कोविद महामारी से मरे लोगों को दफनाते हुए काथलिक स्वयंसेवी कोविद महामारी से मरे लोगों को दफनाते हुए काथलिक स्वयंसेवी 

स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान करता म्यांमार का लोइकाव धर्मप्रांत

म्यांमार भर में काथलिक धर्मप्रांत पीड़ित लोगों तक पहुंचना जारी रखा है। सैन्य तख्तापलट और विरोध के कारण लगातार बिगड़ते संकट के बीच कोविड -19 महामारी की तीसरी लहर कहर बरपा रही है।

माग्रेट सुनीता मिंज-वाटिकन सिटी

यांगून, बुधवार 21 जुलाई 2021(वाटिकन न्यूज) : सैन्य तख्तापलट के खिलाफ विरोध और हमलों के मद्देनजर स्वास्थ्य सेवा और अन्य सेवाएँ व्यावहारिक रूप से न के बराबर होने के कारण म्यांमार में स्थिति गंभीर है। इस बीच, सेना ने जातीय विद्रोही समूहों के साथ अपने संघर्षों को फिर से तेज कर दिया है, जिससे विस्थापित लोगों की संख्या बढ़ रही है। ऑक्सीजन की भारी कमी के बीच कोविड-19 महामारी की विनाशकारी तीसरी लहर के साथ संकट ने विकराल रूप ले लिया है।

नए सिरे से जातीय संघर्ष

पूर्वी म्यांमार के काया राज्य में काथलिक धर्मप्रांत 1 फरवरी के सैन्य तख्तापलट के बाद सेना और स्थानीय मिलिशिया के बीच लड़ाई में विस्थापित हुए हजारों नागरिकों की देखभाल कर रहा है।

लोइकाव धर्मप्रांत के प्रशासक, फादर सेल्सो बा श्वे ने कहा, "काया राज्य में और हमारे धर्मप्रांत लोइकाव में सेना और पीपुल्स डिफेंस फोर्सेज (पीडीएफ) के बीच लड़ाई मई के मध्य में शुरू हुई। उन्होंने पहले ही 100,000 से अधिक नागरिकों को अपने घरों से भागने के लिए मजबूर कर दिया।"

पीडीएफ को नेशनल यूनिटी गवर्नमेंट (एनयूजी) की सशस्त्र शाखा कहा जाता है, जो म्यांमार की वैध सरकार होने का दावा करने वाली संस्था है, जिसका गठन मई की शुरुआत में 1 फरवरी के सैन्य तख्तापलट के जवाब में किया गया था, जिसने आंग सान सूकी की निर्वाचित सरकार को हटा दिया था

विस्थापन

फादर श्वे ने वाटिकन के फीदेस समाचार एजेंसी को बताया कि इस संघर्ष में कई लोगों ने अपनी जान गंवाई है, घर जला दिए गए हैं और अनेक गिरजाघर नष्ट हो गए हैं। इस स्थिति में, लोइकाव धर्मप्रांत मई से सभी विस्थापितों को मानवीय सहायता प्रदान कर रहा है। तख्तापलट विरोध, सविनय अवज्ञा आंदोलन, हड़ताल और सशस्त्र संघर्षों के कारण हुई भारी कठिनाइयों के बावजूद, लोइकाव और पेखोन के धर्मप्रांतों ने 60,000 विस्थापित लोगों को भोजन सहायता, आश्रय और स्वास्थ्य देखभाल के साथ सहायता की है, चाहे उनका धर्म और जातीय पहचान कुछ भी हो।

स्वास्थ्य देखभाल

म्यांमार में अस्पताल खाली हैं और स्वास्थ्य सेवा व्यावहारिक रूप से बंद है, लंबे समय से चल रही सविनय अवज्ञा और सैन्य जुंटा के खिलाफ हड़ताल के कारण, स्वयंसेवक घर-घर जाकर स्वास्थ्य देखभाल प्रदान कर रहे हैं और शवों को दफनाने के लिए एकत्र कर रहे हैं।

फादर बा श्वे ने कहा कि राज्य की राजधानी लोइकाव में 500 बिस्तरों वाले सरकारी अस्पताल में सेवाएं व्यावहारिक रूप से मौजूद नहीं हैं। इस स्थिति में, लोइकाव के धर्मप्रांत ने स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान करने का मिशन लिया है।

महागिरजाघर परिसर में करुणा (कारितास) द्वारा संचालित पूर्व छोटे क्लिनिक को काया और पड़ोसी शान राज्य के कुछ हिस्सों के लोगों के स्वास्थ्य देखभाल करने के लिए अस्पताल में परिवर्तित कर दिया गया है। मरीजों की संख्या बढ़ने के कारण पल्ली के सभी भवनों को मरीजों के लिए वार्ड में तब्दील कर दिया गया है। फादर बा श्वे ने कहा, "सर्जन, डॉक्टर, नर्स, स्वास्थ्य सेवा तकनीशियन, स्वयंसेवक और धर्मसंघी अपनी सेवा मुफ्त में दे रहे हैं।"

तीसरी लहर और ऑक्सीजन

लोइकाव धर्मप्रांत के प्रशासक ने महामारी की तीसरी लहर पर गंभीर चिंता व्यक्त की, जो जून के अंत से तेजी से फैल रहा है। ऑक्सीजन की आपूर्ति में भारी कमी लोगों को मुश्किल में डाल रही है। उन्होंने कहा कि पूरे काया राज्य में केवल एक ही मेडिकल ऑक्सीजन प्लांट है। "जीवन रक्षक ऑक्सीजन की आवश्यकता हर दिन बढ़ रही है और काया के आदिवासी समुदायों के जीवन को बचाने के लिए एक अतिरिक्त ऑक्सीजन उत्पादन और आपूर्ति सुविधा महत्वपूर्ण है।" उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य मंत्रालय को नियंत्रित करने वाली सेना की जीवन रक्षक गैस का उत्पादन बढ़ाने की कोई योजना नहीं है।

म्यांमार के शहीद दिवस, 19 जुलाई को एक अपील में, यांगून के कार्डिनल चार्ल्स बो ने शोक व्यक्त किया कि "दिन रात हमारे लोग भीड़-भाड़ वाली सड़कों पर ऑक्सीजन की प्रतीक्षा करते हैं।" कार्डिनल का अनुमान है कि कम से कम 20 प्रतिशत आबादी और लगभग 90 प्रतिशत शहर संक्रमित हो गए हैं। उन्होंने चेतावनी दी, "अगर हृदय परिवर्तन नहीं हुआ, तो आने वाले महीनों में हजारों लोग दफन हो जाएंगे"। उन्होंने सेना और सभी पक्षों से सभी हिंसा और लड़ाई को समाप्त करने और अपने आम दुश्मन, वायरस से लड़ने में हाथ मिलाने का आह्वान किया।

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21 July 2021, 15:43