विन्ह धर्मप्रांत के धर्माध्यक्ष अल्फोंस गुयेन हु लोंग विन्ह धर्मप्रांत के धर्माध्यक्ष अल्फोंस गुयेन हु लोंग 

वियतनामी धर्मप्रांत 34 नए पुरोहितों से आशीषित हुआ

वियतनाम कोविड -19 महामारी में अपने सबसे खराब उछाल से जूझ रहा है, विन्ह धर्मप्रांत को नये अभिषिक्त पुरोहितों का आशीर्वाद मिला है, जिनमें से कई राष्ट्र के अन्य क्षेत्रों में अपनी प्रेरितिक सेवा देंगे।

माग्रेट सुनीता मिंज-वाटिकन सिटी

 विन्ह-वियतनाम, बुधवार 28 जुलाई 2021 (वाटिकन न्यूज) : "विन्ह धर्मप्रांत के लिए आज बहुत खुशी का दिन है, आज आशीर्वाद का दिन है, आज 34 नए पुरोहितों के अभिषेक का दिन है, जो मिशनरी भी होंगे, जहां प्रभु उन्हें सुसमाचार की घोषणा करने और गवाही देने के लिए बुलाएंगे।" इन्ही वचनों के साथ, विन्ह के धर्माध्यक्ष अल्फोंस गुयेन हु लोंग ने रविवार 25 जुलाई को पुरोहित अभिषेक के पवित्र मिस्सा समारोह की शुरुआत की।

दुख के बीच 'भला सामरी'

उन्होंने कहा कि कोविड -19 संक्रमणों में वृद्धि के कारण वियतनाम सहित "दुनिया के कई हिस्सों में बड़ी पीड़ा के समय में, उनका धर्मप्रांत बहुत खुशी के इस क्षण को जी रहा है।" कोविड-19 स्वास्थ्य प्रोटोकॉल के कारण केवल सीमित संख्या में धर्मसंघी, धर्महनें, गुरुकुल के छात्र और धर्मप्रांत के कुछ लोकधर्मी ही इस समारोह में शामिल हुए।

धर्माध्यक्ष अल्फोंस कहा कि इस संकट के समय में, नए पुरोहित 'भले सामारी' होंगे, "घायल दिलों की देखभाल और सांत्वना लाएंगे, और वे तीन धर्मप्रांतों में और दूरदराज के स्थानों में जहां ईश्वर बुलाएंगे वहां वे मिशनरी बनकर जाएंगे।" उन्होंने याद दिलाया कि सुसमाचार प्रचार करना प्रत्येक बपतिस्मा प्राप्त व्यक्ति का कार्य है। प्रत्येक पुरोहित का उचित मिशन पुरुषों और महिलाओं को ईश्वर के पास ले जाना है ताकि मुक्ति और अनन्त जीवन का उपहार प्राप्त हो सके।

'फिदेई दोनुम' पुरोहित

धर्माध्यक्ष अल्फोंस ने कहा,"नियतनाम के लोग महामारी और अन्य कारणों से गंभीर रूप से पीड़ित हैं। चिंतन प्रार्थना के बाद, मैंने इन नए पुरोहितों में से कुछ को अलग-अलग क्षेत्रों में अन्य धर्मप्रांतों में भेजने का फैसला किया है, जहाँ पुरोहितों की कमी है।" वे उनमें से कुछ को हंग होआ के उत्तरी धर्मप्रांत में 'फिदेई दोनुम' पुरोहियों के रूप में भेज रहे हैं, जहां पहाड़ी और तराई क्षेत्रों में 10 प्रांतों में लगभग 250,000 विश्वासियों की सेवा करने के लिए पुरोहितों की कमी है।

लैटिन शब्द 'फिदेई दोनुम'  का अर्थ है ‘विश्वास का उपहार’। यह 1957 में प्रकाशित संत पापा पियुस बारहवें के विश्वपत्र का नाम है, जिसने सभी धर्माध्यक्षों से "कलीसिया के विश्वव्यापी मिशन की चुनौतियों का सामना करने के लिए" अपने दृष्टिकोण को साझा करने का आह्वान किया था। इसमें न केवल प्रार्थना और एक-दूसरे की सहायता करना शामिल था, बल्कि अन्य धर्मपरांतों, देशों और महाद्वीपों के लिए पुरोहितों को उपलब्ध कराना भी शामिल था। ये पुरोहित कहीं और सेवा करते हुए भी अपने स्वयं के धर्मप्रांतों से जुड़े हुए हैं, उन्हें "फिदेई दोनुम" पुरोहित कहा जाता है। धर्माध्यक्ष अल्फोंस ने नए पुरोहितों से आग्रह किया कि वे अपने दिलों में दोहराते हुए ईश्वर के लिए अपना प्यार दिखाएं, "हे प्रभु, मैं आपकी इच्छा पूरी करने आया हूँ।"

वियतनाम में कोविड -19 महामारी

साम्यवादी शासित देश, जिसने पूरे 2020 में सफलतापूर्वक कोरोनावायरस के प्रकोप को नियंत्रित किया था, अब अपनी अब तक की सबसे खराब लहर का अनुभव कर रहा है। इसने महामारी की शुरुआत के बाद से कम से कम 524 मौतों के साथ 109,000 से अधिक संक्रमण दर्ज किए हैं।

इस स्थिति में, सभी धर्मप्रांतों में काथलिक क्वारंटाइन क्षेत्रों में लोगों और अन्य जरूरतमंद लोगों की आवश्यक, भौतिक और आध्यात्मिक जरूरतों को पूरा करने के लिए काम कर रहे हैं। कुछ पुरोहित, धर्महनें और लोकधर्मी भी कोविड अस्पतालों जैसे उच्च जोखिम वाले क्षेत्रों में रोगियों को आध्यात्मिक और मानवीय सहायता प्रदान करने के लिए स्वेच्छा से काम कर रहे हैं।

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28 July 2021, 15:45