संत मर्था प्रार्थनालय में ख्रीस्तयाग अर्पित करते संत पापा संत मर्था प्रार्थनालय में ख्रीस्तयाग अर्पित करते संत पापा  (ANSA)

सुसमाचार की नवीनता दोहरी जिंदगी जीने नहीं देती, संत पापा

सोमवार को प्रवचन में संत पापा ने संत पौलुस द्वारा कुरिंथियों को दी गयी चेतावनी पर गौर किया जिसमें वे कुरिंथ के ख्रीस्तीयों को दोहरी जिंदगी जीने के कारण फटकारते हैं, "आप लोगों के बीच हो रहे व्यभिचार की चर्चा चारों और फैल गयी है-ऐसा व्यभिचार जो गैर-यहूदियों में भी नहीं होता।"

उषा मनोरमा तिरकी-वाटिकन सिटी

संत पापा फ्राँसिस ने कहा कि दुनिया की खबरों एवं ख्रीस्त के सुसमाचार में अंतर है। वाटिकन स्थित प्रेरितिक आवास संत मर्था के प्रार्थनालय में ख्रीस्तयाग अर्पित करते हुए उन्होंने कहा कि सुसमाचार व्यक्ति को पूरी तरह बदल देता है जिसके कारण उसमें दिखावटी नहीं रह जाती।

सुसमाचार पूरी तरह बदल देता है

संत पापा ने कहा, "येसु ने अपने सभी शिष्यों को सलाह दी थी कि नयी अंगुरी को नये जार में ही भरा जाना चाहिए।" उन्होंने कहा, "सुसमाचार की नवीनता, ख्रीस्त का नयापन, न केवल हमारी आत्मा को बदल देता बल्कि यह हमारे पूरे अस्तित्व (शरीर, मन और आत्मा) को ही बदल देता है। सुसमाचार पूर्ण है यह हम प्रत्येक को प्रभावित करता है क्योंकि यह हमें अंदर से ही बदल देता है।"  

सुसमाचार की नवीनता एवं दुनिया का नयापन

संत पापा ने गौर किया कि कोरिंथ के ख्रीस्तियों ने सुसमाचार के नयेपन को नहीं समझा और व्यभिचार, मूर्तिपूजा एवं समाज में गैर-ख्रीस्तियों के साथ जीने के साधनों को अपनाया। सुसमाचार का नयापन ख्रीस्त का पुनरूत्थान है तथा पवित्र आत्मा जिसको उन्होंने हमारे लिए भेजा ताकि वह हमारे जीवन में सहायता प्रदान करे। हम ख्रीस्तीय सुसमाचारी नवीनता के व्यक्ति हैं न कि दुनियावी नयेपन के।

उन्होंने कहा कि आज कई ख्रीस्तीय बिना नवीनता के जीना चाहते हैं यह कहते हुए कि हम इसे इस तरह कर सकते हैं, आज हम इस तरह जी सकते हैं आदि। जो लोग दुनिया द्वारा प्रस्तावित नयापन के अनुसार जीते हैं वे दुनियावी हैं। वे सुसमाचार की नवीनता को स्वीकार नहीं करते।  

कमजोरी, डोंग नहीं

संत पापा ने कहा कि संत पौलुस ने जिन लोगों को फटकारा वे गुनगुने और अनैतिक जीवन जीने वाले लोग हैं जो स्वांग रचते, औपचारिकता को अधिक महत्व देते एवं दिखावा पसंद करते हैं किन्तु येसु नवीनता के लिए बुलाते हैं।

कुछ लोग कह सकते हैं कि हम कमजोर हैं, पापी हैं, संत पापा ने कहा कि यह दूसरी बात हैं। यदि आप स्वीकार करते हैं कि आप कमजोर और पापी हैं तब वे आपको क्षमा कर देंगे क्योंकि सुसमाचार की नवीनता का एक हिस्सा पापों को स्वीकार करना भी है। येसु हमें पापों से क्षमा देने आये, किन्तु यदि कोई अपने को ख्रीस्तीय मानता परन्तु दुनियावी तरीके से जीता है तो यह दिखावा है। अंतर यहीं हैं। येसु ने कहा था, "सावधान रहो जब लोग कहेंगे कि देखो वह यहाँ है अथवा वह वहाँ है, उन पर विश्वास मत करो। ऐसी बातें दुनियावी लोग कहते हैं।" ख्रीस्त एक हैं और उनका संदेश स्पष्ट है।  

ख्रीस्त का रास्ता शहादत का रास्ता

येसु उन लोगों को कभी धोखा नहीं देते जो उनका अनुसरण करते हैं। संत पापा ने विश्वासियों से प्रश्न किया, "किन्तु जो लोग सुसमाचार की नवीनता को जीते हैं उनका रास्ता कैसा है? उन्होंने कहा कि जो लोग येसु के रास्ते को अपनाते हैं उनका रास्ता येसु के समान ही है, शहादत का रास्ता। शहादत में हमेशा खून नहीं बहता किन्तु यह प्रतिदिन का शहादत (त्याग) है। संत पापा ने कहा कि हम ख्रीस्त के रास्ते पर चल रहे हैं और हमने उस विरोधी को देखा है जो हमारा विरोध करने के लिए कई विरोधियों को खड़ा किया है ताकि हमारा विरोध कर सके किन्तु हमें दुनियादारी से समझौता करने की आवश्यकता नहीं है।

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10 September 2018, 16:21
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