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संत पापा फ्राँसिस ख्रीस्तयाग अर्पित करते हुए संत पापा फ्राँसिस ख्रीस्तयाग अर्पित करते हुए   (ANSA)

शिथिल विश्वास हमारे जीवन को श्मशान बना देता है, संत पापा

संत पापा फ्राँसिस ने बृहस्पतिवार को वाटिकन स्थित प्रेरितिक आवास संत मर्था के प्रार्थनालय में ख्रीस्तयाग अर्पित किया तथा विश्वासियों को निमंत्रण दिया कि वे अपने आपको नकली आंतरिक शांति से न भरें जो कोई फल नहीं लाता।

उषा मनोरमा तिरकी-वाटिकन सिटी

वाटिकन सिटी, बृहस्पतिवार, 26 सितम्बर 19 (रेई)˸ हग्गय के ग्रंथ से लिए गये पाठ पर चिंतन करते हुए, संत पापा ने कहा कि प्रभु किस तरह उन्हें अपने व्यवहारों पर चिंतन करने और ईश्वर के घर के पुनःनिर्माण हेतु कार्य करने के द्वारा, उसे बदलने के लिए प्रेरित करते हैं। 

मन-परिवर्तन

संत पापा ने कहा कि नबी हग्गय आलसी लोगों के हृदय को प्रभावित करने की कोशिश कर रहे थे जिन्होंने अपने जीवन को पराजित मान लिया था। मंदिर शत्रुओं के द्वारा ध्वस्त कर दिया गया था, सब कुछ का विनाश हो गया था, कई साल बीत चुके थे किन्तु लोग कोई कदम नहीं उठा रहे थे।

तब प्रभु ने नबी भेजा ताकि मंदिर का पुनःनिर्माण किया जाए किन्तु हृदय कठोर हो जाने के कारण लोग जोखिम उठाना एवं काम करना नहीं चाहते थे।

संत पापा ने कहा कि जो लोग पुनः निर्माण के लिए उठना नहीं चाहते थे वे प्रभु को अपनी मदद करने नहीं दे रहे थे और उनका बहाना था कि समय नहीं आया है।    

संत पापा ने कहा कि यही नाटक कई शिथिल ख्रीस्तीय भी करते हैं जो कहते हैं, जी हाँ प्रभु यह अच्छा है किन्तु धीरे-धीरे छोड़ देते अथवा टालते हैं।

शिथिल आध्यात्मिकता समाधि की नीरवता की ओर ले जाती है।

शिथिल विश्वास का परिणाम

शिथिल विश्वास अनेक लोगों को अनिश्चितता का बहाना बनाने और टालने के लिए प्रेरित करता है। संत पापा ने कहा कि इसके कारण कई लोगों का जीवन बर्बाद हो जाता और टूट जाता है क्योंकि उन्होंने शांति और शांत रहने के मनोभाव को बनाये रखने के अलावा कुछ नहीं किया है। निश्चय ही, यह समाधि स्थल की नीरवता है।  

संत पापा ने चेतावनी दी कि जब हम आध्यात्मिक रूप से शिथिल हो जाते हैं तब हम आधा ख्रीस्तीय बनते हैं जिनका कोई आधार नहीं होता जबकि प्रभु आज हमारा मन परिवर्तन चाहते हैं।

उन्होंने कहा कि गुनगुना आध्यात्मिकता हमारे जीवन को कब्रस्थान में बदल देता है जहाँ जीवन नहीं होता।

संत पापा ने प्रार्थना करने हेतु आह्वान किया ताकि हम आधा ख्रीस्तीय बनने के प्रलोभन में न पड़ें जिसका कोई जड़ ही नहीं होता। कुछ लोग इसे गुलाब जल ख्रीस्तीय पुकारते हैं। ऐसे ख्रीस्तीय बोते बहुत हैं लेकिन लुनते बहुत कम हैं। कुछ लोग बड़ी-बड़ी प्रतिज्ञाएँ करते हैं किन्तु अंत में कुछ नहीं करते।

प्रभु हमें मदद करे ताकि हम शिथिल भावना से जागें और आध्यात्मिक जीवन की इस अचेतना से संघर्ष करें।

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26 September 2019, 16:50
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