संत पापा फ्राँसिस संत पापा फ्राँसिस  (ANSA)

संत पापा ने कैदियों और जेल प्रबंधकों के लिए प्रार्थना की

संत पापा फ्राँसिस ने पवित्र मिस्सा में उन कैदियों को याद किया जो अनेक जेलों में भीड़-भाड़ की गंभीर समस्या का सामना कर रहे हैं जेल अधिकारी इन समस्याओं का समाधान कर पायें। संत पापा ने उन गरीबों को याद किया जो विश्व आर्थिक नीतियों के अन्याय का शिकार होते है।

माग्रेट सुनीता मिंज-वाटिकन सिटी

वाटिकन सिटी, सोमवार 6 अप्रैल 2020 ( रेई) : वाटिकन स्थित संत मर्था प्रार्थनालय में संत पापा फ्राँसिस ने पवित्र सप्ताह के पहले दिन पवित्र मिस्सा के शुरु में जेलों में भीड़-भाड़ की समस्या के समाधान के लिए प्रार्थना की। उन्होंने कहा, ʺमुझे लगता है कि एक गंभीर समस्या दुनिया के कई हिस्सों में मौजूद है। मैं चाहूंगा कि आज हम जेलों में भीड़भाड़ की समस्या के समाधान के लिए प्रार्थना करें। जहां भीड़-भाड़ है - वहां इस महामारी के फैलने का एक गंभीर खतरा है। हम उन जिम्मेदार लोगों के लिए प्रार्थना करते हैं, जिन्हें इस, समस्या को हल करने के लिए एक सही निर्णय लेना है और रचनात्मक तरीका खोजना है।ʺ

संत पापा ने मिस्सा के दौरान संत योहन के सुसमाचार (12: 1-11) पाठ पर चिंतन किया। पास्का के छः दिन पहले येसु बेथानिया गये। वहाँ लाजरुस और उनकी बहनें मर्था और मरियम रहते थे। येसु के सम्मान में एक भोज का आयोजन किया गया। इसी बीच मरियम ने आधा सेर असली जटामांसी का बहुमूल्य इत्र लेकर येसु के चरणों रा विलेपन किया। यह देख विश्वासघाती यूदस इस्कारियोती ने कहा, तीन सौ दिनार में बेचकर, इस इत्र की कीमत गरीबों में बांट दी गई होती। सुसमाचार लेखक कहते हैं कि उसने यह इसलिए नहीं कहा कि उसे गरीबों की चिंता थी, बल्कि इस लिए कि वह चोर था। उसके पास थैली रहती थी और उसमें जो डाला जाता था, उसे वह निकाल लेता था। येसु ने कहा, इसे छोड़ दो। इसने मेरे दफन के लिए तैयारी में यह काम किया। गरीब तो बराबर तुम्हारे साथ रहेंगे, किन्तु मैं हमेशा तुम्हारे साथ नहीं रहूँगा।”

गरीबों के प्रति हमारी उदासीनता

संत पापा ने कहा कि वर्तमान में हम बहुत सारे गरीबों को शहरों के सड़कों और गलियों में पाते हैं पर बहुत सारे गरीब  ऐसे हैं जो अपने आप को छिपाते हैं, वे छिपकर कारितास एवं अन्य उदार संस्थाओं से अपने जरुरत के सामान ले जाते हैं। संत पापा ने कहा कि हम गरीबों को नहीं देख पाते हैं क्योंकि हम उनके प्रति उदासीन हैं।

संत पापा ने अपने देश ब्यूनस आयर्स का उदाहरण देते हुए कहा,ʺमुझे बताया गया था कि सालों से खाली पड़ी एक फैक्ट्री की इमारत में लगभग पंद्रह परिवार रहते थे, जो पिछले कुछ महीनों में आए थे। मैं वहां गया और देखा कि प्रत्येक परिवार के पास अच्छा फर्नीचर, टेलीविजन वगैरह था, वे वहां गए क्योंकि वे किराए का भुगतान नहीं कर सकते थे। कई गरीब लोग वित्तीय नीतियों और विश्व अर्थव्यवस्था के संरचनात्मक अन्याय के शिकार हैं। हाल के आंकड़े बताते हैं कि मुट्ठी भर लोगों के हाथों विश्व का बड़ा धन है बड़ी संख्या गरीबों की है।

गरीबों में येसु की उपस्थिति

संत पापा ने कहा गरीबों के प्रति हमारे नजरिये और व्यवहार के आधार पर ही हमारा न्याय किया जाएगा। प्रभु हमसे सवाल करेंगे, जब मैं भूखा था, क्या तुमने मुझे खिलाया ? जब मैं जेल में था, तो क्या तुम मिलने आये? जब मैं बामार था क्या तुम देखने आये? क्या तुमने विधवा और अनाथ की सहायता की? प्रभु गरीबों में निवास करते हैं। हम गरीबों को नजरअंदाज करते हैं तो अंतिम फैसले के दिन प्रभु भी हमारा नजरअंदाज करेंगे। येसु कहते है: "तुम्हारे साथ हमेशा गरीब हैं", इसका अर्थ है: " मैं हमेशा गरीबों में तुम्हारे साथ रहूंगा। मैं वहां मौजूद रहूंगा। यह सुसमाचार का केंद्र है: हमें इस पर आंका जाएगा।”

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06 April 2020, 15:39
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