संत पापा फ्राँसिस संत पापा फ्राँसिस  (AFP or licensors)

संत मर्था मिस्सा ˸ संत पापा ने कैदियों के लिए प्रार्थना की

संत पापा फ्राँसिस ने 19 मार्च, संत जोसेफ के पर्व दिवस के अवसर पर, वाटिकन के संत मर्था प्रार्थनालय में ख्रीस्तयाग अर्पित करते हुए कैदियों के लिए प्रार्थना की तथा आराधना प्रार्थना के महत्व पर प्रकाश डाला एवं विश्वासियों को आध्यात्मिक यूखरिस्त के लिए निमंत्रण दिया।

उषा मनोरमा तिरकी-वाटिकन सिटी

वाटिकन सिटी, बृहस्पतिवार, 19 मार्च 20 (रेई)˸ धन्य कुँवारी मरियम के दुल्हे एवं कलीसिया के संरक्षक संत जोसेफ के पर्व के दिन संत पापा फ्राँसिस ने संत मर्था में ख्रीस्तयाग अर्पित किया। उन्होंने कैदियों के लिए प्रार्थना करने का आह्वान करते हुए कहा, "आइये, आज हम उन भाई बहनों के लिए प्रार्थना करें जो जेल में हैं ˸ वे जेल के अंदर क्या होगा, इस अनिश्तिता के कारण बहुत अधिक चिंतित हैं। वे अपने परिवारों की याद कर रहे हैं और बीमार प्रियजनों के लिए परेशान हैं। आइये, आज हम उनके करीब रहें जो जेल में हैं। इस अनिश्चित एवं दुःखद घड़ी में वे बहुत अधिक दुःख सह रहे हैं।"

संत जोसेफ धर्मी व्यक्ति

संत पापा ने प्रवचन में संत जोसेफ के गुणों पर प्रकाश डालते हुए कहा कि वे एक धर्मी व्यक्ति थे। वे धर्मी केवल इसलिए नहीं थे कि विश्वास किये, किन्तु उन्होंने उस विश्वास को जीया।

ईश्वर को सिखलाने के लिए चुने गये

संत पापा ने संत जोसेफ की बुलाहट की ओर ध्यान आकृष्ट करते हुए कहा, "वे एक ऐसे व्यक्ति को शिक्षा देने के लिए चुने गये थे जो सच्चे मानव थे किन्तु सच्चे ईश्वर भी थे। केवल ईश्वर ही वैसी शिक्षा दे सकते थे, पर उन्होंने एक धर्मी व्यक्ति को चुना जो विश्वास का व्यक्ति था, जो मनुष्य होते हुए भी ईश्वर के साथ बात कर सकता था और ईश्वर के रहस्य में प्रवेश कर सकता था। यही जोसेफ का जीवन था।

जोसेफ एवं ईश्वर का रहस्य

संत पापा ने गौर किया कि जोसेफ किस तरह एक विधिवत व्यक्ति थे। एक बढ़ाई के रूप में अपने काम में निपुण थे, लकड़ी को सही तरीके से तराशना एवं आकार देना जानते थे। संत पापा ने कहा कि उन्होंने उसी विधिवतता एवं सहजता से ईश्वर के रहस्य में प्रवेश किया। वे विधिवत थे किन्तु उन रहस्यों में भी प्रवेश कर सकते थे जो उनके नियंत्रण में नहीं था। यही जोसेफ की पवित्रता है। जब सुसमाचार जोसेफ के स्वप्न के बारे बतलाता है तब यह हमें समझाता है कि उन्होंने रहस्य में प्रवेश किया।

रहस्य में प्रवेश करना

संत पापा ने कलीसिया के संरक्षण के रूप में संत जोसेफ की याद करते हुए कहा, "क्या पोप या कलीसिया का कोई दूसरा सदस्य रहस्य में प्रवेश कर सकता है? रहस्य में प्रवेश किये बिना कलीसिया अधुरी है, एक उदार संगठन मात्र है जो नियमों एवं तौर तरीकों का पालन करती है।" क्या कलीसिया के सदस्य रहस्य में प्रवेश कर सकते हैं अथवा क्या उन्हें नियमों के द्वारा नियंत्रित किये जाने की आवश्यकता पड़ती है? जब कलीसिया रहस्य में प्रवेश करने की क्षमता खो देती है तब वह आराधना करने की क्षमता खो देती है। आराधना तभी की जा सकती है जब व्यक्ति ईश्वर के रहस्य में प्रवेश करता है।

संत पापा की प्रार्थना

संत पापा ने विश्वासियों का आह्वान करते हुए कहा, "हम प्रभु से कृपा की याचना करें कि कलीसिया प्रत्येक दिन की यथार्थता में और रहस्य की यथार्थता में जी सके।" प्रभु अपनी कलीसिया को यही कृपा प्रदान करे।  

 

 

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19 March 2020, 15:50
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