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संत मर्था में ख्रीस्तयाग अर्पित करते संत पापा संत मर्था में ख्रीस्तयाग अर्पित करते संत पापा  (@Vatican Media)

कड़े और पूर्ण समझे जाने वाले लोगों से सावधान, संत पापा

मुक्ति प्रभु की ओर से एक वरदान है वे हमें स्वतंत्रता की आत्मा प्रदान करते हैं। यह बात संत पापा फ्रांसिस ने वाटिकन स्थित प्रेरितिक आवास संत मर्था के प्रार्थनालय में ख्रीस्तयाग अर्पित करते हुए प्रवचन में कही।

उषा मनोरमा तिरकी-वाटिकन सिटी

मंगलवार के ख्रीस्तयाग प्रवचन में संत पापा ने ढोंगियों से सावधान रहने की सलाह दी क्योंकि वे ईश्वर के वरदानों के प्रति खुला नहीं होते। संत पापा ने प्रवचन में सुसमाचार के उस पाठ पर चिंतन किया जहाँ फरीसियों ने येसु को भोजन पर निमंत्रण दिया था। नियम के अनुसार खाने के पूर्व हाथ धोना आवश्यक समझा जाता था किन्तु येसु ने बिना हाथ धोये खाना शुरू किया जो फरीसियों के लिए परेशानी का कारण बन गई। तब येसु ने फरीसियों के ढोंग की निंदा की।

फरीसी येसु से विस्मित

संत पापा ने कहा कि कुछ लोग येसु को हृदय से प्यार करते थे जबकि नियम के पंडित एवं सदुकी तथा फरीसी उनकी गलती पकड़ना चाहते थे। संत पापा ने कहा कि वे औपचारिकता के उदाहरण हैं जो सच्चा जीवन नहीं जीते। वे कड़े थे और येसु उनके हृदय को जानते थे। येसु के कार्यों से वे ठोकर खा गये जब उन्होंने पापों की क्षमा की और विश्राम दिवस के दिन चंगा किया। उन्होंने येसु के इन कार्यों को देखकर अपने वस्त्र फाड़ दिये और कहा कि यह ईश्वर के विरूद्ध है क्योंकि वे समझते थे कि ईश्वर का कार्य सिर्फ वे ही कर सकते थे। वे लोगों की चिंता नहीं करते थे। उनके लिए सबसे बड़ी बात थी नियमों का हूबहू पालन।

पुती हुई कब्र

येसु ने फरीसियों का निमंत्रण स्वीकार किया क्योंकि वे स्वतंत्र थे। जब फरीसी येसु से ठोकर खा गये तब येसु ने उनसे कहा, तुम फरीसी बर्तन को बाहर से मांजते हो किन्तु तुम अंदर से लालच एवं दुष्टता से भरा हो।

येसु के ये शब्द कड़वे थे किन्तु इसमें सच्चाई थी और येसु दिखावटी नहीं चाहते थे। उन्होंने उनसे कहा कि वे केवल बाहर देखते, अंदर नहीं। उन्होंने उन्हें पुती हुई कब्र की संज्ञा दी, जो बाहर से पूरी तरह सही दीख पड़ता किन्तु अन्दर गंदगी से भरा होता है।

ढोंगी केवल बाहर देखते

संत पापा ने याद दिया कि येसु ने फरीसियों को भले समारी के दृष्टांत में तथा उनके उपवास करने के तरीके को लेकर भी फटकार सुनायी थी। संत पापा ने कहा कि येसु उन्हें इसलिए फटकारते थे क्योंकि वे दिखावा करते थे। वे उन्हें ढोंगी की संज्ञा देते थे। संत पापा ने कहा कि वे लोग लालची होते हैं और लालच के कारण दूसरों को मार भी सकते हैं जैसा कि आज हो रहा है, बुरे समाचारों को फैलाने के लिए पैसे दिये जाते हैं जो दूसरों को बिगाड़ता है।

कठोरता एक गंभीर समस्या

संत पापा ने कहा कि फरीसी और शास्त्री कठोर थे। वे परिवर्तन नहीं चाहते थे। उन्होंने कहा कि यह एक गंभीर समस्या है। कई ख्रीस्तीय अपने को अच्छा दिखाने का प्रयास करते हैं किन्तु येसु उनके साथ नहीं होते, उनमें दुनियादारी की भावना होती है।

क्या मैं अपना हृदय खोलता हूँ?

येसु फरीसियों को मूर्ख कहते हैं। वे हमें सलाह देते हैं कि हम अपना हृदय खोलें ताकि हम प्रेम किये जा सकें एवं ईश्वर की कृपा हममें प्रवेश कर सके। मुक्ति एक मुफ्त वरदान है क्योंकि कोई भी अपने को नहीं बचा सकता।

संत पापा ने चेतावनी देते हुए कहा, "कठोर लोगों से सावधान रहें। उन ख्रीस्तीय लोकधर्मियों, पुरोहितों एवं धर्माध्यक्षों से भी सावधान रहें जो अपने को पूर्ण दिखाना चाहते हैं किन्तु कठोर होते हैं। उन्होंने कहा, "उनसे सावधान रहें क्योंकि उनमें ईश्वर की आत्मा नहीं है। स्वतंत्रता की आत्मा उनमें वास नहीं करती।"

संत पापा ने चिंतन करने का आह्वान करते हुए कहा कि क्या मैं दिखावा पसंद करता हूँ, क्या मैं अपना हृदय प्रार्थना के लिए खोलता हूँ, प्रार्थना की स्वतंत्रता के लिए, मुक्त रूप से देने के लिए, उदारता पूर्वक दया के कार्यों को करने के लिए?

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16 October 2018, 16:36
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