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2024.10.29 संत पापा फ्राँसिस अक्टूबर 2024 में धर्मसभा के दूसरे सत्र में एक पौधा हाथ में लिए हुए 2024.10.29 संत पापा फ्राँसिस अक्टूबर 2024 में धर्मसभा के दूसरे सत्र में एक पौधा हाथ में लिए हुए  #SistersProject

सिनॉडालिटी नाइजीरियाई काथलिक स्कूलों में लड़कियों के प्रशिक्षण में सहायता करती है

अगुस्टीनियन धर्मबहन जस्टिना अडेजो के अनुसार, सिनॉडालिटी की भावना ने नाइजीरिया के काथलिक स्कूलों में युवा लड़कियों के प्रशिक्षण में उपयोगी मार्गदर्शन प्रदान किया है।

माइकेल मडुएक्वे

नाइजीरिया, मंगलवार 4 फरवरी 2025 (वाटिकन न्यूज)  : येसु की दया की अगुस्टीनियन सिस्टर जस्टिना एडेजो ने अपना अनुभव साझा का कि कैसे धर्मसभा की भावना में सुनना और साझा करना धर्मसमाज द्वारा चलाये जा रहे बोर्डिंग सेकेंडरी स्कूल में स्कूली लड़कियों के जीवन निर्माण में सहायक रहा है।

उन्होंने वाटिकन न्यूज़ को बताया, "लड़कियों की बात सुनने से हमें उनके साथ बातचीत करने का अधिक अवसर मिलता है और वे हमारे साथ बातचीत करने में स्वतंत्र महसूस करती हैं।" "और हमारा सरल दृष्टिकोण उन्हें यह महसूस कराता है कि उनके पास ऐसे लोग हैं जो वास्तव में उनकी बात सुनने के लिए यहाँ हैं, इसलिए वे आगे आती हैं और अपने [जीवन के मुद्दों] को हमारे साथ साझा करती हैं।"

2011 में स्थापित ‘मदर ऑफ़ गुड काउंसिल गर्ल्स सेकेंडरी स्कूल’ की प्रिंसिपल सिस्टर एडेजो ने बताया कि इस दृष्टिकोण ने लड़कियों को "अधिक नैतिक रूप से ईमानदार, अधिक खुले, अधिक आत्मनिर्भर और अनुशासित महिलाओं के रूप में जीवन में अपने लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए तैयार होने में मदद की है, जिसकी वे आशा करती हैं।"

धर्मसभा में वैचारिकता

स्कूल में इस धर्मसभा संस्कृति की स्थिरता सुनिश्चित करने के बारे में  सिस्टर एडेजो ने बताया कि स्कूल में एक प्रणाली और एक दृष्टिकोण दोनों हैं जो छात्रों के लिए अपनी यात्रा को साझा करना आसान बनाता है।

उन्होंने कहा, "हम उनके साथ बातचीत करती हैं और हम हर समय उनके लिए खुद को उपलब्ध रखती हैं। "स्कूल में हमारे पास एक मार्गदर्शन और परामर्श प्रणाली है जहाँ छात्राएँ मार्गदर्शन और परामर्शदाता से मिल सकती है और उसके साथ साझा कर सकती हैं, क्योंकि यदि आप खुले और अधिक लचीले हैं तो आप उन्हें अपनी ओर आकर्षित करते हैं।"

उन्होंने कहा, "शिक्षकों के साथ हम हर सोमवार को बैठकें करते हैं और एक-दूसरे की बात सुनते हैं और चुनौतियों पर विचार करते हैं।" सिस्टर एडेजो के अनुसार, ये दृष्टिकोण उनके धर्मप्रचार में वृद्धि और युवाओं को शिक्षित करने के लिए अधिक जगह बनाते हैं।

शिक्षा का मिशन

स्कूलीशिक्षा और येसु की दया की अगुस्टीनियन मिशन के बीच संबंध पर बोलते हुए, सिस्टर एडेजो ने कहा कि ऑगस्टीनियन धर्मबहनों के रूप में स्कूलीशिक्षा उनके मिशन के मूल में था, क्योंकि इसने युवा लड़कियों को मसीह की ओर ले जाने में मदद की है।

उन्होंने कहा, “येसु की दया की अगुस्टीनियन धर्मबहनों के रूप में, स्कूल ने हमारे मिशन में योगदान दिया है, क्योंकि एक तरह से, हम मसीह को उनके पास ले जाते हैं और फिर उन्हें मसीह के पास लाते हैं।”

समुदाय में धर्मसभा

सिस्टर एडेजो ने कहा कि धर्मसभा सामुदायिक जीवन में सहायक रही है, क्योंकि यह सभी को एक-दूसरे की और अपने दिल की बात सुनने और ऐसे अनुभवों के फल साझा करने का अवसर देती है।

उन्होंने कहा, "अगुस्टीनियन धर्मबहनों के रूप में, यह हमारे लिए प्रार्थना में अधिक समय बिताने के लिए और अधिक द्वार खोलता है, धर्मबहनों के रूप में हमें एक साथ जोड़ने वाली सामान्य चीजों को साझा करता है।" "हम धन्य संस्कार में येसु की आराधना करने के लिए चैपल में बैठती हैं और फिर जब हम बाहर आती हैं, तो एक समुदाय के रूप में हम उन चीजों को साझा करती हैं जो हम में से हर एक को छूती है।"

सेवा में मौन प्रार्थना के फल प्रकट होते हैं

एक बार कलकत्ता की संत मदर तेरेसा ने कहा था कि "मौन का फल प्रार्थना है, प्रार्थना का फल विश्वास है, विश्वास का फल प्रेम है, प्रेम का फल सेवा है, और सेवा का फल शांति है।"

सिस्टर एडेजो ने बताया कि अगुस्टीनियन धर्मबहनें इस अनुभव को साझा करती हैं।  उन्होंने कहा कि धर्मसभा जीवन ही है जो समुदाय के बाहर दूसरों के साथ साझा करने के लिए उन्हें प्रेरित करता है। "जब हम एक समुदाय के रूप में एक साथ यात्रा करते हैं, तो हम उन लोगों के साथ साझा करने के लिए भी आगे बढ़ सकते हैं जो हमारे साथ रह रहे हैं।"

उन्होंने कहा कि धर्मसभा का जीवन, “हमारे जीवन और कलीसिया की शिक्षा के बारे में और अधिक साझा करने के लिए हमारे लिए और अधिक द्वार खोलता है।”

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04 फ़रवरी 2025, 16:25