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लम्पेदूसा में आप्रवासियों के मुलाकात करते संत पापा फ्राँसिस लम्पेदूसा में आप्रवासियों के मुलाकात करते संत पापा फ्राँसिस 

उन लोगों की याद जो भूमध्यसागर में खो गये

रोम स्थित संत इजिदियो समुदाय ने उन आप्रवासियों एवं शरणार्थियों की यादगारी में 3 अक्टूबर को एक कार्यक्रम का आयोजन किया, जिन्होंने यूरोप की यात्रा पर जान गवाँ दी।

उषा मनोरमा तिरकी-वाटिकन सिटी

3 अक्टूबर को इटली में, यूरोप की यात्रा पर जान गँवानेवाले आप्रवासियों एवं शरणार्थियों की यादगारी एवं उनके स्वागत हेतु राष्ट्रीय दिवस मनाया जाता है। हर साल हजारों आप्रवासी बेहतर जीवन की तलाश में, यूरोप की ओर बढ़ते हैं जिन्हें खतरनाक रास्ते से गुजरते हुए मौत का सामना करना पड़ता है।

इस दिन को ठीक नौ साल पहले लैम्पेदुसा के तट पर एक जहाज़ टूटने में मारे गए 368 आप्रवासियों की याद में चुना गया है। उसके बाद से करीब 22,000 आप्रवासियों ने भूमध्यसागर में अपनी जान गवाँयी है। जो नाव के सहारे यूरोप में प्रवेश करने की कोशिश कर रहे थे। संत इजिदियो समुदाय के आप्रवासी परियोजना की प्रभारी सिसिलिया पानी के अनुसार यह संख्या उनकी है जिन्हें हम जानते हैं, वास्तव में मरनेवालों की संख्या इससे काफी अधिक हो सकती है।

मानवीय गलियारा

संत इजिदियो समुदाय ने इटली में आप्रवासी संकट का जवाब देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभायी है। इसने मानवीय गलियारे तैयार किये हैं जिनसे शरणार्थियों को यूरोप लाया जा सके।

पानी ने बतलाया कि संत इजिदियो ने मानवीय गलियारे कार्यक्रम की शुरूआत 2016 में की ताकि इस समस्या को जवाब दिया जा सके एवं मानव तस्करी का सामना किया जा सके। अब तक उन्होंने 5,000 आश्रय खोजनेवालों को यूरोप में सुरक्षित लाया है, खासकर, इटली में, साथ ही फ्राँस और बेलजियम में भी, जो लेबनान और अफ्रीका से ... विशेषकर सीरिया एवं एरिट्रिया और अफ्रीका के विभिन्न देशों से हैं।   

संत पापा ने इन गलियारों के महत्व का कई बार जिक्र किया है तथा कई शरणार्थी दलों को रोम आने का निमंत्रित किया है, जहाँ उन्हें वाटिकन अथवा काथलिक संस्थाओं के घरों में आश्रय प्रदान किया गया है। पोप के रूप में उनकी पहली प्रेरितिक यात्रा, 2013 में, लैम्पेदुसा द्वीप में हुई थी, जहाँ उन्होंने वहाँ एकत्रित आप्रवासियों के लिए ख्रीस्तयाग अर्पित किया था और उनकी स्थिति के लिए "वैश्विक उदासीनता" की निंदा की थी।

एक सकारात्मक कहानी

इटली में हाल के चुनावों से आप्रवासन, और आप्रवास नीति के आसपास की राजनीतिक कहानी को बदलने की उम्मीद है। पानी को आशा है कि आप्रवासियों एवं शरणार्थियों के लिए कहानी नहीं बदलेगी – क्योंकि यह निश्चय ही अत्यन्त महत्वपूर्ण है कि इन लोगों के लिए सकारात्मक कहानी हो, जो यूरोप के लिए समस्या नहीं बल्कि एक संसाधन हैं – उसे नहीं बदला जाएगा।"  

स्वागत, सुरक्षा, प्रोत्साहन और एकीकरण

संत पापा फ्राँसिस ने आप्रवासियों एवं शरणार्थियों और आश्रय की तलाश करनेवालों के स्वागत, सुरक्षा, प्रोत्साहन एवं एकीकरण के लिए बार-बार आह्वान किया है। संत पापा के शब्दों की याद करते हुए संत इजिदियो समुदाय की प्रतिनिधि पानी ने बतलाया कि उनके लिए, खासकर, विदेशी नागरिकों का एकीकरण, उन्हें नियमित रोजगार, सुरक्षा एवं इताली भाषा सीखने का अवसर देना महत्वपूर्ण है।

उन्होंने इटली में पैदा हुए बच्चों के आप्रवासी माता-पिता की नागरिकता को मान्यता मिलने के कानून पर जोर देने की आवश्यकता पर भी प्रकाश डालता।

उन्होंने कहा, "बच्चे जो इटली में पैदा हुए हैं और इटली में स्कूल पढ़ रहे हैं एवं जिन्होंने अपना पूरा जीवन इटली में बिताया है, जो अपने मूल देश के रिश्तेदारों को नहीं जानते उन्हें 18 साल से पहले ही नागरिकता मिलनी चाहिए, संत इजिदो इसी पर काम कर रहा है।"

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04 अक्तूबर 2022, 16:46