पवित्र भूमि में शांति हेतु विश्वव्यापी प्रार्थना सम्मेलन
वाटिकन सिटी
रोम, शुक्रवार, 20 अक्तूबर 2023 (रेई, वाटिकन रेडियो): पवित्र भूमि इस्राएल और फिलीस्तीनी क्षेत्रों में शांति के लिए सन्त पापा फ्राँसिस की अपील का स्वागत करते हुए, लासलियन अथवा ब्रदर्स ऑफ क्रिस्टियन स्कूल्स धर्मसमाजी धर्मबन्धुओं ने रोम तथा जैरूसालेम में बुधवार को हिंसा प्रभावित क्षेत्र में शांति के लिए बड़े पैमाने पर प्रार्थना सभा का आयोजन किया।
शांति के लिए प्रार्थना का आयोजन उक्त धर्मसमाज के सदस्यों द्वारा इस्राएल-हमास युद्ध की समाप्ति हेतु सन्त पापा फ्रांसिस की प्रार्थना में खुद को एकजुट करने के इरादे से की गई थी। व्यक्तिगत रूप से वहां उपस्थित होने में असमर्थ लोगों के लिये धर्मसमाज के फेसबुक अकाउंट लासाल्ले ऑर्ग के माध्यम से ऑनलाइन भागीदारी संभव थी।
रोम में प्रार्थना सभा
प्रार्थना सभा बेथलहम विश्वविद्यालय के साथ एक वीडियो सम्पर्क से हुई, जिसे इसकी स्थापना के बाद से सन्त पापा पौल षष्टम द्वारा ब्रदर्स ऑफ क्रिस्टियन स्कूल्स लासाल्ले धर्मसमाज को सौंपा गया था। उपस्थित लोगों ने इसे बहुत ही मार्मिक क्षण बताया, जिसमें उन्होंने शांति के लिए प्रार्थना की और विशेष रूप से भयानक संघर्ष में मारे गए अपने एक छात्र के लिए प्रार्थना की।
एक बयान में, 15 अक्टूबर को रविवारीय देवदूत प्रार्थना में कहे गये सन्त पापा फ्रांसिस के शब्दों को उद्धृत करते हुए, धर्मबन्धुओं ने कहा, "हम आश्वस्त हैं कि प्रार्थना नफरत, आतंकवाद और युद्ध की शैतानी ताकत का विरोध करने के लिए नम्र और पवित्र शक्ति है।" हम प्रार्थना करते हैं कि पवित्र भूमि में 'और निर्दोषों का खून न बहाया जाए', तथा 'मानवीय कानून का सम्मान किया जाए', जैसा कि रोम के परमाध्यक्ष ने ज़ोर दिया था।"
इसके अलावा, धर्मबन्धुओं ने युद्ध के सभी पीड़ितों और, एक विशेष रूप से, पवित्र भूमि में कार्यरत अपने पाँच समुदायों के लिये प्रार्थना की। पवित्रभूमि में चार स्कूलों और एक विश्वविद्यालय का संचालन इस धर्मसमाज द्वारा किया जा रहा है, इनके प्रति उन्होंने अपनी निकटता की पुष्टि की और प्रार्थनाओं को जारी रखने का आश्वासन दिया।
शांतिपूर्ण भविष्य
धर्मसमाज के महाध्यक्ष धर्मबन्धु आरमिन लूईसत्रो ने वाटिकन न्यूज़ से बातचीत में कहा कि वे शांतिपूर्ण भविष्य के लिये अपनी प्रार्थनाओं को जारी रखेंगे। उन्होंने बताया कि हिंसा के भड़कने के कुछ ही दिनों पूर्व उन्होंने पवित्रभूमि की यात्रा की थी तथा जाफ़ा, जैरूसालेम और बेथलेहेम में अपने समुदायों की भेंट की थी।
उन्होंने कहा, "मैं अपने साथ पवित्र भूमि में कलीसिया की प्रेरिताई की कई सुखद यादें लेकर आया था। उदाहरण के लिए, मुझे यह देखकर बहुत खुशी हुई कि जाफ़ा में हमारे एक स्कूल में, यहूदी छात्र अरब छात्रों के साथ-साथ बैठे हैं, फ़िलिस्तीनियों के साथ ... रूसी यूक्रेनियन के साथ कंधे से कंधा मिलाकर बैठे हैं।"
शांतिपूर्ण सह-अस्तित्व को याद करते हुए, उन्होंने कहा, "वे एक साथ पढ़ रहे थे और खेल रहे थे, युवा लोगों के रूप में अपनी कंपनी का आनंद ले रहे थे और मैं बहुत आशा से भर गया था।" उन्होंने कहा, "यदि आप युवाओं के साथ काम करते हैं, तो आप न्याय और शांति की दुनिया का भविष्य बना सकते हैं।"
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