खोज

ख्रीस्तयाग अर्पित करते संत पापा ख्रीस्तयाग अर्पित करते संत पापा  (Vatican Media)

कलीसिया शांत भाव से बढ़ती है, संत पापा

वाटिकन स्थित प्रेरितिक आवास संत मर्था के प्रार्थनालय में बृहस्पतिवार 15 नवम्बर को संत पापा फ्राँसिस ने ख्रीस्तयाग अर्पित किया तथा कहा कि कलीसिया यूखारिस्त एवं भले कार्यों द्वारा विकसित होती है।

उषा मनोरमा तिरकी-वाटिकन सिटी

वाटिकन सिटी, बृहस्पतिवार, 15 नवम्बर 2018 (रेई)˸ प्रवचन में संत पापा ने संत लूकस रचित सुसमाचार से लिए गये पाठ पर चिंतन किया जिसमें स्वर्ग राज्य के विस्तार पर प्रकाश डाला गया है।

संत पापा ने कहा, "कलीसिया सादगी, शांत, प्रशंसा, यूखरिस्तीय बलिदान तथा भाईचारापूर्ण समुदाय में विकसित होती है जहाँ सभी लोग एक-दूसरे से प्रेम करते हैं।"  

अच्छे कार्य समाचार नहीं बनते

संत पापा ने कहा कि कलीसिया अपने आपको यूखारिस्त एवं अच्छे कार्यों में प्रकट करती है जिन्हें समाचार नहीं माना जाता है। ख्रीस्त की दुल्हिन का स्वभाव शांत है जो बिना आवाज किये फल उत्पन्न करती है।

प्रभु ने बीज बोने वाले के दृष्टांत द्वारा हमें बतलाया है कि कलीसिया किस तरह बढ़ती है। बीज बोने वाला बो देता है। बीज अपने आप अंकुरित होता और रात-दिन बढ़ता तथा फल लाता है। यह महत्वपूर्ण है कि कलीसिया शांत रूप से एवं एकान्त में बढ़ती है। यही कलीसिया के बढ़ने का तरीका है।

संत पापा ने कहा कि कलीसिया की पहचान उसके भले कार्यों द्वारा होती है जिसे देखकर लोग स्वर्गीय पिता की महिमा करते हैं। यूखारिस्त बलिदान जिसमें ईश्वर को धन्यवाद दी जाती है कलीसिया अपने आप को प्रकट करती है।

लालच का प्रलोभन

कलीसिया साक्ष्य, प्रार्थना एवं पवित्र आत्मा की ओर प्रेरित होने के द्वारा बढ़ती है न कि कार्यक्रमों के द्वारा। प्रभु हमें लालच के प्रलोभन में नहीं पड़ने हेतु मदद करते हैं। संत पापा ने कहा कि कलीसिया में हम अधिक अच्छे कार्यों को देखना चाहते हैं और जिसके कारण कार्यक्रमों की कलीसिया के प्रलोभन में पड़ जाते हैं जो शांत, एकान्त एवं भले कार्यों द्वारा विकसित नहीं हो सकती।

दुनियावी मनोभाव शहादत को सहन नहीं कर सकता

दुनिया में बहुधा प्रदर्शनी, दुनियादारी, दिखावा आदि की ओर झुकाव अधिक होता है। संत पापा ने गौर किया कि येसु को भी प्रदर्शन का प्रलोभन दिया गया था। शैतान ने येसु की परीक्षा लेते हुए कहा था, मंदिर से नीचे कूद जाइये, जिससे सब लोग आपका दर्शन करने आयेंगे और आप पर विश्वास करेंगे किन्तु येसु ने शिक्षा देने, प्रार्थना करने, भले कार्यों, क्रूस एवं पीड़ा को चुना।

क्रूस और पीड़ा

संत पापा ने कहा कि कलीसिया शहीदों के खून से बढ़ती है, उन लोगों के त्याग द्वारा जो अपना जीवन दूसरों के लिए अर्पित करते हैं। आज कई ऐसे लोग हैं किन्तु इसे समाचार नहीं माना जाता है। दुनिया उन्हें छिपा देती है। दुनिया का मनोभाव शहादत को सहन नहीं करता है।

Thank you for reading our article. You can keep up-to-date by subscribing to our daily newsletter. Just click here

15 November 2018, 16:56
सभी को पढ़ें >