शांति स्थापना का कार्य हमेशा जारी

उषा मनोरमा तिरकी-वाटिकन सिटी

संत पापा फ्राँसिस की कोलोम्बिया यात्रा का एक साल पूरा हुआ। संत पापा फ्राँसिस ने यात्रा के दौरान कोलोम्बिया के विश्वासियों से अपील की थी कि वे ईश प्रजा के रूप में अपना हृदय द्वार खोलें तथा मन-परिवर्तन करें।

कोलोम्बिया में अपनी 20वीं प्रेरितिक प्रेरितिक यात्रा के दौरान संत पापा ने बोगोटा, विल्लाविचेनसो, मेडेलिन एवं कार्ताजेना का दौरा 6 से 10 सितम्बर 2017 को की थी।

संघर्ष के चिन्ह

संत पापा की यात्रा के दौरान कोलोम्बियाई सरकार एवं गोरिल्ला दल के बीच संघर्ष पर विशेष ध्यान दिया गया था जो करीब 50 वर्षों तक जारी थी। अतः यह कोई संयोग नहीं था कि संत पापा ने विल्लाविचेंसो में बिना बाहों एवं पैरों वाले येसु की मूर्ति के सामने ख्रीस्तयाग के दौरान राष्ट्रीय मेल-मिलाप कार्यक्रम का नेतृत्व किया था। येसु की इस प्रतिमा को 2002 में एक संघर्ष के दौरान क्षतिग्रस्त कर दिया गया था जो अब भी कोलोम्बियाई लोगों के लिए संघर्ष का स्मरण दिलाता है।

युद्ध के शिकार

कोलोम्बिया की यात्रा के दौरान संत पापा ने ऐसे लोगों के साक्ष्य सुने, जिनके बच्चे खो गये थे, जो विकलांग हो गये थे जिन्होंने युद्ध में भाग लिया था और जो फिर से आगे बढ़ रहे हैं। संत पापा ने उन से कहा था, "मैं आप सभी का आलिंगन करना, आपके साथ शोक मनाना एवं आपके लिए प्रार्थना करना चाहता हूँ और चाहता हूँ कि आप एक-दूसरे को माफ करते हुए भविष्य में आशा एवं विश्वास के साथ आगे बढ़ें क्योंकि घृणा अंतिम शब्द नहीं है बल्कि सच्चाई, न्याय एवं करुणा का अविभाज्य साथी है।" संत पापा ने लोगों को दर्द की चंगाई हेतु निमंत्रण दिया था तथा उन लोगों को स्वीकार करने की अपील की थी जिन्होंने अपराध किया था किन्तु अब पश्चाताप करते हुए शांति हेतु सुधार करने की चाह रखते हैं। उसके बाद संत पापा ने मेल-मिलाप के क्रूस के सामने मौन प्रार्थना की थी जिसपर मरने वालों की संख्या अंकित है। दुर्भाग्यवश ये संख्या बढ़ रही है क्योंकि हिंसा पूरी तरह समाप्त नहीं हुई है।

बोलिवर पार्क में ख्रीस्तयाग के दौरान उन्होंने कहा कि शांति की खोज एक ऐसी क्रिया है जो लगातार जारी रहती है जो सभी से प्रतिबद्धता की मांग करती है। उन्होंने लातीनी अमरीका के धर्माध्यक्षों से अपील की थी कि वे आशा को साकार करने के लिए प्रयत्नशील रहें।   

प्रेम एवं क्षमा

संत पापा ने विल्लाविचेंसो में शहीद धर्माध्यक्ष येसुस एमिलियो जारामिल्लो मोनसेलवे एवं शहीद फादर पेद्रो मरिया रामिरेज रमोस की धन्य घोषणा की थी जिन्हें हिंसा का शिकार होना पड़ा था। यात्रा के अंत में कार्ताजेना में उन्होंने कहा था कि क्षमा के द्वारा हिंसा का त्याग करना जरूरी है।

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06 September 2018, 16:44