संत पापा फ्राँसिस संत पापा फ्राँसिस 

कैदियों के लिए संत पापा का मिस्सा बलिदान

संत पापा फ्राँसिस ने बुधवार की सुबह पवित्र मिस्सा बलिदान कैदियों के लिए चढ़ाया और प्रार्थना कि ईश्वर "उन्हें उनके बुरे दिनों में सांत्वना दे।"

वाटिकन सिटी, बुधवार 11 मार्च 2020 (वाटिकन न्यूज) : संत पापा फ्राँसिस ने सुबह को पवित्र मिस्सा के शुरु में सभी कैदियों की याद करते हुए कहा, "आज मैं विशेष रुप से हमारे कैदी भाइयों और बहनों की याद करते हुए उनके लिए प्रार्थना करना चाहता हूँ और उन्हें अपना सामीप्य प्रकट करता हूँ जो दुःख सह रहे हैं। ईश्वर उन्हें सात्वना दें।"

संत पापा ने येरेमियाह के ग्रंथ से लिये गये प्रथम पाठ (18:18-20) और संत मत्ती के सुसमाचार (20:17-28) पर चिंतन किया।

येरेमियाह येसु का भविष्यवक्ता

संत पापा फ्राँसिस ने अपने प्रवचन की शुरुआत यह कहते हुए कहा कि शैतान हमें अपनी योजना को अस्वीकार करने के लिए प्रलोभन देता है, जैसा उसने येरेमियाह के साथ किया था। शैतान पहले हमारे रास्ते में बाधाएँ डालता है और वह बहुत दुष्ट बन जाता है। संत पापा ने कहा कि येरेमियाह का अनुभव भी "प्रभु के दुखभोग" की एक भविष्यवाणी थी।

संत पापा ने कहा, "शैतान लोगों के जीवन को कठिनाइयों से भर देता है... शैतान यह नहीं कहता, 'उसे कठिनाई से उबरने दें या बाहर निकलने दें'। शैतान जीवन को और कठिन बनाता है। उन्हें तड़पाता है… यह न केवल मौत की सजा है। लेकिन इससे कहीं अधिक यह अपमानजनक है।" 

शैतान का पहला तरीका

संत पापा ने आगे कहा कि शैतान दो तरीकों से ख्रीस्तियों को सताता है। पहला, वह उन्हें “छुटकारे की योजना में बदलाव करके” दुनियादारी में बहकाने की कोशिश करता है। यह दुनिया की आत्मा है, जो ज़ेबेदी के बेटों की माँ के होंठों पर व्यक्त की गई है। घमंड, दुनियादारी, मान-सम्मान,पद, सफलता: ये ऐसे तरीके हैं जिसके जरिये "शैतान हमें मसीह के क्रूस से दूर करने का प्रस्ताव देता है।"

शैतान का दूसरा तरीका

संत पापा फ्राँसिस ने कहा कि जब शैतान का पहला तरीका काम नहीं करता है, तो वह व्यक्ति को नष्ट करने की कोशिश करता है। "शैतान का घमंड इतना बड़ा है कि वह लोगों को दुःख सहते देख आनंद मनाता है।" संत पापा ने अनेक संतों और शहीदों को याद किया जिन्हें अनेक प्रकार के दुःख सहने पड़ा। उन्हें तुरंत नहीं मारा गया लेकिन अपमान के साथ कष्ट देते हुए पीड़ित किया गया और मार डाला गया।"

संत पापा ने कहा कि दो कैदियों के बीच क्रूसित येसु को उन दोनों की अपेक्षा अधिक अपमान और कष्ट सहना पड़ा था जबकि दोनों को शांति से मरने के लिए छोड़ दिया गया। 

विवेक शैतान को जीत लेता है

संत पापा ने कहा कि जब हम शैतान के काम करने के तरीके पर विवेकपूर्ण विचार करते हैं तो उनके द्वारा हमारे मार्ग पर बिछाये गये सभी कठिनाइयों को दूर कर सकते हैं। जब किसी व्यक्ति को सताया जाता है, तो वे शैतान द्वारा लिये गये "बदले" का सामना करते हैं क्योंकि इसका मतलब है कि उन्होंने उसे जीत लिया है। कई ख्रीस्तियों के जीवन से स्पष्ट होता है जो "क्रूरता से सताए गए" हैं। संत पापा ने 9 साल की कैद के दौरान एशिया बीबी द्वारा सहन की गई पीड़ा को याद किया, यह शैतान की दुष्टता थी।

प्रार्थना

संत पापा फ्राँसिस ने विवेक के लिए प्रार्थना करते हुए अपना प्रवचन समाप्त किया, “प्रभु हमें अपने अंदर दुष्ट आत्मा के प्रलोभन को जानने और उससे ऊपर उठने की कृपा प्रदान करें। प्रभु हमें अपने मार्ग को समझने का अनुग्रह प्रदान करें जिससे कि हम अपने घमंड और सांसारिक मार्ग को छोड़ सकें।"

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11 March 2020, 16:47
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