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संत मर्था में ख्रीस्तयाग अर्पित करते संत पापा संत मर्था में ख्रीस्तयाग अर्पित करते संत पापा  (ANSA)

जोसेफ स्वप्न का व्यक्ति है उसके पैर जमीन पर हैं, संत पापा

संत पापा फ्राँसिस ने मंगलवार 18 दिसम्बर को वाटिकन स्थित प्रेरितिक आवास संत मर्था के प्रार्थनालय में ख्रीस्तयाग अर्पित किया, जहाँ उन्होंने स्लोवाकिया के उन विकलांग बच्चों के लिए प्रार्थना की जिन्होंने क्रिसमस ट्री के लिए श्रृंगार तैयार किया है।

उषा मनोरमा तिरकी-वाटिकन सिटी

वाटिकन सिटी, मंगलवार, 18 दिसम्बर 2018 (रेई)˸ संत पापा ने प्रवचन में कहा, "जोसेफ एक ऐसा व्यक्ति था जो चुपचाप साथ देना जानता था और वह स्वप्न का व्यक्ति था।"

प्रवचन में संत पापा ने संत जोसेफ के स्वभाव पर प्रकाश डाला। आगमन के इस काल में संत पापा ने स्लोवाकिया के विकलांग बच्चों के लिए प्रार्थना की जिन्होंने  क्रिसमस ट्री को सजाने के लिए घंटियाँ तैयार किया है।  

अच्छे माता-पिता की प्रज्ञा

संत पापा ने कहा, "पवित्र धर्मग्रंथ के माध्यम से हम जानते हैं कि जोसेफ एक धर्मी व्यक्ति था जो संहिता का पालन करता था। वह परिश्रमी तथा विनम्र था एवं मरियम से प्यार करता था।" आरम्भ में नहीं समझने के कारण वह मरियम को त्याग देना चाहता था किन्तु ईश्वर ने उसके मिशन को प्रकट किया। तब जोसेफ ने अपनी जिम्मेदारी को स्वीकारा एवं बिना न्याय किये अथवा किसी तरह की आलोचना किये अपनी भूमिका निभाते हुए ईश्वर के पुत्र के विकास में चुपचाप अपना पूर्ण सहयोग दिया।  

जोसेफ ने चुपचाप अपने बेटे के जन्म के लिए एक स्थान का प्रबंध किया, उसकी सेवा की, उसे बढ़ने में मदद दिया, प्रार्थना करना सिखलाया और कई अन्य चीजों को करना सिखलाया। उन्होंने अपने पुत्र की सम्पति को अपने लिए नहीं लिया। संत पापा ने कहा कि यह हम लोगों को भी मदद दे सकता है क्योंकि हम स्वभाव से ही दूसरों के बारे जानना चाहते और उनके बारे बातचीत करते हैं।

संत पापा ने माता-पिता के उस मनोभाव को बुद्धिमतापूर्ण कहा जो बच्चों को तत्काल फटकारने के बदले धीरज रखते हैं। उन्होंने कहा कि विकास में सहायक शब्दों को बोलने से पहले, इंतजार करने जानना आवश्यक है। चुपचाप इंतजार करना जैसा कि ईश्वर अपने बच्चों के लिए करते हैं, वे उनके लिए बहुत अधिक धीरज रखते हैं।

स्वप्न का व्यक्ति

प्रवचन में संत पापा ने गौर किया कि संत जोसेफ एक दृढ़ व्यक्ति थे किन्तु वे एक खुले और स्वप्न के व्यक्ति थे।

स्वप्न सच्चाई को खोजने का एक प्रमुख स्थान है क्योंकि वहाँ हम अपने आपको सच्चाई से बचाने की कोशिश नहीं करते। कई बार ईश्वर भी स्वप्न के द्वारा बोलते हैं। यह हमेशा नहीं होता है क्योंकि स्वप्न में बहुधा हमारी अचेतन स्थिति प्रकट करती है किन्तु बाईबिल में हम कई उदाहरण पाते हैं जहाँ ईश्वर स्वप्न में अपनी बातों को रखते हैं। जोसेफ स्वप्न का व्यक्ति था किन्तु ख्वाबों में खोने वाला व्यक्ति नहीं था। ख्वाबों में खोना एक अलग बात है क्योंकि ऐसा व्यक्ति कल्पना में जीता है। वह हवा में रहता और उसका पैर जमीन पर नहीं होता। जोसेफ के पैर जमीन पर थे।  

स्वप्न पर रूचि लेना न छोड़ें  

संत पापा ने अपने उपदेश में विश्वसियों को सलाह दी कि वे स्वप्न देखने की क्षमता न खोयें, चुनौतियों के बावजूद वे भविष्य में दृढ़ता के साथ खुले होने की क्षमता को न खोयें क्योंकि स्वप्न देखना भविष्य के द्वार को खोलना है।

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18 December 2018, 16:30
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