म्यांमार में कोविड-19 का प्रभाव म्यांमार में कोविड-19 का प्रभाव 

म्यांमार कलीसिया ने राष्ट्रीय प्रार्थना अभियान में आमंत्रित किया

कोविड -19 महामारी के विनाशकारी प्रभावों के बीच, म्यांमार के काथलिक धर्माध्यक्षों ने काथलिक और अन्य धर्मों के अनुयायियों से देश में शांति और मेल-मिलाप हेतु प्रार्थना करने की अपील की है।

उषा मनोरमा तिरकी-वाटिकन सिटी

म्यांमार, बृहस्पतिवार, 5 अगस्त 2021 (वीएनए)- म्यांमार में, 1 फरवरी के सैन्य तख्तापलट से उत्पन्न गंभीर राजनीतिक, सामाजिक-आर्थिक, मानवाधिकार और मानवीय संकट के बीच ऑक्सीजन की तीव्र कमी और सबसे बुनियादी स्वास्थ्य देखभाल के साथ, कोविड -19 संक्रमण की एक उग्र तीसरी लहर तेज हो गई हैं। इस बिगड़ती स्थिति में, देश के काथलिक धर्माध्यक्षों ने महामारी के खिलाफ  एक राष्ट्रीय प्रार्थना अभियान का आह्वान किया है।

महामारी उछाल

सोमवार को जारी एक विज्ञप्ति में म्यांमार के धर्माध्यक्षों ने अपील करते हुए कहा, "म्यांमार के लोगो ˸ आइये, हम अपना हाथ उठायें और प्रार्थना करें। हर हृदय अपनी आवाज ईश्वर की ओर उठाये कि वे हमारी रक्षा करें।"

म्यांमार के काथलिक धर्माध्यक्षीय सम्मेलन के अध्यक्ष कार्डिनल चार्ल्स बो और सम्मेलन के महासचिव धर्माध्यक्ष जॉन सो यौ हन द्वारा हस्ताक्षरित बयान में कहा गया है कि "जब हम अपने जीवन में कई चुनौतियों से गुजर रहे हैं, विशेषज्ञों ने चेतावनी दी है कि म्यांमार सहित दुनिया को नई लहर में अनियंत्रित वायरस की एक असाधारण चुनौती का सामना करने के लिए तैयार होने की आवश्यकता है।"

वायरस के खिलाफ युद्ध

कोविड-19 के डेल्टा वारियेंट और ऑक्सीजन की कमी के कारण मौतों को देखते हुए धर्माध्यक्ष ने लोगों से एकता की अपील की है एवं तनाव और पलायन को रोकने का आह्वान किया है। उन्होंने कहा, "यह हमारी प्रतिष्ठा एवं मानव के अस्तित्व के लिए बहुत खतरे का समय है। हमें सिर्फ वायरस से युद्ध करना जरूरी है। इस आपात स्थिति का सामना करते हुए, आइए हम अपने प्रिय लोगों को चिकित्सा किट, ऑक्सीजन और अन्य सहायता प्रदान करें।” जब देश मानव संसाधनों की कमी का सामना कर रहा है, धर्माध्यक्षों ने सभी स्वास्थ्यकर्मियों से "पीड़ित लोगों तक पहुंचने" का आग्रह किया।

तख्तापलट और कोविड -19 का नतीजा

1 फरवरी के सैन्य तख्तापलट ने आंग सान सू की और उनकी चुनी हुई सरकार को उखाड़ फेंका, जिसने राष्ट्र को गंभीर राजनीतिक, सामाजिक, आर्थिक और मानवीय संकट में डाल दिया।

तब से, तख्तापलट का विरोध और सविनय अवज्ञा आंदोलन के खिलाफ सुरक्षा बलों द्वारा की गई खूनी कार्रवाई में कोई कमी नहीं आई है।

