एकता के नाम पर हाँगकाँग के धर्माध्यक्ष की बीजिंग यात्रा
उषा मनोरमा तिरकी-वाटिकन सिटी
धर्माध्यक्ष स्टीफन चाउ सौ-यान ने महाधर्माधय्क्ष ली शान के निमंत्रण पर बीजिंग की पांच दिवसीय यात्रा की। जहाँ वे चीनी राजधानी के काथलिक समुदाय से मिले। यात्रा का उद्देश्य दोनों धर्मप्रांतों के बीच एकता को बढ़ावा देना था।
हाँगकाँग के धर्माध्यक्ष स्टीफन चाउ सौ-यान ने शुक्रवार 21 अप्रैल को बीजिंग की पांच दिवसीय यात्रा का समापन किया। धर्माध्यक्ष के साथ उनके सहायक धर्माध्यक्ष जोसेफ हा, उनके विकर फादर पीटर चॉय और उनके निजी सचिव एवं लोकधर्मी बांग का चुन भी थे। यह यात्रा बीजिंग के महाधर्माध्यक्ष जोसेफ ली शान के निमंत्रण पर की गई।
पहले दिन, सोमवार 17 अप्रैल को परमपावन मुक्तिदाता महागिरजाघर में सामूहिक प्रार्थना का आयोजन किया गया, जिसमें कई दर्जन विश्वासियों ने भाग लिया। 16वीं और 17वीं शताब्दी के बीच चीन के मिशनरी, जेसुइट फादर मात्तेओ रिक्की की एक तस्वीर को वेदी के सामने रखा गया था। रिक्की जिन्हें पिछले दिसम्बर को ईश सेवक घोषित किया गया, वे चीनी लोगों के लिए अत्यन्त प्रिय हैं। पोप फ्राँसिस ने उन्हें “मुलाकात की संस्कृति का व्यक्ति” घोषित किया है, जो चीन और पश्चिम के बीच दोस्ती का सेतु स्थापित करनेवाले पहले व्यक्तियों में से एक हैं, और चीनी दुनिया में ख्रीस्तीय संदेश को अभी भी एक आदर्श के रूप में बनाये हुए हैं।" (सम्बोधन 9 मई 2022)।
18 अप्रैल को धर्माध्यक्ष चाउ ने राष्ट्रीय काथलिक सेमिनरी का दौरा किया, निष्कलंक गर्भागमन गिरजाघर में ख्रीस्तयाग अर्पित किया और उसके बाद कुछ सरकारी प्रतिनिधियों से मुलाकात की।
19 अप्रैल को उन्होंने जेस्विट कब्रस्थान का दौरा किया।
20 अप्रैल को उन्होंने बीजिंग के महाधर्माध्यक्ष के साथ परमपावन मुक्तिदाता महागिरजाघर में ख्रीस्तयाग अर्पित किया। धर्माध्यक्ष चाउ ने उपदेश में कहा कि पुनर्जीवित प्रभु ने सब कुछ पर विजय पायी है, मौत पर भी और हमें भय से मुक्त किया है। उन्होंने कहा, “पुर्नजीवित प्रभु ने अपने शिष्यों को पवित्र आत्मा प्रदान किया जो पिता और पुत्र का प्रेममय उपहार है।”
उन्होंने कहा कि कलीसिया में संत पापा फ्राँसिस सिनॉडालिटी (एक साथ चलने) के मार्ग को बढ़ावा दे रहे हैं, गिरजाघर के सभी सदस्यों को एक दूसरे को सुनने के लिए आमंत्रित कर रहे हैं और इससे भी अधिक, पवित्र आत्मा को सुनने सीखने के लिए प्रेरित कर रहे हैं जो हमारी यात्रा में हमारा मार्गदर्शन करते हैं।"
धर्माध्यक्ष ने आगे कहा कि “पवित्र आत्मा विभाजन का नहीं एकता के ईश्वर हैं। यही कारण है कि हम उम्मीद कर रहे हैं कि हाँगकाँग धर्मप्रांत, बीजिंग धर्मप्रांत और मुख्य भूमि पर सभी काथलिक समुदाय अधिक सहयोग एवं आपसी प्रेम में बढ़ पायेंगे।” अंत में उन्होंने बीजिंग के विश्वासियों को प्रार्थना करने हेतु आमंत्रित किया।
ख्रीस्तयाग के उपरांत पत्रकारों से बातें करते हुए धर्माध्यक्ष चाउ ने देश एवं कलीसिया को प्यार करने के महत्व पर जोर दिया। उन्होंने कहा, “हम सभी हमारे देश की भलाई चाहते हैं, देशभक्त होना एक कर्तव्य है।” उसके बाद उन्होंने हाँगकाँग धर्मप्रांत के सेतु बनने के मिशन पर जोर दिया और कहा कि उन्होंने महाधर्माध्यक्ष ली शान को हाँगकाँग आने का निमंत्रण दिया है।
शुक्रवार 21 अप्रैल को धर्माध्यक्ष ने संत जोसफ गिरजाघर (डोंगटांग) में ख्रीस्तयाग का अनुष्ठान किया और अंत में समारोह में भाग लेनेवाले विश्वासियों का अभिवादन किया। इसके बाद वे बीजिंग से हांगकांग के लिए रवाना हुए।
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