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संत मर्था में मिस्सा के दौरान उपदेश देते संत पापा संत मर्था में मिस्सा के दौरान उपदेश देते संत पापा  (Vatican Media)

ख्रीस्त का प्रचार विज्ञापन नहीं किन्तु जीवन से सुसंगत

संत पापा ने मिस्सा में ख्रीस्तीय एकता के लिए प्रार्थना की तथा बतलाया कि ख्रीस्त का साक्ष्य देने का अर्थ है अपने जीवन को पूर्ण रूप से समर्पित कर देना।

उषा मनोरमा तिरकी-वाटिकन सिटी

वाटिकन सिटी, शुक्रवार, 30 नवम्बर 2018 (रेई)˸ वाटिकन स्थित प्रेरितिक आवास संत मर्था के प्रार्थनालय में शुक्रवार 30 नवम्बर को संत पापा फ्राँसिस ने ख्रीस्तयाग अर्पित किया जहाँ उन्होंने विश्वासियों का आह्वान किया कि वे कुस्तुनतुनिया ग्रीक ऑर्थोडॉक्स कलीसिया के लिए प्रार्थना करें जो आज अपने संरक्षक प्रेरित संत अंद्रेयस का पर्व मना रही है। संत पापा ने मिस्सा में ख्रीस्तीय एकता के लिए प्रार्थना की तथा बतलाया कि ख्रीस्त का साक्ष्य देने का अर्थ है अपने जीवन को पूर्ण रूप से समर्पित कर देना।  

संत पापा ने कहा,"प्रेरित पेत्रुस, अंद्रेयस, जेम्स और योहन की तरह हम उन सभी चीजों का त्याग करें जो हमें ख्रीस्त का साक्ष्य देने हेतु आगे जाने से रोकता है।"

ख्रीस्त का साक्ष्य देने में सुसंगतता

अपने प्रवचन में संत पापा ने विश्वासियों को निमंत्रण दिया कि वे दूषित मनोभावों, पापों एवं दुराचारों को दूर करें ताकि वे अधिक सुसंगत हों एवं येसु के सुसमाचार का प्रचार करें, ताकि उनके साक्ष्यों पर लोग यकीन कर सकें।

संत पापा ने संत पौलुस के पत्र से लिए गये पाठ पर चिंतन किया जहाँ वे समझाते हैं कि सुनने से विश्वास उत्पन्न होता है तथा जो सुना जाता है वह मसीह का वचन है। (रोम.10,17) संत पापा ने कहा कि सुसमाचार की घोषणा करना महत्वपूर्ण है, ख्रीस्त मर गये, खीस्त जी उठे ख्रीस्त महिमा के साथ फिर आयेगें। उन्होंने कहा कि सुसमाचार सुनाना, कोई साधारण समाचार देना नहीं है बल्कि एक महान समाचार की घोषणा है।

यह कोई विज्ञापन भी नहीं है और न ही प्रलोभन देना है। यदि कोई सुसमाचार के नाम पर लोगों को फुसलाने की कोशिश करता है तब यह ख्रीस्त का प्रचारक नहीं है बल्कि एक पेशेवर है वह बाजार के तर्क का समर्थन करता है। सुसमाचार प्रचार प्रलोभन देने अथवा बाजार से बढ़कर है। इसके लिए सबसे पहले हम भेजे जाते हैं।

शामिल होना

अतः मिशन के लिए भेजा जाना, हमारे जीवन को उसमें प्रवेश कराता है। एक शिष्य जो येसु ख्रीस्त के सुसमाचार की घोषणा करने के लिए भेजा जाता है वह अपना मिशन तभी पूरा कर पाता है जब वह उस परिस्थिति में प्रवेश करता तथा अपने जीवन, अपना समय, अपनी रूचि एवं अपने शरीर को पूरी तरह समर्पित कर देता है। सुसमाचार की घोषणा के लिए आगे बढ़ने का अर्थ है अपने जीवन को जोखिम में डालना। हमें येसु ख्रीस्त का प्रचार अपने साक्ष्य द्वारा देना है और उस साक्ष्य के लिए हमें अपने जीवन को दाँव पर लगाना पड़ता है।    

शहीद

संत पापा ने कहा कि ईश वचन की घोषणा करने के लिए हमें साक्ष्य देना है जो उन लोगों के लिए ठोकर बन जाता है जो ख्रीस्तीय कहलाते, किन्तु गैर-विश्वासियों की तरह जीते हैं मानो कि वे विश्वास ही नहीं करते।

उन्होंने जीवन में सुसंगत बने रहने का निमंत्रण दिया जो साक्ष्य को विश्वासनीय बनाता तथा कहा कि ऐसे लोग शहीद हो जाते हैं। उन्होंने याद दिलाया कि पिता ईश्वर ने अपने पुत्र को दुनिया में भेजा जिन्होंने अपना जीवन अर्पित कर दिया। यह लोगों के लिए अब भी ठोकर का कारण हैं क्योंकि ईश्वर मनुष्य बने और वे हमारी जीवन यात्रा के सहभागी हैं। शैतान ने येसु की परीक्षा ली और उन्हें भटकाने की कोशिश की किन्तु येसु अंत तक पिता की इच्छा पर चलते रहे। येसु की घोषणा करने के लिए हमें उसी रास्ते को अपनाना है साक्ष्य के रास्ते को क्योंकि वे भी पिता के साक्षी थे। इस प्रकार शहीद वे हैं जो सत्य का साक्ष्य प्रस्तुत करते हैं।

संत पापा ने कहा कि प्रेरितों ने अपना जीवन अर्पित किया किन्तु हमारे समाज एवं परिवारों में कई लोग हैं जो हर दिन चुपचाप अपने जीवन से तथा येसु ख्रीस्त के अनुरूप जीने के द्वारा साक्ष्य देते हैं।  

एक फलप्रद घोषणा

संत पापा ने कहा कि बपतिस्मा लेने के द्वारा हम सभी ख्रीस्त की घोषणा के मिशन में भाग लेते हैं तथा येसु की शिक्षा को जीने का प्रयास करते हैं। उन्होंने कहा कि हम जो दूसरों के लिए कहते हैं उसे जीने का प्रयास करें अन्यथा हम उनके लिए ठोकर बन जायेंगे और ईश्वर की प्रजा को हानि पहुँचायेंगे।

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30 November 2018, 14:57
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