संत पापा फ्राँसिस संत पापा फ्राँसिस 

प्रभु लाल को श्वेत में बदल सकते हैं, संत पापा

संत पापा फ्राँसिस ने मंगलवार 10 मार्च को वाटिकन के प्रेरित आवास संत मर्था में ख्रीस्तयाग अर्पित करते हुए रोगियों के लिए प्रार्थना की तथा पुरोहितों को प्रोत्साहन दिया कि वे रोगियों से मुलाकात करने का साहस करें।

उषा मनोरमा तिरकी-वाटिकन सिटी

वाटिकन सिटी, मंगलवार, 10 मार्च 2020 (रेई)˸ संत मर्था से लाइव प्रकाशित ख्रीस्तयाग के शुरू में संत पापा ने विश्वासियों का आह्वान किया कि हम उन लोगों के लिए प्रार्थना करें जो बीमार हैं तथा जो महामारी से पीड़ित लोगों की अस्पतालों में देखभाल कर रहे हैं। उन्होंने पुरोहितों के लिए विशेष प्रार्थना करने की मांग की जिससे कि वे रोगियों से भेंट करने का साहस करें, उनके लिए ईश्वर के वचन की शक्ति प्रदान करें एवं कोरोना वायरस से पीड़ित लोगों की मदद करने वालों को यूखरिस्त के द्वारा साथ दे सकें।   

उन्होंने कहा, "कल का ईश वचन हमें अपने पापों को पहचानना एवं उन्हें स्वीकार करना सिखलाता है। आज प्रभु हम सभी पापियों को उनके साथ बातचीत करने के लिए प्रेरित करते हैं। नबी इसायस के ग्रंथ में प्रभु कहते हैं, "आओ, हम एक साथ विचार करें। तुम्हारे पाप सिंदूर की तरह लाल क्यों न हों, वे हिम की तरह उज्जवल हो जायेंगे; वे किरमिज की तरह मटमैले क्यों न हों, वे ऊन की तरह श्वेत हो जायेंगे।" (इसा.1˸ 18)

पाप छिपाता, ईश्वर बातें करना चाहते

आदम और हेवा के समान हम छिप जाना चाहते हैं क्योंकि हमने जो किया है उसके लिए लज्जा महसूस करते हैं। पाप हमें अपने आप में बंद कर देता है जबकि ईश्वर इसपर बात करने के लिए हमें बुलाते हैं। वे कहते हैं, "आओ हम तुम्हारे पापों के बारे बात करें, तुम्हारी स्थिति पर विचार करें, डरो मत...। प्रभु कहते हैं मैं सब कुछ बदल सकता हूँ। मेरे पास आने और बात करने से मत डरो। अपनी दयनीय स्थिति पर बात करने के लिए भी साहस करो।"  

हम अपना पाप प्रभु को चढ़ा दें

संत पापा ने प्रवचन में एक ऐसे संत की कहानी बतलायी जो निराश था। अपने हर कार्य में उस संत को लगता था कि प्रभु उनसे संतुष्ट नहीं हैं। अतः उसने प्रभु से पूछा कि मुझे और क्या करना चाहिए। तब प्रभु ने कहा, "मुझे अपना पाप दे दो, यही बाकी रह गया है।"

प्रभु लाल को श्वेत बना देते

संत पापा ने कहा कि प्रभु से बात नहीं कर हम अपने आपको धोखा देते हैं। हम बहाना बनाते हैं कि हम पापी नहीं हैं, पर येसु इसी बात के लिए संहिता के पंडितों को फटकारते थे क्योंकि वे जो कुछ भी करते थे मात्र दिखावा के लिए करते थे।

दिखावा...अभिमान...घमंड के द्वारा अपने हृदय की सच्चाई को ढंकना। संत पापा ने कहा कि घमंड कभी चंगा नहीं करता बल्कि अधिक विषाक्त कर देता है। यह हमारे हृदय की कठोरता को बढ़ा देता है। घमंडी प्रभु के पास नहीं जाता और अकेला रहता है। अभिमान वह स्थान है जहाँ हम प्रभु के बुलावे से अपने आपको दूर रखते हैं किन्तु प्रभु का बुलावा एक पिता और एक भाई का बुलावा है। आओ हम विचार करें, मैं ही हूँ जो लाल को श्वेत में बदल सकता हूँ।    

सच्ची प्रार्थना

अपने प्रवचन के अंत में संत पापा ने कहा कि प्रभु का वचन बतलाता है कि हमारी प्रार्थना सच्ची हो सकती है और हम अपने पापों की असलियत के बारे प्रार्थना कर सकते हैं।

प्रभु जानते हैं कि हम कौन हैं किन्तु अभिमान निमंत्रण देता है कि हम उसे ढंक लें। संत पापा ने प्रार्थना की कि प्रभु हमारी सहायता करे।   

पवित्र मिस्सा का लाईव प्रसारण

अगली सूचना तक संत पापा फ्राँसिस की प्रातः के ख्रीस्तायाग को लाईव प्रसारित किया जाएगा। इसे स्थानीय समय अनुसार प्रातः 7 बजे वाटिकन न्यूज ऐप www.vaticannews.va में देखा जा सकता है अथवा काथलिक टेलीविजन के माध्यम से भी प्राप्त किया जा सकता है।  

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10 March 2020, 16:59
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