संत स्तानिलास कोस्तका, 450 बरसी संत स्तानिलास कोस्तका, 450 बरसी 

पवित्रता की ओर दौड़ें

संत स्तानिलास कोस्तका की 450वीं बरसी पर पोलैण्ड के धर्माध्यक्ष पियोतर लिबेरा के नाम संत पापा का संदेश

दिलीप संजय एक्का-वाटिकन सिटी

वाटिकन सिटी, गरुवार 16 आगस्त 2018 (रेई) संत पापा फ्रांसिस ने माता मरियम के स्वर्गोंद्गहण महापर्व, 15 अगस्त को संत स्तानिलास कोस्तका की 450वीं बरसी पर पोलैण्ड के धर्माध्यक्ष पियोतर लिबेरा के नाम अपना संदेश प्रेषित किया।

संत स्तानिलास कोस्तका, एक महान संत

संत पापा फ्रांसिस ने अपने संदेश में लिखा,“येसु समाज के अति महान संतों में से एक संत स्तानिलास कोस्तका मात्र 18 वर्ष की आयु में एक गंभीर बीमारी का शिकार होकर पृथ्वी पर अपनी यात्रा समाप्त की। उनकी पुण्य तिथि के अवसर पर पोलाक धर्मप्रांत के विश्वासियों और पूरी पोलैण्ड की कलीसिया के साथ मिलकर मैं ईश्वर का धन्यवाद करता हूँ।”
संत पापा ने पोलैण्ड के धर्माध्यक्ष पियोतर लिबेरा के नाम संदेश में युवाओं को संबोधित करते हुए लिखा “संत स्तानिलास कोस्तका युवाओं के संत रक्षक संत हैं।” उन्होंने संत के सम्मान में कहे गये संत पापा जोन पौल द्वितीय के वचनों को उद्धृत करते हुए कहा, “उनके जीवन की छोटी यात्रा की तुलना “रोड़-रेस” से की जा सकती है जो माजोस्जे के रोस्तकोवा से शुरू हुई और वियेन्ना होते हुए रोम पहुंची, उनकी यह दौड़ हर ख्रीस्तीय के जीवन लक्ष्य पवित्रता को दिखलाती है।” (नवम्बर 13, 1988)

पवित्रता की दौड़

संत पापा ने युवाओं को लिखा, “प्रिय मित्रों, मैं जानता हूँ कि सितम्बर के महीने में आप लोग पैदल रोस्तकोवा संत के जन्म स्थल की तीर्थयात्रा करेंगे। यह स्तानिलास के जीवन का प्रथम चरण था जहाँ से उन्होंने पवित्रता की ओर अपनी दौड़ शुरू की। मैं आप सबों को प्रत्साहित करता हूँ कि आप न केवल सितम्बर के महीने में वरन अपने रोज दिन के जीवन में इस “दौड़” में लगे रहें। ईश्वर ने आप सभों को अपने प्रेम और शक्ति से भर दिया है। आप साहसी बनें। दुनिया को आपके विश्वास, उत्साह, सत्य, अच्छाई और सुन्दरता की जरूरत है। संत स्तानिलास हमें स्वतंत्र होने की शिक्षा देते हैं जो एक अंध दौड़ नहीं वरन जीवन के उत्तम चुनाव और हमारे व्यवहार का आत्म-परीक्षण है। वे हमें सर्वप्रथम येसु से अपनी मित्रता की शिक्षा देते हैं। वे हमें उनके वचनों को पढ़ने उन पर चिंतन करने और यूख्रारिस्त में उनकी शक्तिशाली उपस्थिति को देखने का निमंत्रण देते हैं जिससे हम दुनियावी मानसिकता पर विजय पा सकें। वे हमें साहसी और जोखिम उठाने की शिक्षा देते हैं जिससे हम सच्ची खुशी को प्राप्त कर सकें जो हमें येसु में प्राप्त होती है। “येसु जोखिमों के ईश्वर हैं, वे सदैव आगे जाते हैं...” वे आज की दुनिया के निर्माण हेतु आप के हाथों की मांग करते हैं। (विश्व युवा दिवस क्रकोवा 30 जुलाई 2016) वे हमें अपने आदर्श “मेरा जन्म बड़ी चीजों के लिए है”, को जीने हेतु मदद करें।
 

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16 August 2018, 17:16