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राष्ट्रीय राज्य पुलिस संगठन के सदस्यों से मुलाकात करते संत पापा राष्ट्रीय राज्य पुलिस संगठन के सदस्यों से मुलाकात करते संत पापा 

सार्वजनिक हित में सभी को शामिल करें, पुलिस अधिकारियों से पोप

संत पापा फ्राँसिस ने शनिवार 29 सितम्बर को इटली के राष्ट्रीय राज्य पुलिस संगठन (एएनपीएस) के 7,000 सदस्यों से मुलाकात की तथा उनसे सार्वजनिक हित हेतु समर्पित होने की अपील की।

उषा मनोरमा तिरकी-वाटिकन सिटी

एएनएसपी एक ऐसा संगठन है जो उन पुलिसकर्मियों को एक साथ लाता है जो वर्तमान में कार्यरत हैं और जिन्होंने अपनी सेवा की अवधि समाप्त कर ली है।

संत पापा ने कहा कि उनका संगठन बहुत महत्वपूर्ण है क्योंकि इसमें वे ऐसे लोगों को भी शामिल कर सकते हैं जो पुलिस नहीं हैं किन्तु उनके मूल्यों एवं प्रतिबद्धता में सहभागी हो सकते हैं। इस तरह यह एक बृहद परिवार के रूप में उन सभी लोगों के लिए खुला होना चाहिए जो उनके सिद्धांतों को अपनाते हुए सार्वजनिक भलाई के लिए समर्पित होना चाहते हैं। एक ऐसा परिवार जो वैधता, सम्मान एवं सुरक्षा की संस्कृति को फैलाता हो।

सुरक्षा के अभाव का दुष्परिणाम कमजोर लोगों पर अधिक

उन्होंने कहा, "जब वैधता एवं सुरक्षा का अभाव हो जाता है तो कमजोर लोग सबसे पहले इसके शिकार बनते हैं क्योंकि उनके पास अपनी सुरक्षा के साधन कम होते हैं। वास्तव में, हर अन्याय का सबसे अधिक असर गरीबों एवं अंतिम कहे जाने वाले लोगों पर पड़ता है। हमारे विश्व में वे लोग अंतिम हैं जो युद्ध एवं तंगहाली के कारण अपनी मातृभूमि छोड़ चुके हैं तथा एक अलग परिवेश में नई शुरूआत कर रहे हैं। जिन्होंने अपना घर एवं अपनी नौकरी खो दी है तथा अपने परिवार की देखभाल हेतु संघर्ष कर रहे हैं, जो हाशिये पर जीवन यापन करते, जो बीमार हैं और जो अन्याय एवं शोषण के शिकार हैं।"

लोगों की सेवा को अधिक प्रोत्साहित करें

संत पापा ने राज्य पुलिस संगठन के सदस्यों से कहा कि वे उन सभी लोगों के करीब होते हैं जब वे समाज से अपराधों को दूर करने का प्रयास करते हैं। अपना समय एवं शक्ति युवाओं के प्रशिक्षण एवं स्कूलों के पर्यवेक्षण, क्षेत्रों की सुरक्षा तथा कलात्मक विरासतों की रक्षा में खर्च करते हैं। संत पापा ने उनके सभी उदार कार्यों के लिए धन्यवाद दिया तथा कहा कि वे लोगों की सेवा को अधिक प्रोत्साहित करें जो संबंधों का निर्माण करता और अधिक व्यवस्थित जीवन प्रदान करता है, वास्तव में, उनका समर्पण समाज में सम्मिलित किये जाने, समानता एवं भाईचारा जागृत करने का समर्पण है जो कभी बेकार नहीं होता।  

सुसमाचार का मूल्य, समाज के लिए खमीर

संत पापा ने गौर किया कि सुसमाचार के मूल्यों ने आरम्भिक ख्रीस्तीय शताब्दियों में मानव जीवन एवं समस्त समाज के मनोभाव में गहरा परिवर्तन लाया। लोगों के बीच भाईचारा का प्रचार हुआ किन्तु कालांतर में ऐसी संस्थाओं का प्रदुर्भाव हुआ जिसने दासता को न्यायसंगत ठहराने की कोशिश की। सुसमाचार में हम पाते हैं कि ईश्वर का संदेश जिसको येसु ने क्रूस पर मरकर, दूसरों को दोष न देकर बल्कि क्षमा करते हुए दिया, उन्होंने प्रेम के खातिर दुःख एवं अपमान सहते हुए, उसे पुनः बदल दिया तथा बहिष्कृत एवं परित्यक्त लोगों को नई प्रतिष्ठा प्रदान की।

इसके अलावा, महिलाओं, रोगियों एवं बच्चों के प्रति येसु के कार्यों ने "ख्रीस्त से पहले" की हर चीज के संबंध में तथा हिंसा एवं भावी पीढ़ी के लिए अन्याय के हर मनोभाव को एक गहन सांस्कृतिक मोड़ दिखाया।

संरक्षक महादूत मिखाएल के उदाहरणों पर

हम निश्चय ही हमारे समय में उसी शांति की आशा हम कर रहे हैं, यह जानते हुए कि जब हम उदारता का अभ्यास करते हैं, तब यह विश्व और इतिहास में परिवर्तन लाता है उस समय भी जब हम इसके प्रभाव को तत्काल महसूस नहीं करते। यही हमारा लक्ष्य है तथा राज्य पुलिस संगठन में रहकर वे इसी को अपना योगदान देते हैं।

संत पापा ने कहा कि संरक्षक महादूत मिखाएल के उदाहरणों पर वे उन सभी का विरोध करें जो व्यक्ति को पीड़ित अथवा नष्ट करता है। संत पापा ने उन्हें प्रोत्साहन दिया कि वे अपने कार्यों को उसी समर्पण के साथ जारी रखें।  

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राष्ट्रीय राज्य पुलिस संगठन के सदस्यों के साथ संत पापा
29 September 2018, 15:40