संत मार्था प्रार्थनालय में पापा फ्राँसिस संत मार्था प्रार्थनालय में पापा फ्राँसिस 

ख्रीस्तियों की सच्ची जीवन शैलीःआशीर्वचन, संत पापा

हम ख्रीस्तियों की जीवन शैली ‘नये मशकों पर नई अंगूरी’ होनी चाहिए, जिसका संकेत हम आशीर्वचन में पाते हैं।

माग्रेट सुनीता मिंज-वाटिकन सिटी

वाटिकन सिटी, सोमवार 21 जनवरी 2019 (रेई) : “आप विश्वास करते हैं कि आप अच्छे काथलिक हैं लेकिन अच्छे काथलिक की तरह व्यवहार नहीं करते हैं। एक ख्रीस्तीय की वास्तविक जीवन शैली आशीर्वचन में इंगित की गई है।” उक्त बात संत पापा फ्राँसिस ने सोमवार 21 जनवरी को अपने निवास स्थान संत मार्था के प्रार्थनालय में पवित्र मिस्सा के दौरान प्रवचन में कही।

संत पापा ने संत मरकुस के सुसमाचार द्वारा लिये गये पाठ पर चिंतन किया जहाँ ‘नये मशकों पर नई अंगूरी’ के बारे चर्चा की गई है। संत पापा ने कहा कि हम ख्रीस्तियों की जीवन शैली ‘नये मशकों पर नई अंगूरी’ होनी चाहिए। अच्छे ख्रीस्तीय होने के लिए हमें "नए व्यवहार" और एक "नई जीवन शैली" की आवश्यकता है जिसका संकेत हम आशीर्वचन में पाते हैं।  

सच्चा ख्रीस्तीय दूसरों पर आरोप नहीं लगाता

संत पापा फ्राँसिस ने एक सच्चे ख्रीस्तीय की जीवन शैली को समझने के लिए "अभियोगात्मक शैली", "सांसारिक शैली" और "स्वार्थी शैली" जैसे गैर-ख्रीस्तीय जीवन शैली पर चर्चा की।

संत पापा ने कहा कि अभियोगात्मक शैली उन विश्वासियों की जीवन शैली है जो हमेशा दूसरों पर आरोप लगाने की कोशिश करते हैं और हमेशा दूसरों को अयोग्य घोषित करते हैं। यह न्याय प्रवर्तकों की गलत शैली है। वे हमेशा दूसरों पर आरोप लगाते हुए जीते हैं। उन्हें यह एहसास नहीं है कि यह शैतान की शैली है: बाइबिल में शैतान को "महान अभियुक्त" कहा गया है, जो हमेशा दूसरों पर आरोप लगाता है।

संत पापा ने कहा कि यह शैली यह हमारे बीच मौजूद है और यह येसु के समय में भी था, येसु कई बार दूसरों पर आरोप लगाने वालों को फटकार लगाते हैं: "दूसरों की आंखों में तिनके को देखने के बजाय, आप अपनी आँखों के लठ को देखें" या फिर:"जिन लोगों ने पाप नहीं किया है, वे पहला पत्थर फेंके" इत्यादि। संत पापा कहते हैं कि दूसरों पर आरोप लगाना और दोषों की तलाश करना एक सच्चे ख्रीस्तीय की जीवन शैली नहीं है।

सांसारिकताः लोगों की बर्बादी

संत पापा ने कहा कि सांसारिकता में लोग खुद पर विश्वास करते हैं धन-दौलन, मान-सम्मान का धमंड रहता है। वे दुनिया की हर खुशी को पाने के प्रयास में ईश्वर द्वारा दिये गये सभी गुणों और हुनर का उपयोग तो करते हैं पर इस होड़ में वे अपनों की परवाह नहीं करते और वे लोगों का प्रयोग वस्तुओं के समान करते हैं।

संत पापा ने कहा कि प्रभु ने आपको नई अंगूरी की पेशकश की लेकिन आपने मशका को नहीं बदला, अर्थात अपने आपको को नहीं बदला। सांसारिकता अच्छे लोगों को बर्बाद करती है। अच्छे लोगों में घमंड की भावना प्रवेश करती हैं। येसु और उनकी माता मरियम हमें विनम्र बनना सिखाते हैं। संत जोसेफ स्वभाव से विनम्र थे।

ख्रीस्तीय उदासीन नहीं हो सकता

संत पापा ने कहा कि हमारे समाज में और हमारे समुदायों में एक और शैली है, "स्वार्थी शैली," "उदासीनता की भावना"। हम एक अच्छे काथलिक का जीवन जीते हैं प्रार्थना करते हैं, आज्ञाओं का पालन करते हैं परंतु दूसरों के प्रति उदासीन हैं। उनकी समस्याओं के बारे नहीं सोचते हैं समाज में हो रहे युद्धों, बीमारियों, पीड़ित लोगों के बारे में चिंता नहीं करते हैं यहाँ तक कि अपने पड़ोसियों की परवाह नहीं करते हैं तो यह एक पाखंड है। येसु ने कानून के विद्वानों को पाखंड कहकर डांटा था।  

संत पापा ने विश्वसियों को खुद से प्रश्न करने को कहा।  एक ख्रीस्तीय की सच्ची जीवन शैली क्या है? ख्रीस्तियों की जीवन शैली नम्रता,  दुख में धैर्य, न्याय के लिए प्यार, उत्पीड़न सहने की क्षमता, दूसरों पर आरोप नहीं लगाने की क्षमता है। एक ख्रीस्तीय का जीवन ‘नये मशकों पर नई अंगूरी’ होना चाहिए।  

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21 January 2019, 16:13
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