बच्चे से स्नेहवश मिलते सन्त पापा फ्राँसिस, आयरलैण्ड बच्चे से स्नेहवश मिलते सन्त पापा फ्राँसिस, आयरलैण्ड  

तुआम शिशुओं पर मंत्री से सन्त पापा फ्राँसिस की बातचीत

एक आयरिश इतिहासकार कैथरीन कॉरलेस ने अपने अध्ययन के उपरान्त लिखा कि अविवाहित माताओं को समाज के कलंक से बचाने के लिये तुआम स्थित अनाथालय के 796 शिशुओं की हत्या कर उन्हें दफना दिया गया था। आयरलैण्ड के बाल कल्याण मंत्रालय के अनुसार इस स्थल पर एक स्मारक का निर्माण किया जायेगा।

जूलयट जेनेवीव क्रिस्टफर-वाटिकन सिटी

डबलिन, रविवार, 26 अगस्त 2018 (ए.पी.): आयरलैण्ड की राजधानी डबलिन में, शनिवार को, सन्त पापा फ्राँसिस ने तुआम शिशुओं पर आयरी शिशु कल्याण मंत्री कैथरीन ज़ाप्पोने से बातचीत की. सामाजिक कलंक और शर्म से बचने के लिये, तुआम स्थित एक काथलिक संचालित माता एवं शिशु गृह के प्राँगण में, अविवाहित माताओं के सैकड़ों शिशुओं को जन्म के तुरन्त बाद बड़े पैमाने पर दफनाया दिया गया था.

सन्त पापा फ्राँसिस एवं मंत्री कैथरीन ज़ाप्पोने के बीच क्या बातचीत हुई इसका विवरण प्रदान नहीं किया गया किन्तु वाटिकन के प्रवक्ता ग्रेग बुर्के ने बताया कि तुआम में बच्चों की दुर्दशा पर बातचीत के बाद सन्त पापा फ्राँसिस ने कहा कि उनके शब्द "अभी भी मेरे कानों में गूंज रहे हैं. "

शिशुओं की याद में बनेगा स्मारक

एक शौकिया आयरिश इतिहासकार कैथरीन कॉरलेस ने अपने अध्ययन के उपरान्त लिखा कि अविवाहित माताओं को समाज के कलंक से बचाने के लिये तुआम स्थित अनाथालय के 796 शिशुओं की हत्या कर उन्हें दफना दिया गया था. आयरलैण्ड के बाल कल्याण मंत्रालय के अनुसार इस स्थल पर एक स्मारक का निर्माण किया जायेगा.

इसी बीच, पुरोहितों द्वारा यौन दुराचार के शिकार बने लोगों के समर्थकों ने भी सन्त पापा फ्रांसिस द्वारा कहे शब्दों पर असन्तोष जताया है. उनका कहना है कि हालांकि, सन्त पापा ने स्वीकार किया है कि कलीसियाई व्यक्तियों द्वारा घोर पाप किया गया तथापि, उन्होंने यह नहीं बताया है कि इस कलंक को मिटाने के लिये वे कौन से कदम उठायेंगे. उनका कहना है कि सन्त पापा के शब्दों ने "हृदय से बीमार पीड़ितों को बहुत कम आराम दिया इसलिये कि उन्होंने यह नहीं बताया कि इन दुराचारों को छिपाने की समस्या को कैसे वे समाप्त करेंगे क्योंकि दुराचार छिपाने वाले धर्माध्यक्षों को केवल वे ही दण्डित कर सकते हैं ".

काथलिक कलीसिया का योगदान

इसी बीच, शनिवार को आयरलैंड के प्रधानमंत्री लियो वरदकर ने सन्त पापा फ्रांसिस से आग्रह किया था कि वे अपने "पद और प्रभाव" का उपयोग कर यह सुनिश्चित्त करें कि सम्पूर्ण विश्व में पुरोहितों के दुराचारों से पीड़ित लोगों को "न्याय, सत्य और उपचार "प्राप्त हो सके. हालांकि, प्रधानमंत्री ने यह भी स्वीकार किया कि काथलिक कलीसिया ने पीढ़ियों के अन्तरराल में आयरी लोगों को शिक्षा एवं स्वास्थ्य सेवा प्रदान करने का अनुपम कार्य किया है जो आयरिश सरकार नहीं कर पाई. तथापि, उन्होंने कहा कि कलीसिया और आयरिश सरकार दोनों का इतिहास दुख एवं लज्जा से परिपूर्ण है जिसमें अविवाहित माताओं के साथ दुर्व्यवहार और बलात श्रम के लिये कुख्यात मैग्दलीन लॉनड्रियाँ और दूसरी ओर पुरोहितों द्वारा बच्चों के विरुद्ध यौन दुराचार के मामले शामिल हैं.   

सन्त पापा फ्राँसिस के शब्दों को दुहराते हुए प्रधानमंत्री वरदकर ने कहा कि पुरोहितों के दुराचार के प्रति किसी भी प्रकार की सहिष्णुता नहीं दर्शाई जानी चाहिये. उन्होंने कहा कि अब यह सुनिश्चित्त करना अनिवार्य हो गया है कि हमारे शब्द कार्यों में बदलें.

काथलिक समुदाय के दुख और शर्म का विषय हैं दुराचार

सन्त पापा फ्राँसिस ने शनिवार को आयरलैण्ड के सरकारी अधिकारियों को सम्बोधित करते हुए कहा था कि दुराचारी पुरोहितों को दण्डित न करने के कारण लोगों में भड़के क्रोध को वे समझते हैं. उन्होंने कहा, "इन घोर अपराधों को पर्याप्त रूप से सम्बोधित करने में कलीसियाई अधिकारियों की विफलता ने लोगों में रोष को भड़काया है जो काथलिक समुदाय के लिये गहन दुख एवं शर्म का स्रोत रहा है. मैं ख़ुद इन भावनाओं में शामिल हूँ."

Thank you for reading our article. You can keep up-to-date by subscribing to our daily newsletter. Just click here

26 August 2018, 11:06