने उनसे अपने अनुभव साझा करने, दूसरों से मिलकर दोस्ती बनाने और एक साथ मिलकर कलीसिया में जीने का सुझाव दिया।

सपना देखना

संत पापा फ्राँसिस ने युवाओं को सपने देखने का भी आग्रह किया। उन्होंने कहा कि सपना टूटने के डर से आप सपना देखना बंद नहीं करें। सपना टूटना बड़ी घटना नहीं है। बड़ी घटना तब होगी जब आप सपना टूटने के डर से जीवन का सामना करना छोड़ दें। एक शांत जीवन में सेवानिवृत्त होने की तुलना में कुछ चोटों के साथ सुंदर सपनों की सवारी करना बेहतर है। एक आलसी यथार्थवादी से बेहतर है एक अच्छा आदर्शवादी। संत पापा ने युवाओं से आग्रह किया कि वे अपने सपनों को बुझने न दें। महान सपने दिल को आनंद प्रदान करते हैं इसलिए ईश्वर को दिल में प्रवेश करने की इजाजत दें।

सेवा करना

संत पापा ने कहा कि सिसली की यह धरती बहुतों का स्वागत करती और बहुतों से मुलाकात करती है। ईश्वर ने मनुष्य को कभी अकेला नहीं छोड़ा परंतु वे हमसे मिलने के लिए इस धरती पर आये। वे चाहते हैं कि हम अकेले-अकेले नहीं परंतु समुदाय में एक साथ मिलकर रहें। स्वागत और एकजुटता ये ख्रीस्तियों के विशिष्ट लक्षण हैं। संत पापा नेअपने आप को दूसरों की सेवा में समर्पित करने को कहा। दूसरों को खुशी देने के लिए अपना हाथ गंदा करने से पीछे न हटें। अपने गुणों और अपना समय दूसरों को देना ख्रीस्तीय जीवन की विशेषता है।

भविष्य का निर्माण

संत पापा ने सिसली के युवा लोगों से कहा कि वे भविष्य के निर्माता हैं जो उनके हाथों में है। उन्हें अपने हाथों से, अपने दिल,  जुनून,  प्यार और अपने सपने को दूसरों के साथ मिलकर बनाने की आश्यकता है।

संत पापा ने कहा कि सिसली को सच्चे पुरुषों और महिलाओं की जरूरत है जो कदाचार और शोषण की निंदा करते हैं,  जो कमजोर लोगों से प्यार करते हैं, जो वैधता के प्रति भावुक हैं और आंतरिक ईमानदारी को प्रतिबिंबित करते हैं।

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17 September 2018, 16:21