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संत पापा  प्रवचन देते हुए संत पापा प्रवचन देते हुए  (� Vatican Media)

दैनिक अंतःकरण की जाँच करें, संत पापा फ्राँसिस

संत पापा फ्राँसिस ने प्रातःकालीन मिस्सा बलिदान के दौरान प्रवचन में कहा कि मनुष्य के हृदय में हर दिन "दुनियाई भौतिकता" और "ईश्वर का आत्मा" एक दूसरे का सामना करते हैं।

माग्रेट सुनीता मिंज-वाटिकन सिटी

वाटिकन सिटी, मंगलवार 4 सितम्बर 2018 (रेई) : “मनुष्य का हृदय "युद्धक्षेत्र" जैसा है, जहां दो अलग-अलग "आत्माओं" का आमना-सामना होता है : एक ईश्वर का आत्मा, जो हमें "अच्छे काम, दूसरों की मदद करने और आपसी बंधुता बढ़ाने की आगे ले जाता है, तो दूसरी ओर "दुनियाई भौतिकता"  हमें "व्यर्थता, घमंड और चापलूसी" की ओर ढकेलती है।” यह बात संत पापा फ्राँसिस ने अपने प्रवचन में कही।

मंगलवार, 4 सितम्बर को संत पापा फ्राँसिस ने अपने निवास संत मार्था के प्रार्थनालय में पवित्र यूखारिस्त समारोह का अनुष्ठान किया। संत पापा ने कुरिंथियों के नाम पौलुस के पत्र के पाठ पर चिंतन किया, जहाँ "प्रेरित पौलुस ने कुरिंथवासियों को मसीह के विचारों को सिखाया है। उन्हें "पवित्र आत्मा से संयुक्त रहने का मार्ग दिखाया। वास्तव में, पवित्र आत्मा हमें अपने "दिल" को समझने और येसु को जानने के लिए हमारी मदद करता है।  

अच्छे और बुरे के बीच अनवरत संघर्ष

संत पापा ने दो तरह की शक्तियों के बीच भेद को स्पष्ट करते हुए कहते हैं कि "मनुष्य अपनी शक्तियों के सामने आत्मा की शक्तियों को समझ में नहीं पाता। सोचने, महसूस करने, अभिनय करने के दो तरीके हैं,: "दो आत्माएं हैं-एक ईश्वर का आत्मा और दूसरा संसारिक भौतिकता। ईश्वर का आत्मा हमें अच्छे काम करने, दान करने, भाईचारे को बढ़ाने, ईश्वर की पूजा करने, प्रार्थना करने और येसु को जानने के लिए प्रेरित करता है। सांसारिक भौतिकता हमें व्यर्थता, क्षणिक खुशी, सिर्फ अपने लिए जीने और आप में संतुष्टि पाने की ललक में चपेट लेती है। संत पापा ने कहा, “हमारा दिल एक युद्धक्षेत्र की तरह है, एक क्षेत्र जहां ये दो आत्माएं लड़ती हैं।"

येसु की तरह परीक्षाओं पर विजय पाना

संत पापा ने दैनिक अंतःकरण की जाँच का सुझाव देते हुए कहा कि हम खीस्तियों को अपने दिल में ईश्वर के लिए जगह बनाये रखनी चाहिए। दैनिक अंतःकरण की जाँच द्वारा विरोधी शक्तियों और "प्रलोभन की पहचान" करने में मदद मिलती है।  

ईश्वर का आत्मा हमारे लिए एक महान उपहार है। ईश्वर जानते हैं कि हम कमजोर और पापी हैं। हम आसानी से दुनियावी प्रलोभन में पड़ जाते हैं। हमें येसु के समान आध्यात्मिक लड़ाई में ईश्वर पर भरोसा रखना चाहिए तभी हम बुराईयों और प्रलोभनों से विजय पा सकते हैं।  

संत पापा ने प्रतिदिन शाम को अंतःकरण की जाँच करने की प्रेरणा दी। उन्होंने कहा हमें अपनी आत्म-जाँच करके देखना है कि पूरे दिन की गतिविधियों में क्या हमने व्यर्थता और धमंड को स्थान दिया या हमने येसु का अनुसरण किया।

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04 September 2018, 17:06
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