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आयरलैंड के धर्माध्यक्षों को संदेश देते संत पापा आयरलैंड के धर्माध्यक्षों को संदेश देते संत पापा 

आयरलैंड के धर्माध्यक्षों से संत पापा की मुलाकात

संत पापा फ्राँसिस ने आयरलैंड के धर्माध्यक्षों से अपील की कि वे आत्म-जाँच करें तथा इस नये समय में, गरीबों और दुराचार के शिकार लोगों के प्रति कलीसिया की चिंता एवं विश्वास के प्रसार हेतु नया पथ अपनायें।

उषा मनोरमा तिरकी-वाटिकन सिटी

आयरलैंड में परिवारों के विश्व सम्मेलन को समाप्त कर वापस लौटने के पूर्व संत पापा ने आयरी काथलिक धर्माध्यक्षीय सम्मेलन के सदस्यों से दोमिनिकन धर्मबहनों के कॉन्वेंट में मुलाकात की।

गरीबों की चिंता

अपने सम्बोधन में संत पापा ने इस चुनौतीपूर्ण समय में धर्माध्यक्षों के प्रयासों को प्रोत्साहन दिया कि वे सुसमाचार के संदेशवाहक एवं ख्रीस्त के झुण्ड के चरवाहे के रूप में अपनी प्रेरिताई में दृढ़ बने रहें। उन्होंने गरीबों, उपेक्षितों एवं जरूरतमंदों के प्रति उनके प्रयासों के लिए उन्हें धन्यवाद दिया, जो आवासहीन एवं दुराचार के शिकार लोगों के प्रति उनके प्रेरितिक पत्र में स्पष्ट परिलक्षित होता है। उन्होंने धर्माध्यक्षों को अपने पुरोहितों का समर्थन करने के लिए भी धन्यवाद दिया, जिन्हें हाल में हुए ठोकर की घटनाओं में, अनदेखा कर दिये जाने अथवा गलत समझे जाने के कारण दुःखित एवं निराश होना पड़ा।

दुर्बलों की रक्षा

तब संत पापा ने अतीत में बच्चों एवं कमजोर लोगों की सुरक्षा में असफलता पर कलीसिया की ईमानदारी और साहस के साथ, सुधार की आवश्यकता पर अपना ध्यान आकृष्ट किया। उन्होंने कहा, धर्माध्यक्ष "दृढ़ता से आगे बढ़ें, न केवल शुद्धीकरण एवं दुराचार के शिकार लोगों के साथ मेल-मिलाप के रास्ते को अपनाते हुए किन्तु आयरलैंड की कलीसिया में बाल सुरक्षा के राष्ट्रमंडल की सहायता से, बच्चों की सुरक्षा के लिए कड़े कानून स्थापित करें।"

संत पापा ने कहा, इन वर्षों में हम सभों ने अपनी खुली आँखों से, समाज के विभिन्न स्तरों में यौन दुराचार की गंभीरता एवं विस्तार देखी है अतः हर दूसरे जगह की तरह, आयरलैंड भी ईमानदारी और अखंडता का चुनाव कर, कलीसिया के इतिहास में इस दुःखद अध्याय के द्वारा पूरे समाज को उदाहरण एवं चेतावनी दे।

विश्वास का प्रसार

उसके बाद संत पापा ने आयरलैंड के तेजी से विकसित होते समाज के संदर्भ में अपनी ईमानदारी और सुंदरता में विश्वास को प्रसारित करने के महत्व पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि परिवारों के विश्व सम्मेलन ने महान आशा प्रदान की है तथा प्रोत्साहन दिया है कि परिवारें बढ़ रही हैं एवं विश्वास को हस्तांतरित करने की अपरिवर्तनीय भूमिका के प्रति जागरूक हुई हैं।

काथलिक स्कूल एवं धार्मिक संस्थाओं के कार्यक्रमों ने भी विश्वास की संस्कृति एवं मिशनरी शिष्यत्व की भावना उत्पन्न करने के लिए महत्वपूर्ण भूमिका अदा की हैं। संत पापा ने गौर किया कि सच्चे धार्मिक विकास के लिए एक प्रसन्नचित गुरू की आवश्यकता है जो न केवल मन को किन्तु ख्रीस्त के प्रेम के लिए हृदय एवं प्रार्थना के अभ्यास को भी प्रशिक्षित करता है।

नवीन मार्ग

संत पापा ने हाल के वर्षों के उथल-पुथल के बावजूद आयरी लोगों के दृढ़ विश्वास और कलीसिया के आंतरिक नवीकरण के लिए अवसर की सराहना की।

अंत में उन्होंने धर्माध्यक्षों को सलाह दी कि वे ईश्वर की कृपा पर विनम्रता एवं भरोसा के साथ आत्म-जाँच करें तथा नये समय के साथ नया पथ अपनायें।

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27 August 2018, 16:36