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संत पापा फ्राँसिस प्रवचन देते हुए संत पापा फ्राँसिस प्रवचन देते हुए  (ANSA)

विश्वास के साहस के साथ क्रिसमस की तैयारी करें, संत पापा

संत पापा फ्राँसिस ने आगमन के दूसरे सप्ताह में विश्वास के साथ क्रिसमस की तैयारी करने हेतु कृपा मांगने के लिए प्रोत्साहित किया। विश्वास की रक्षा करना और विश्वास को बनाये रखना आसान नहीं है।

माग्रेट सुनीता मिंज-वाटिकन सिटी

वाटिकन सिटी, सोमवार 10 दिसम्बर 2018 (रेई) : संत पापा फ्राँसिस ने सोमवार 10 दिसम्बर को वाटिकन के प्रेरितिक निवास संत मार्था के प्रार्थनालय में प्रातःकालीन मिस्सा समारोह का अनुष्ठान किया। उन्होंने संत लूकस सुसमाचार से लिये गये उस पाठ पर चिंतन किया जहाँ एक लकवाग्रस्त व्यक्ति के उपचार का वर्णन किया गया है। संत पापा कहा कि यह घटना हमें इस बात पर विश्वास करने हेतु प्रेरित करता है कि विश्वास साहस को प्रेरित करता है और यह येसु के दिल को छूने का तरीका है। येसु ने उनके विश्वास को देखते हुए लकवाग्रस्त व्यक्ति को चंगा किया।

संत पापा ने कहा कि छत को खोलकर रोगी को खाट सहित नीचे उतारना एक साहसपूर्ण कार्य था। उन्होंने साहस के साथ रोगी को इसी विश्वास से नीचे उतारा कि येसु उसे चंगा करेंगे।

क्रिसमस संसारिकता में नहीं मनाया जाता

संत पापा ने उन लोगों को याद किया और येसु में उनके विश्वास की प्रशंसा की। जैसे शतपति ने अपने नौकर के लिए चंगाई की याचना की। एक समारी स्त्री ने  अपनी अपदूतग्रस्त बेटी के स्वास्थ्य लाभ के लिए निवेदन किया था। रक्तश्राव स्त्री ने साहस के साथ येसु के वस्त्र का एक सिरा स्पर्श किया और उसे अपनी बीमारी से चंगाई मिली।

संत पापा ने कहा यदि हम विश्वास के साथ अर्जी करें तो सब संभव है। हम सभी जानते हैं कि क्रिसमस को अक्सर उतने विश्वास के साथ नहीं माना जाता है, यह सांसारिक या मात्र त्योहार के रुप में भी मनाया जाता है; लेकिन आज ईश्वर हमें विश्वास के साथ त्योहार मनाने के लिए कहते हैं। आज आगमन के दूसरे सप्ताह के पहले दिन में हम विश्वास के साथ ख्रीस्त जयंती को योग्य रीति से मनाने हेतु ईश्वर से कृपा मांगे। हम विश्वास के साथ इसे मनाने में सक्षम हो सकें। विश्वास की रक्षा करना और विश्वास को बनाये रखना आसान नहीं है।

दिल से विश्वास का कार्य

संत पापा ने प्रवचन के अंत में संत योहन के सुसमाचार के अध्याय 9 को पढ़ने हेतु प्रेरित किया जिसमें येसु जन्मांध को दृष्टिदान देते हैं। उस अंधे ने येसु को मसीह के रुप में पहचाना और विश्वास  किया। हम अपने विश्वास में मजबूत होने की कृपा मांगें । अंधविश्वासों से अपने विश्वास की रक्षा करें।

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10 December 2018, 16:22
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