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संत मर्था में ख्रीस्तयाग संत मर्था में ख्रीस्तयाग  (Vatican Media)

अपने जीवन की नींव ख्रीस्त पर डालें, संत पापा फ्राँसिस

वाटिकन स्थित प्रेरितिक आवास संत मर्था के प्रार्थनालय में बृहस्पतिवार 5 दिसम्बर को, संत पापा फ्राँसिस ने ख्रीस्तयाग अर्पित करते हुए स्मरण दिलाया कि हमारे जीवन की नींव चिरस्थायी चट्टान पर निर्मित है वह चट्टान हैं प्रभु और हमें उन्हीं से आनन्द प्राप्त होता है।

फषा मनोरमा तिरकी-वाटिकन सिटी

वाटिकन सिटी, बृहस्पतिवार, 5 दिसम्बर 2019 (रेई)˸ प्रवचन में संत मती रचित सुसमाचार से लिए गये पाठ पर चिंतन करते हुए उन्होंने ख्रीस्तियों से अपील की कि वे अपने जीवन की नींव ख्रीस्त में डालें न कि दिखावटी रूपी बालू पर।

सुसमाचार में येसु बुद्धिमान व्यक्ति की तुलना चट्टान पर नींव डालने वाले से करते हैं जबकि मूर्ख की तुलना बालू पर घर बनाने वाले से करते हैं। जो प्रभु का वचन सुनते हैं वे बुद्धिमान हैं किन्तु जो इसे सुनने से इंकार करते एवं दिखावटी पर विश्वास करते हैं वे मूर्ख।

प्रभु चिरस्थायी चट्टान हैं

संत पापा ने कहा कि हमारी आशाओं एवं आकांक्षाओं के बारे ये दो विपरीत मनोभावों के बीच, हम कहाँ अपनी नींव डालें, इसका निर्णय करने के लिए हमें ईश्वर की कृपा की आवश्यकता है।

प्रभु चट्टान हैं। जो लोग प्रभु पर भरोसा रखते हैं वे हमेशा सुरक्षित रहेंगे क्योंकि उनकी नींव चट्टान पर है। सुसमाचार में येसु यही कहते हैं। वे बुद्धिमान व्यक्ति की तुलना चट्टान पर घर बनाने वाले व्यक्ति से करते हैं जिसका अर्थ है कि हमें प्रभु पर भरोसा रखना एवं गंभीर बातों पर ध्यान देना। यह भरोसा अच्छा है क्योंकि हमारे जीवन रूपी इस मकान की नींव निश्चित एवं मजबूत है।"

दिखावटी समाप्त हो जाता है  

बुद्धिमान व्यक्ति चट्टान पर घर बनाता जबकि मूर्ख बालू पर जो हवा आने पर ध्वस्त हो जाता है।  

संत पापा ने कहा कि "हमारे जीवन के साथ भी ऐसा ही होता है यदि इसकी नींव मजबूत न हो।" जब हमारे जीवन में आँधी आयेगी तब हम दृढ़ता से खड़े नहीं हो पायेंगे। कई लोग कहते हैं कि मैं अपने जीवन में बदलाव लाऊँगा और उन्हें लगता है कि जीवन में बदलाव मेकअप करने के समान है। बदलाव लाने के लिए जीवन में नींव डालने की आवश्यकता पड़ती है जो ख्रीस्त रूपी चट्टान पर स्थापित हो।  

चट्टान एवं बालू के बीच चुनाव

संत पापा ने कहा कि केवल येसु ही सुदृढ़ नींव हैं जबकि दिखावटी का कोई आधार नहीं होता। संत पापा ने पापस्वीकार संस्कार का उदाहरण देते हुए कहा कि सिर्फ वे ही लोग यह दिखला सकते हैं कि उनका जीवन चट्टान पर निर्मित है जो अपने आपको पापी एवं कमजोर स्वीकार करते तथा मुक्ति की आवश्यकता महसूस करते हैं, जो लोग येसु को मुक्ति का स्रोत मानते और उनपर विश्वास करते हैं।

अतः संत पापा ने येसु पर नींव डालने की सलाह दी, जो न तो ध्वस्त किये जा सकते और न बहाये जा सकते हैं।

उन्होंने कहा, "हम समाप्त हो जाने या दिखावटी की चीजों अथवा सब कुछ ठीक होने के नाटक पर नींव नहीं डाल सकते। हम चट्टान के पास जायें जहाँ हमारी मुक्ति है और हम सभी खुश रह पायेंगे।"  

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05 December 2019, 16:25
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