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चिली के धर्माध्यक्षों के साथ संत पापा फ्रांसिस  चिली के धर्माध्यक्षों के साथ संत पापा फ्रांसिस  

चिली के धर्माध्यक्षों के लिए संत पापा फ्रांसिस का पत्र

चिली के धर्माध्यक्षों के सम्मेलन को संबोधित एक पत्र में संत पापा कहते हैं कि बाल यौन शोषण के संकट का मुकाबला करने के लिए धर्माध्यक्षों द्वारा लिए गए निर्णय "निश्चित रूप से मददगार होगी।"

माग्रेट सुनीता मिंज - वाटिकन सिटी

वाटिकन सिटी, मंगलवार 7 अगस्त 2018 (वाटिकन न्यूज) : 5 अगस्त को चिली के धर्माध्यक्षों की वेबसाइट पर संत पापा फ्राँसिस द्वारा हाथ से लिखा एक पत्र प्रकाशित किया गया जिसे संत पापा ने चिली के धर्माध्यक्षीय सम्मेलन के अध्यक्ष धर्माध्यक्ष संत्यागो सिल्वा रेतामालेस को संबोधित किया है।

पत्र में संत पापा फ्राँसिस ने दस्तावेज़ पर अपना मूल्यांकन व्यक्त किया हैं। पुरोहितों पर बाल यौन शोषण के मुद्दे पर चर्चा करके आवश्यक कदम उठाने हेतु लिये गये फैसले लेने के लिए चिली के धर्माध्यक्षीय सम्मेलन की असाधारण आमसभा का आयोजन किया गया था जो तटीय शहर पुंटा डे ट्राल्चा में 3 अगस्त को समाप्त हुई।

ठोस निर्णय

संत पापा फ्राँसिस का कहना है कि उन्होंने दस्तावेज़ को "ध्यान से" पढ़ा। उनके अनुसार दस्तावेज बहुत ही सोच-विचार कर और ठोस रुप से तैयार किया गया है। उनके फैसले में वास्तविकता और समझदारी है। संत पापा की आशा है कि बाल यौन शोषण के खिलाफ लड़ाई में उनके द्वारा लिये गये फैसले मददगार होंगे।   

धर्माध्यक्षीय समुदाय की एकता

अपने पत्र में संत पापा ने कहा, "मुझे विश्वासियों के मार्गदर्शन और अगुवाई करने हेतु धर्माध्यक्षों की एकजुटता सबसे ज्यादा प्रभावित करती है। इस अच्छे उदाहरण के लिए धन्यवाद ... क्योंकि यही कलीसिया को बनाती है"।

चिली के धर्माध्यक्षीय सम्मेलन के अध्यक्ष धर्माध्यक्ष संत्यागो सिल्वा ने इस बात की पुष्टि की है कि संत पापा के शब्दों से उन्हें "सुधार, उपचार और मरम्मत के मार्ग को जारी रखने" के लिए "सांत्वना" मिली है।

विदित हो पुरोहितों पर बाल यौन शोषण के मुद्दे को लेकर चिली के 32 धर्माध्यक्षों ने गत मई माह के मध्य में वाटिकन में संत पापा फ्राँसिस के साथ बैठक की थी। बाल यौन शोषण के प्रति अपने कर्तव्यों को न कर पाने के लिए संत पापा से माफी मांगी थी और उन्हें अपना इस्तीफा दिया था। साथ ही उन्होंने धर्मसंघियों और लोकधर्मियों के लिए नये प्रावधान भी पेश किए थे ताकि बाल यौन शोषण के मामलों को फिर से न दोहराया जाए।

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07 August 2018, 17:01