सामूहिक कब्रों में दफन करते लोग सामूहिक कब्रों में दफन करते लोग 

केवल पिता लोगों को येसु की ओर आकर्षित कर सकते हैं, संत पापा

वाटिकन के संत मर्था प्रार्थनालय में बृहस्पतिवार को ख्रीस्तयाग अर्पित करते हुए संत पापा फ्राँसिस ने मौत के शिकार लोगों के लिए प्रार्थना की, विशेषकर, जिन्हें सामूहिक कब्रों में दफनाया गया है। उपदेश में उन्होंने कहा कि केवल पिता लोगों को येसु की ओर आकर्षित कर सकते हैं।

उषा मनोरमा तिरकी-वाटिकन सिटी

वाटिकन सिटी, बृहस्पतिवार, 30 अप्रैल 20 (रेई)- संत पापा ने 30 अप्रैल के ख्रीस्तयाग में कोविड-19 महामारी के कारण मौत के शिकार लोगों के लिए प्रार्थना की। उन्होंने मिस्सा आरम्भ करते हुए कहा, "आज हम मृतकों के लिए प्रार्थना करें जो महामारी के कारण मर गये हैं", विशेषकर, उन मतृकों के लिए जो "गुमनाम" हैं और "सामूहिक कब्रों" में दफनाये गये हैं।

उपदेश में संत पापा ने आज के सुसमाचार पाठ के उस वाक्यंश पर चिंतन किया जिसमें येसु कहते हैं, "कोई मेरे पास तब तक नहीं आ सकता, जब तक कि पिता, जिसने मुझे भेजा, उसे आकर्षित नहीं करता।" (यो.6,44)

संत पापा ने कहा, "धर्म अथवा ईशशास्त्र का अध्ययन करना एवं येसु के महान कार्यों की जानकारी हासिल करना, निश्चय ही संभव है, किन्तु जब तक हम पिता के द्वारा आकर्षित नहीं किये जाते, हम ख्रीस्त अथवा उनके रहस्यों को नहीं जान सकते।"  

प्रेरित चरित से लिए गये पहले पाठ में इथोपियाई खोजा के साथ यही हुआ। एक इथोपियाई खोजा येरूसालेम की तीर्थयात्रा से लौट रहा था। वह इथोपिया की महारानी कन्दाके का उच्चाधिकारी तथा प्रधान कोषाध्यक्ष था। वह अपने रथ पर बैठा नबी इसायस का ग्रंथ पढ़ रहा था। संत पापा ने कहा कि ईश्वर ने पहले ही उसके हृदय को तैयार किया था और अब उन्होंने फिलीप को उनके पास भेजा।

उस अधिकारी ने जो बेचैनी महसूस की, उसके द्वारा पिता ने उसे येसु की ओर आकर्षित किया और जब उसने रास्ते के किनारे पानी देखा तो बपतिस्मा देने का आग्रह किया।  

हमारा प्रेरितिक कार्य : साक्ष्य देना

संत पापा ने कहा कि हमारे लिए इस सिद्धांत को समझना आवश्यक है जो सुसमाचार प्रचार, हमारे प्रेरितिक कार्य का आधार है। ख्रीस्तियों के रूप में यही हमारी प्रेरिताई, प्रेरितिक मिशन के लिए मान्य है। हम धर्मांतरण का कार्य नहीं करते। केवल ईश्वर किसी का मन-परिवर्तन कर सकते हैं। सिर्फ पिता ही किसी व्यक्ति को येसु की ओर आकर्षित कर सकते हैं।

संत पापा ने कहा कि हमारा कार्य है साक्ष्य देना। मिशनरी कार्य में यह काफी नहीं हैं कि लोगों को विश्वास की सच्चाई के बारे शिक्षा दी जाए अथवा उनका मार्गदर्शन किया जाए। सुसमाचार के सच्चे प्रचार के लिए हमें अपने जीवन से साक्ष्य देना है तथा पिता को ख्रीस्त की ओर आकर्षित करने देना है।

प्रार्थना पिता के हृदय को खोलता है

संत पापा ने कहा कि हम इसके लिए क्या कर सकते हैं, जिसके द्वारा पिता लोगों को येसु की ओर आकर्षित करें।

इसका उत्तर सरल है, प्रार्थना

संत पापा ने कहा, "साक्ष्य और प्रार्थना एक साथ चलते हैं, साक्ष्य और प्रार्थना के बिना आप सुसमाचार प्रचार का कार्य नहीं कर सकते। प्रवचन बहुत अच्छा हो सकता है किन्तु पिता की प्रेरणा के बिना लोग ख्रीस्त की ओर आकर्षित नहीं होंगे।"

हमारे प्रेरिताई का केंद्र

हमारा साक्ष्य लोगों के हृदयों का द्वार खोलता है। उन्हें येसु के संदेश एवं रहस्य को ग्रहण करने के लिए प्रेरित करता है। प्रार्थना ही पिता के हृदय को खोलता है जो लोगों को येसु की ओर आकर्षित करते हैं।

यह न केवल मिशन में लागू होता है किन्तु हमारी हर प्रेरिताई का नियम है। संत पापा ने चेतावनी दी कि मिशनरी होने का अर्थ धर्मांतरण करना नहीं है। उन्होंने कहा, "साक्ष्य हाँ, धर्मांतरण नहीं।"

संत पापा ने अपने उपदेश के अंत में कहा, "आइये, हम प्रभु से कृपा की याचना करें ताकि हमारे कार्यों को साक्ष्य एवं प्रार्थना के साथ पूरा कर सकें, जिससे कि पिता लोगों को येसु की ओर प्रेरित करें।"

संत मर्था प्रार्थनालय में ख्रीस्तयाग अर्पित करते संत पापा फ्राँसिस

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30 April 2020, 09:55
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