राजनीतिक कैदियों के लिए सहायता संगठन (एएपीपी), एक गैर-लाभकारी संगठन है, जो विरोध प्रदर्शनों में हताहतों का दस्तावेजीकरण और संकलन करता है, उसने सोमवार को कहा कि सुरक्षा बलों द्वारा 945 लोग मारे गए हैं।

सैन्य जुंटा के कट्टर रुख ने कुछ सशस्त्र जातीय संगठनों के साथ-साथ कई स्वतंत्र नागरिक प्रतिरोध समूहों के खिलाफ अपने पुराने संघर्षों को फिर से प्रज्वलित किया है जो सेना के अत्याचारों से लड़ रहे हैं। म्यांमार में मानवीय मामलों के समन्वय के लिए संयुक्त राष्ट्र कार्यालय का कहना है कि तख्तापलट के बाद से संघर्ष और असुरक्षा के कारण 220,000 से अधिक लोग विस्थापित हुए हैं।

ईश्वर का सहारा

कार्डिनल बो ने कहा कि म्यांमार के धर्माध्यक्ष राजनीतिक नहीं हैं बल्कि हमारे लोगों की भलाई चाहते हैं। उन्होंने लोगों से प्रार्थना अभियान में भाग लेने का आग्रह किया कि वे चंगाई हेतु सर्वशक्तिमान ईश्वर की ओर हाथ और हृदय उठायें। उन्होंने विभिन्न धर्मों के लोगों को भी प्रार्थना में एक साथ आने का आग्रह किया है।  

कार्डिनल बो ने काथलिकों को परिवारों एवं समुदायों में अनवरत प्रार्थना, आराधना और रोजरी करने का आग्रह किया है। उन्होंने कहा है, "आइये हम ईश्वर का द्वार खटखटायें, कि वे उन लोगों के हृदय को पिघला दे ताकि शांति और मेल-मिलाप स्थापित किया जा सके। ईश्वर अपना हाथ बढ़ायें और हमारे देश को आशीष प्रदान करें तथा लोगों को महामारी एवं आपदाओं से बचायें।"  

"कोविड युद्धविराम"

तख्तापलट के बाद से म्यांमार की स्वास्थ्य व्यवस्था लगभग चरमरा गई है। अस्पताल सबसे बुनियादी स्वास्थ्य सेवा भी प्रदान करने में असमर्थ हैं क्योंकि कई डॉक्टर और स्वास्थ्यकर्मी स्वास्थ्य मंत्रालय को नियंत्रित करनेवाले जुंटा के खिलाफ बड़े पैमाने पर सविनय अवज्ञा आंदोलन में शामिल हो गए हैं।

संक्रमण की तीसरी लहर से प्रभावित होकर, म्यांमार में मानवाधिकारों की स्थिति पर संयुक्त राष्ट्र के विशेष दूत टॉम एंड्रयूज ने पिछले सप्ताह "कोविड युद्धविराम" का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि संक्रमण और मौतें बढ़ रही थीं, फिर भी  सैन्य सरकार स्वास्थ्यकर्मियों के खिलाफ हमले बढ़ा रही थी।

एंड्रयूज ने चेतावनी दी, "म्यांमार में बहुत से लोग बेवजह मारे गए हैं और बहुत से लोग संयुक्त राष्ट्र की कार्रवाई के बिना मर जाएंगे।"

स्वास्थ्य मंत्रालय ने सोमवार को 330 मौतों की सूचना दी, जिसके साथ महामारी की शुरुआत के बाद से मौतों की कुल संख्या 10,061 हो गई। जब संक्रमण के 3,689 नये मामले की सूचना मिली है, जिससे देश में संक्रमितों की संख्या 306,354 हो गई है। हालांकि, विशेषज्ञों का कहना है कि वास्तविक आंकड़ों को बहुत कम करके आंका गया है।

ब्रिटेन ने पिछले हफ्ते संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद को भी चेतावनी दी थी कि म्यांमार की 54 मिलियन की आधी आबादी अगले दो हफ्तों के भीतर कोविड -19 से संक्रमित हो सकती है।

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05 August 2021, 15:27