विमान में पत्रकारों को दिये गये साक्षात्कार में संत पापा विमान में पत्रकारों को दिये गये साक्षात्कार में संत पापा 

मैं चीन के साथ समझौता चाहता था, संत पापा फ्राँसिस

बाल्टिक देशों की प्रेरितिक यात्रा के बाद वापसी की उड़ान पर पत्रकारों को दिये गये साक्षात्कार में संत पापा ने चीन के साथ समझौते, तीन गणतंत्र देशों, हथियारों की निंदा और याजकीय दुर्व्यवहार पर टिप्पणियां की।

माग्रेट सुनीता मिंज-वाटिकन सिटी

विमान, बुधवार 26 सितम्बर 2018 (रेई) :  संत पापा फ्राँसिस ने लिथुआनिया,लातविया और एस्टोनिया की चार दिवसीय प्रेरितिक यात्रा समाप्त करके मंगलवार 25 सितम्बर संध्या टाल्लिन हवाई अड्डे से वापसी के लिए उड़ान भरी। विमान में पत्रकारों ने प्रेरितिक यात्रा के संदर्भ में तीन प्रश्न किया। संत पापा ने उन्हें कहा कि ये प्रश्न उनकी भावनाओं और यात्रा के अनुभवों को प्रकट करने के लिए काफी नहीं हैं अतः वे यात्रा पर और प्रश्न पूछें। संत पापा ने "तीन बहनों" लिथुआनिया, लातविया और एस्टोनिया की वास्तविकता में खुद को डाल लिया था और उनके सामूहिक स्मृति में बने घावों में पूरी तरह एक हो गये थे। बाल्टिक राष्ट्र वर्तमान में पश्चिम की ओर देख रहे हैं, जबकि पूर्व में उसकी जड़ें हैं। संत पापा आशा के साथ भविष्य में आगे बढ़ने की उम्मीद कर रहे हैं।

पहचान को संरक्षित रखा जाए

संत पापा ने बाल्टिक देशों की अपनी पहचानों के संरक्षण पर चर्चा की जिन्हें  क्रूर आक्रमणकारियों द्वारा अक्सर इसे बर्बाद करने का प्रयास किया गया था। उन लोगों द्वारा संरक्षित राष्ट्र की पहचान जिन्होंने अतीत में इसे तानाशाही के खिलाफ ढाल के रूप में इस्तेमाल किया था, आज बुजुर्गों का दायित्व है कि वे संस्कृति, विश्वास और कला की संपूर्ण विरासत युवाओं को हस्तांतरित करें। संत पापा ने विलनियुस के संग्रहालय में पीड़ितों को समर्पित यातना कक्षों की अपनी यात्रा को याद किया। कानूनी और अवैध हथियार व्यापार के "घोटाले" की निंदा की। यह "वैध" और माननीय है जब इसे मातृभूमि की रक्षा के लिए बनाया जाए, लेकिन राज्यों को एक तर्कसंगत और गैर आक्रामक, रक्षात्मक सेना प्रदान करनी चाहिए। संत पापा ने अंत में एक बार फिर से आप्रवासन के संबंध में "समझदारी" के सिद्धांत को याद किया, जिसमें बाल्टिक देशों में आने और जाने वाले लोग शामिल हैं और उन्होंने इस बात पर गौर किया कि कैसे राज्य के नए नियुक्त प्रमुखों ने "स्वागत" के मूल्य को पहचाना।

चीन: समझौते की "बुद्धिमत्ता"

संत पापा ने वर्तमान घटनाओं का जवाब देने के क्रम में चीन के साथ अस्थायी समझौता के बारे में कहा कि पिछले सप्ताहांत परिपक्व होने वाली घटनाओं की आलोचनाएं अच्छी तरह से जानी जाती हैं: कुछ ने वाटिकन पर कलीसिया को "बिक्री" करने का आरोप लगाया है। संत पापा फ्राँसिस ने समझौते के बारे में कहा, "मैंने इसे स्वयं हस्ताक्षर किया," इसके बारे में "मैं खुद जिम्मेदार हूँ"। उन्होंने उन लोगों के लिए प्रार्थना की मांग की जो "वर्षों से गुप्त" रहते हैं, जो आज इस समझौते के आयाम को समझ नहीं पा रहे हैं। उन्होंने कहा कि हर शांति समझौते में, "दोनों पक्षों को कुछ खोना पड़ता है।" फिर भी, संत पापा चीनी धर्माध्यक्षों को नियुक्त करते हैं। संत पापा ने वाटिकन वार्ता के मध्यस्थों के "धैर्य" और "ज्ञान" की प्रशंसा की- जिसमें कार्डिनल पारोलिन, मॉन्सियोर सेलि और फादर रोटा ग्राज़ियोसी शामिल हैं- उन्होंने कहा कि उन्होंने स्वयं धर्माध्यक्षों की सभी सामग्रियों का मूल्यांकन किया था, जिन्हें अभी तक परमाघ्यक्ष का अनुमोदन प्राप्त नहीं हुआ था। उन्होंने इस बात को भी इंगित किया कि धर्माध्यक्षों की नियुक्ति भविष्य में परमधर्मपीठ की विशेष चिंता नहीं होगी।

दुर्व्यवहार हैवान है

एस्टोनिया में युवा लोगों को दिये गये संदेश से प्रेरित एक जर्मन पत्रकार द्वारा याजक दुर्व्यवहार पर पूछे गये प्रश्न के उत्तर में संत पापा ने कहा, “यह "हैवान" होगा भले ही केवल एक ही पुरोहित ने ऐसे अपराध क्यों न किया हो।” उन्होंने जोर देकर कहा, “यौन दुर्व्यवहार हर जगह पाया जा सकता है, लेकिन कलीसिया में बहुत बदतर हैं क्योंकि पुरोहितों का फर्ज बनता है कि वे "बच्चों को ईश्वर के पास लायें," और इस मुद्दे पर कोई समझौता नहीं हो सकता। संत पापा ने कहा कि वर्तमान में अलग-अलग संवेदनशीलताएं देखने को मिलती हैं परंतु आज के न्याय के मानक व्याख्यान में अतीत को समझने की गलती नहीं करनी चाहिए। अतीत में इन अपराधों को "छिपाने का प्रयास किया गया", लेकिन आज "कलीसिया इस बारे में जागरूक हो गई है।"

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26 September 2018, 17:08