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ख्रीस्तयाग अर्पित करते संत पापा फ्राँसिस ख्रीस्तयाग अर्पित करते संत पापा फ्राँसिस  (ANSA)

शैतान नष्ट करता है क्योंकि वह ईष्यालु है

संत पापा फ्राँसिस ने 12 नवम्बर को वाटिकन के प्रेरितिक आवास संत मर्था में ख्रीस्तयाग अर्पित करते हुए प्रज्ञा ग्रंथ से लिए गये पाठ पर चिंतन किया तथा बतलाया कि शैतान किस तरह ईष्या से मानवता को नष्ट करना चाहता है।

उषा मनोरमा तिरकी-वाटिकन सिटी

वाटिकन सिटी, मंगलवार, 12 नवम्बर 2019 (रेई)˸ उन्होंने कहा कि शैतान का अस्तित्व है और वह सारे संसार में घृणा एवं मृत्यु बोता है क्योंकि वह ईष्या करता है कि ईश्वर के पुत्र मानव बने।

प्रवचन में संत पापा ने प्रज्ञा ग्रंथ से लिए गये पाठ पर चिंतन किया जहाँ कहा गया है कि ईश्वर ने मनुष्यों को अपने प्रतिरूप बनाया है किन्तु शैतान की ईर्ष्या के कारण दुनिया में मृत्यु का प्रवेश हुआ।  

संत पापा ने विश्वासियों को ईश्वर से प्रार्थना करने का निमंत्रण दिया ताकि वे हमें अपने पुत्र येसु ख्रीस्त पर विश्वास में बढ़ने की कृपा प्रदान करें जिन्होंने मानव का स्वभाव धारण किया ताकि वे शैतान एवं बुराई पर विजय पा सकें।

उन्होंने बतलाया कि उस घमंडी दूत की ईर्ष्या जिसने शरीरधारण को स्वीकार नहीं किया, मानवता को नष्ट करना चाहता है। इसी से ईर्ष्या, द्वेष और बदले की भावना हमारे हृदय में प्रवेश करता है जबकि हमें शांति से भाई-बहन की तरह जीना चाहिए। यहीं से संघर्ष एवं नष्ट करने की चाह उत्पन्न होती है।  

बकवास दूसरों की हानि करता है

संत पापा ने कहा, "जब आप दूसरों के बारे बूरी बातें करते हैं तो उन्हें हानि पहुँचाते हैं।" संत याकूब के शब्दों का हवाला देते हुए उन्होंने कहा, "जीभ एक खतरनाक हथियार है।" बकवास मार डालता है।

उन्होंने कहा, "हम अपने अंदर ही अंदर संघर्ष करते हैं और शुरू से ही मनुष्य ने ऐसा किया है। काईन और हाबिल दोनों भाई थे किन्तु एक के ईर्ष्या और द्वेष ने दूसरे को मार डाला।" दुनिया में ऐसा ही होता है। हम समाचारों में देख सकते हैं, युद्ध, विनाश, और युद्ध के कारण बीमारी से लोगों का मरना आदि।  

बर्लिन दीवार गिरने की बरसी

संत पापा फ्राँसिस ने बर्लिन की दीवार गिरने की बरसी की, नाजी के युद्ध के आतंक तथा शुद्ध जाति नहीं होने के कारण अत्यचार की याद की।

इन सबके पीछे एक चीज थी जिसने ऐसा करने के लिए मजबूर किया, उसे हम प्रलोभन कहते हैं। जब हम पापस्वीकार करने जाते हैं तब हम कहते है कि फादर मैं इस चीज के प्रलोभन में पड़ा...। एक ऐसा चीज जो आपके हृदय को छू देता है और गलत रास्ते पर बढ़ने के लिए प्रेरित करता है। कोई हमारे हृदय में विनाश और घृणा बोता है। आज हमें स्पष्ट रूप से कहना होगा, दुनिया में कई लोग हैं जो घृणा बोते हैं और नष्ट करते हैं।

संत पापा ने कहा कि वे उन समाचारों से प्रभावित होते हैं जिनमें घृणा और विनाश, युद्ध और आतंकवाद की घटनाएँ होती हैं। कई बच्चे भूख और बीमारी से मर जाते हैं क्योंकि उनके लिए पानी, भोजन, शिक्षा अथवा चिकित्सा आदि सुविधाओं का अभाव है जबकि विनाश के लिए हथियार के निर्माण हेतु पैसे खर्च किये जाते हैं। दुनिया में ऐसा होता है किन्तु मेरे हृदय में भी ऐसा ही होता है क्योंकि शैतान ने ईर्ष्या एवं घृणा बोया है। शैतान क्यों ईर्ष्या करता है क्योंकि वह हमारे मानवीय स्वभाव पर डाह करता है, क्योंकि ईश्वर का पुत्र हम लोगों में से एक बन गया। शैतान इसे सहन नहीं कर सकता।

 राजनीति की कीचड़

संत पापा ने कहा कि शैतान की ईर्ष्या की जड़, हमारी बुराई की जड़, हमारा प्रलोभन, यही दुनिया में युद्ध, भूख और हर प्रकार की विपति का मूल है। नष्ट करना और घृणा बोना स्वभाविक नहीं है, राजनीति में भी नहीं। किन्तु कुछ लोग ऐसा करते हैं। हमारे राजनीतिक नेता एक-दूसरे पर कीचड़ उछालने में लगे रहते हैं। झूठ और सच दोनों का सहारा लेकर एक-दूसरे को नष्ट करने का प्रयास करते हैं। देश के हित के लिए यह एक स्वस्थ एवं साफ राजनीति नहीं है। राजनीतिक नेता जो अपने विपक्षी को नीचा दिखाने के लिए अपमानजनक शब्दों का प्रयोग करते हैं उन्हें डर होता है कि दूसरे कहीं उनसे अधिक समर्थवान न दिखाई दें।    

संत पापा ने चिंतन करने हेतु प्रेरित करते हुए कहा, "मैं चाहता हूँ कि आप सभी इस पर चिंतन करें कि आज दुनिया में क्यों इतना अधिक घृणा है? परिवारों, पड़ोस, कार्य- क्षेत्र एवं राजनीति में क्यों मेल-मिलाप नहीं हो पाता है? शैतान घृणा बोने वाला है। दुनिया में मृत्यु का प्रवेश शैतान की ईर्ष्या से हुआ है।" संत पापा ने कहा कि कुछ लोग कहेंगे कि शैतान नहीं होता, यह बुराई है किन्तु ईश्वर का वचन स्पष्ट रूप से कहता है। शैतान येसु से क्रूद्ध हो गया। संत पापा ने सुसमाचार को पढ़ने की सलाह दी।

संत पापा फ्राँसिस ने अपने प्रवचन के अंत में विश्वासियों को प्रार्थना करने का निमंत्रण दिया कि ईश्वर हमारे हृदयों को येसु ख्रीस्त अपने पुत्र पर विश्वास में सुदृढ़ कर दे, जिन्होंने मानव स्वभाव धारण किया ताकि हम अपने शरीर से लड़ सकें और बुराई एवं शैतान पर विजय पा सकें। यह विश्वास हमें ईर्ष्यालु, सबसे बड़े झूठे एवं घृणा बोने वाले के छल में नहीं पड़ने की शक्ति प्रदान करे।    

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12 November 2019, 17:28
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