प्रवचन देते हुए संत पापा फ्राँसिस प्रवचन देते हुए संत पापा फ्राँसिस   (ANSA)

छोटी चीजों में उदारता दिल को विशाल बनाती है, संत पापा फ्राँसिस

पवित्र मिस्सा के दौरान संत पापा फ्राँसिस ने उदारता की महानता पर प्रकाश डाला। उनके अनुसार “उपभोक्तावाद उदारता का दुश्मन है।”

माग्रेट सुनीता मिंज-वाटिकन सिटी

वाटिकन सिटी, सोमवार 26 नवम्बर 2018 (वाटिकन रेडियो, रेई): सोमवार 26 नवम्बर को संत पापा फ्राँसिस ने वाटिकन स्थित अपने निवास संत मर्था के प्रार्थनालय में पवित्र मिस्सा के दौरान दैनिक पाठ पर मनन चिंतन करते हुए गरीबों के प्रति उदारता दिखाने के लिए प्रेरित किया।

उदारता का दुश्मन है उपभोक्तावाद

सुसमाचार के कई स्थानों में येसु ने गरीबों और धनियों की चर्चा की है। जैसे- धनी व्यक्ति और लाजरुस, धनी युवक, गरीब विधवा। सुसमाचार में हम पाते हैं कि धनियों का स्वर्ग राज्य में प्रवेश करना बहुत कठिन है। येसु जानते थे कि उपभोक्तावाद, धन-दौलत के पीछे सांसारिकता छिपी हुई है जो अपने स्वार्थ, मान और सम्मान को पूरा करती है। उपभोक्तावाद उदारता का दुश्मन है।

ईश्वर में विश्वास, उदारता का जन्मदाता

आज के सुसमाचार पाठ (लूकस 21,1-4) में अमीरों और गरीबों के बीच एक अंतर है। धनियों ने खजाने में अपना दान डाला और एक गरीब विधवा ने दो सिक्के डाले। येसु ने विधवा की उदारता की प्रशंसा की जिसने अपनी सारी जमा पूँजी दान पेटी में डाल दिया। उनका ईश्वर में पूरा विश्वास था इसी वजह से उन्होंने अपने लिए कुछ भी न रखा और सबकुछ ईश्वर को दान कर दिया। उन्होंने अपने जीवन में ईश्वर को प्रथम स्थान दिया।

उपभोक्तावाद की बीमारी

संत पापा ने कहा कि आज सभी तरफ उपभोक्तावाद की बीमारी फैल रही है। उपभोक्तावाद हमें गरीबों और जरुरतमंदों के प्रति उदार बनने, उनकी मदद करने से रोकती है। हम सिर्फ और सिर्फ अपने बारे ही सोचते हैं। आइये  ईश्वर से प्रार्थना करें कि वे हमें उपभोक्तावाद और सांसारिकता जैसी बीमारी से बचाये रखे। हमें उदार बनाये, जिससे हम अपने धन का सही तरह से प्रयोग कर सकें। गरीबों और जरुरतमंदों की मदद करने से कभी पीछे न हटें।

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26 November 2018, 16:54
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