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टाल्लिन में राजनायिकों, प्रशासनिक अधिकारियों को संबोधित करते हुए संत पापा फ्राँसिस टाल्लिन में राजनायिकों, प्रशासनिक अधिकारियों को संबोधित करते हुए संत पापा फ्राँसिस 

एस्टोनियाःस्मृति और फलदायी देश

बाल्टिक देशों की चार दिवसीय प्रेरितिक यात्रा के दौरान संत पापा फ्राँसिस मंगलवार 25 सितम्बर को एस्टोनिया का दौरा किया। टाल्लिन में राजनायिकों, प्रशासनिक अधिकारियों और नागर समाज के वरिष्ठ सदस्यों से मुलाकात की।

माग्रेट सुनीता मिंज-वाटिकन सिटी

टाल्लिन, मंगलवार 25 सितम्बर 2018 (रेई) :  संत पापा फ्राँसिस राष्ट्रपति भवन में राष्ट्रपति महोदया से मुलाकात की और राजनायिकों, प्रशासनिक अधिकारियों और नागर समाज के वरिष्ठ सदस्यों को संबोधित किया।

संत पापा ने राष्ट्रपति महोदया के स्वागत भाषण के लिए धन्यवाद देते हुए टाल्लिन में राजनायिकों, प्रशासनिक अधिकारियों और नागर समाज के वरिष्ठ सदस्यों, संस्कृति की दुनिया के प्रतिनिधियों से मिलने की खुशी जाहिर की। मुझे आपकी संस्कृति के बारे में अधिक जानने की इच्छा है, और विशेष रूप से लचीलापन की क्षमता जिसने आपको विपत्ति की इतनी परिस्थितियों के सामने नया शुरू करने में सक्षम बनाया है।

एस्टोनियाःमरियम की भूमि

संत पापा ने कहा कि सदियों से यह देश “मरियम की भूमि” नाम से जानी जाती है। यह नाम न केवल आपके इतिहास का हिस्सा है लेकिन आपकी संस्कृति का हिस्सा भी है। मरिया मुझे दो शब्दों की याद दिलाती है: स्मृति और फलदायिता। मरिया स्मृति की महिला है जो अपने दिल में सभी को संजोए रखती है। वे फलदायी मां हैं जिन्होंने अपने बेटे को जन्म दिया।(लूक 2:19)

स्मृति की भूमि

संत पापा ने कहा कि यह स्मृति का देश है। इस देश के इतिहास में अलग-अलग समय में आपके लोगों को अनेक कठिनाइयों का सामना करना पड़ा। देश ने स्वतंत्रता के लिए बहुत संघर्ष किया। फिर भी, पिछले पच्चीस वर्षों में आप राष्ट्रों के परिवार में अपना उचित स्थान ले लिया है। एस्टोनियाई समाज ने "विशाल कदम" उठाया है। आपका देश, आकार में छोटा होने के बावजूद, मानव विकास के सूचकांक और नई खोज की क्षमता में आगे है। यह प्रेस की स्वतंत्रता, लोकतंत्र और राजनीतिक आजादी के क्षेत्रों में भी उच्च स्थान पर है। आपने कई देशों के साथ सहयोग और दोस्ती के बंधन भी बनाये हैं। अपने अतीत और वर्तमान पर विचार करते हुए आप पाते हैं कि आपके पास आशा के साथ भविष्य को देखने और नई चुनौतियों का सामना करने का सामर्थ्य है। स्मृति की भूमि यह याद दिलाती है कि आज जो कुछ आपने प्राप्त किया है वह आपके पूर्वजों के प्रयासों, कड़ी मेहनत, भावना का फल है। स्मृति के प्रति कृतज्ञता पैदा करने से आपके लिए उन सभी पुरुषों और महिलाओं से बने इतिहास के फल के रूप में आज की उपलब्धियों को पहचानना संभव हो जाता है। यह स्वतंत्रता को भी संभव बनाता है। साथ ही यह आपको आने वाली पीढ़ियों के लिए नए मार्गों को उजागर करने की चुनौती भी देता है।

फलदायी भूमि

संत पापा ने रोम को धर्माध्यक्ष के रुप में अपना अनुभव साझा करते हुए कहा कि जब उसने रोम में अपना सेवा कार्य शुरु किया था तो मानवता अपने इतिहास में एक महत्वपूर्ण मोड़ का अनुभव कर रही थी,  और आज बहुत सारे क्षेत्रों में विकास और प्रगति हुई है। हम लोगों के कल्याण में सुधार के लिए किए जा रहे कदमों की प्रशंसा करते हैं"(इवांजेलि गौडियम, 52)। फिर भी, हमें यह भूलना नहीं चाहिए कि "अच्छा जीवन" और जीवन को अच्छी तरह से जीना, एक ही बात नहीं है।

तकनीकी प्रभाव

तकनीकी समाजों को प्रभावित करता है, इन प्रभावों में से एक-जीवन के अर्थ और जीवन की खुशी पर नकारात्मक प्रभाव है। नतीजन धीरे-धीरे लोगों में आश्चर्य करने और खुश होने की क्षमता कम हो जाएगी और मानवीय अस्थित्व में उदासीनता प्रवेश करेगी।  एक संस्कृति और परिवार में निहित होने के बावजूद दूसरों के साथ संबंध और प्रतिबद्धता की भावना धीरे-धीरे खो सकती है। यह युवाओं को उनकी जड़ों, उनकी उपस्थिति और भविष्य के निर्माण के लिए आवश्यक नींव से वंचित कर सकती है। उन्हें स्वपन देखने, जोखिम लेने की क्षमता से वंचित कर सकती है। तकनीकी प्रगति में पूरा "विश्वास" रखने से पारस्परिक, पीढ़ीगत और अंतर-सांस्कृतिक बंधन बनाने की क्षमता को नुकसान हो सकता है। अतः हमें एक दूसरे के साथ मिलकर एक आम परियोजना का हिस्सा बनना बहुत महत्वपूर्ण है।  हम सभी को मिलकर सामाजिक, राजनीतिक, शैक्षिक और धार्मिक जिम्मेदारियों को वहन करना है।  

भूमि का फलदायी होना उन संदर्भों की मांग करती है जहाँ जड़ों को लगाया जा सकता है और यह समाज में  एक महत्वपूर्ण नेटवर्क को जन्म देता है, इसके समुदायों के सदस्य अपनापन महसूस करते हैं। समाज से अलग रहना और किसी से भी संबंध न रखने से बुरी बात क्या हो सकती है। भूमि फलदायी तभी होगी जब वहाँ के लोग फल उत्पन्न करेंगे और भविष्य को जन्म देंगे। आपसी सहयोग की भावना बढ़ेगी। पीढ़ियों और विभिन्न समुदाय एकता के बंधन में बंधे रहेंगे। इस प्रयास में, संत पापा ने देश की फलदायिता में योगदान देने के लिए उनके बीच एक छोटे समुदाय काथलिक कलीसिया के सहयोग और सहायता पर भरोसा रखने का आश्वासन दिया।  

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25 September 2018, 14:51