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संत पापा फ्राँसिस संत पापा फ्राँसिस  (ANSA)

ईश्वर मीडियाकर्मियों को सच्चाई की सेवा हेतु मदद करें, संत पापा

संत पापा फ्राँसिस ने पवित्र मिस्सा में उन सभी मीडियाकर्मियों को याद करते हुए प्रार्थना की, जो इस महामारी समय में जोखिम उठाते हुए काम कर रहे हैं। अपने प्रवचन में संत पापा ने येसु के प्रकाश से हमारे अंधकारमय जीवन को रोशन करने हेतु प्रेरित किया। हमारे अंदर जो बुराई है, सांसारिकता और अहंकार का अंधकार है, येसु अपने प्रकाश द्वारा हमारी सारी बुराइयों और कमजोरियां को देखने और दूर करने में हमारी मदद करें।

माग्रेट सुनीता मिंज-वाटिकन सिटी

वाटिकन सिटी, बुधवार 6 मई 2020 (रेई) : वाटिकन स्थित संत मर्था प्रेरितिक आवास के प्रार्थनालय में बुधवार को ख्रीस्तयाग के अवसर पर संत पापा फ्राँसिस ने सम्पूर्ण विश्व के मीडियाकर्मियों को याद कर उनके लिए प्रार्थना की।

संत पापा ने कहा, ʺआइए, आज हम मीडिया में काम करने वाले पुरुषों और महिलाओं के लिए प्रार्थना करें। इस महामारी के समय में, वे बहुत जोखिम उठाते हैं और उन्हें लम्बे समय तक काम करना पड़ता है। प्रभु, हमेशा सत्य के प्रसारण कार्य में उनकी सहायता करें।ʺ

संसार की ज्योति

अपने प्रवचन में संत पापा ने आज के सुसमाचार पाठ (योहन 12,44-50) पर चिंतन किया। जहाँ येसु कहते हैं,जो मुझमें विश्वास करता है, वह मुझमें नहीं, बल्कि जिसने मुझे भेजा, उस में विश्वास करता है...।मैं ज्योति बनकर इस संसार में आया हूँ, जिससे जो मुझमें विश्वास करता है वह अंधकार में नहीं रहता।

संत पापा ने कहा कि संत योहन इस पाठ द्वारा येसु और पिता के बीच आपसी संबंध को दर्शाते हैं। येसु ने वही किया जो पिता ने उसे करने के लिए कहा था। येसु अपना मिशन प्रकट करते हैं,..."मैं ज्योति बनकर इस संसार में आया हूँ, जिससे जो मुझमें विश्वास करता है वह अंधकार में नहीं रहता।" येसु का मिशन हमें रोशन करना है।" और उन्होंने खुद कहा:" मैं संसार की ज्योति हूँ।" नबी इसायाह ने इस प्रकाश की भविष्यवाणी की थी: "अंधेरे में चलने वाले लोगों ने एक महान ज्योति देखा।" उन्होंने येसु के बारे में भविष्यवाणी की थी।

संत पापा ने कहा कि येसु दुनिया में ज्योति बनकर आये लेकिन दुनिया ने उसे स्वीकार नहीं किया। संत योहन के सुसमाचार अध्याय 3 में हम पाते हैं कि ज्योति संसार में आई और मनुष्यों ने ज्योति की अपेक्षा अंधकार को अधिक पसंद किया, क्योंकि उनके कर्म बुरे थे। वे ज्योति में इसलिए भी जाना नहीं चाहते थे क्योंकि उनके कर्म प्रकट न हो जायें। वे ज्योति की अपेक्षा अंधकार में रहना पसंद करते थे। संत पापा ने कहा कि यह येसु का संघर्ष था। वे लोगों को प्रकाश में लाना और सच्चाई को दिखाना चाहते थे, परंतु लोग अंधकार में ही रहना चाहते थे।

दुराचार, सांसारिकता और अहंकार

संत पापा ने कहा कि हमारे अंदर मुख्य रुप से तीन चीजें हैं जो हमें अंधकार से प्रकाश की ओर जाने में बाधा डालती है।  दुराचार, सांसारिकता और अहंकार”।

संत पापा ने कहा, "हमारे अंदर की ये तीन चीजें दुराचार, सांसारिकता और अहंकार, हमें अंधेरे में सुरक्षित रहने के लिए दूसरों के साथ जुड़ने के लिए बाध्य करती हैं। हम अक्सर माफियाओं के बारे में बात करते हैं: आध्यात्मिक माफिया, घरेलू माफिया" जो अंधकार में रहने के लिए दूसरों की खोज करते हैं क्योंकि प्रकाश में रहना आसान नहीं है। प्रकाश हमें हमारे अंदर की बुरी चीजों को दिखाता है, जिन्हें हम देखना नहीं चाहते। हम संसारिकता, अपने गौरव के बारे सोचते हैं हमारे अंदर जो अहंकार है वह हमें दूसरों की अच्छाई को देखने और स्वीकार करने नहीं देती। ये चीजें हमें अंधा बनाती हैं, वे हमें येसु के प्रकाश से दूर करती हैं।"

संत पापा ने कहा कि हमें अपनी कमजोरियों से उबरने के लिए येसु के पास आने की जरुरत है। येसु कहते हैं, मैं संसार को दोषी ठहराने नहीं, संसार का उद्धार करने आया हूँ। हमारे दैनिक जीवन में, सामाजिक जीवन में, राजनैतिक जीवन में, राष्ट्रीय और अंतरराष्टीय स्तर पर बहुत सारे अंधकार, काले करतूत विराजमान हैं। आइये, हम प्रभु से साहस के लिए प्रार्थना करे जिससे कि हम प्रकाश में अपनी कमजोरियों व पापों को देख सकें और प्रभु की ओर लौट सकें। प्रभु के प्रकाश को स्वीकार कर सकें।

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06 May 2020, 10:17
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