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ख्रीस्तयाग अर्पित करते संत पापा ख्रीस्तयाग अर्पित करते संत पापा  (Vatican Media)

जीवन का सार ईश्वर के साथ संबंध में, संत पापा

हृदय की बीमारी को चंगाई की आवश्यकता होती है और इसकी दवाई है क्षमा मांगना। यह बात संत पापा फ्राँसिस ने शुक्रवार को वाटिकन के संत मर्था प्रार्थनालय में ख्रीस्तयाग अर्पित करते हुए प्रवचन में कही।

उषा मनोरमा तिरकी-वाटिकन सिटी

वाटिकन सिटी, शनिवार, 18 जनवरी 2020 (रेई)˸ प्रवचन में संत पापा फ्राँसिस ने संत मारकुस रचित सुसमाचार से लिए गये पाठ पर चिंतन किया जिसमें एक अर्द्धांगरोगी को येसु चंगाई प्रदान करते हैं। कफरनाहुम के एक घर में जहाँ येसु ठहरे हुए थे, उनसे मिलने के लिए लोगों की इतनी भीड़ जमा हो गयी थी कि उनके पास पहुँचना नामुमकिन था, अतः लोगों ने घर की छत खोलकर रोगी को येसु के सामने उतारा।

येसु ने कहा, ''बेटा! तुम्हारे पाप क्षमा हो गये हैं''। उसके बाद उन्होंने उसे उठने और चारपाई उठाकर चलने का आदेश दिया। संत पापा ने कहा कि येसु ने ईश्वरीय शक्ति से उसे चंगा किया क्योंकि वे एक डॉक्टर भी हैं। वे शिक्षा देते हैं किन्तु एक शिक्षक से बढ़कर, इस घटना में वे इस बात पर जोर देते हैं कि वास्तव में क्या आवश्यक है।  

संत पापा ने कहा कि शारीरिक स्वास्थ्य एक वरदान है जिसकी हमें देख-रेख करनी चाहिए किन्तु प्रभु हमें सिखलाते हैं कि हमें अपने हृदय के स्वास्थ्य की भी रक्षा करनी है जो आध्यात्मिक स्वास्थ्य है।  

संत पापा ने उन घटनाओं का जिक्र किया जिनमें येसु ने असल आवश्यकता पर ध्यान देने की बात कही थी। पापिनी स्त्री से येसु ने कहा था, ‘तुम्हारे पाप क्षमा हो गये हैं।’ पर वहाँ उपस्थित लोग येसु के इस कथन से ठोकर खा गये क्योंकि उनके शब्दों में शक्ति थी।  

उसी तरह बीमार व्यक्ति जो चंगाई पाने के लिए जलकुण्ड में कभी समय पर नहीं उतर सका, उसे येसु चंगा करते और कहते हैं, "फिर कभी पाप नहीं करना"।  

प्रभु के साथ मुलाकात करने का भय

समारितानी स्त्री जो कई सवाल करती है, येसु उसे जीवन के लिए आवश्यक बात बतलाते हैं। संत पापा ने कहा, "ईश्वर के साथ संबंध महत्वपूर्ण है किन्तु प्रभु से मुलाकात करने के भय के कारण हम बहुधा उसे भूल जाते हैं। हम अपने शारीरिक स्वास्थ्य के लिए बहुत कुछ करते हैं, डॉक्टर से लगातार सलाह लेते हैं, दवाईयों का सेवन करते जो कि उचित है किन्तु क्या हम उसी तरह अपने हृदय के स्वास्थ्य की भी चिंता करते हैं?"

संत पापा ने कहा कि अर्द्धांगरोगी को कहे गये येसु के शब्दों से हमें मदद मिल सकती है। येसु ने उनसे कहा था, "बेटा तुम्हारे पाप क्षमा हो गये हैं।" संत पापा ने गौर किया कि हम अपने पापों एवं गलतियों की क्षमा की इस दवाई से इतने आदी हो गये हैं कि इसमें जो शक्ति है उसे हम महसूस ही नहीं करते हैं। आज येसु हम प्रत्येक से कह रहे हैं, "मैं तुम्हारे पापों को क्षमा करना चाहता हूँ।"   

क्षमाशीलता की औषधि

संत पापा ने कहा कि कुछ लोगों को पापस्वीकार करने के लिए कोई कारण ही नहीं मिलता है क्योंकि उन्हें पाप के प्रति चेतना की कमी है। पाप जो आत्मा की बीमारी है उसे पूरी चंगाई पाने के लिए दवाई की आवश्यकता है और वह दवाई है क्षमाशीलता।  

संत पापा ने कहा कि शरीर और आत्मा दोनों की चंगाई महत्वपूर्ण है। हमारे शरीर एवं आत्मा को देखते हुए हम डॉक्टर के पास जाते हैं जो हमें चंगा करते और हमें क्षमा देते हैं। शरीर और आत्मा दोनों को चंगा करने वाले डॉक्टर हैं येसु, जिन्होंने हमें चंगा करने के लिए अपना जीवन अर्पित किया है।

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18 January 2020, 12:55
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