प्रवासियों का समुद्री बचाव प्रवासियों का समुद्री बचाव  

11 जुलाई – भूमध्यसागर में मरे प्रवासियों हेतु प्रार्थना

इतालवी धर्माध्यक्षीय सम्मेलन ने प्रवासियों के प्रार्थना का एक दिवस घोषित करते हुए ख्रीस्तियों को शांति और सभ्यता के शिक्षक बनने का आहृवान किया।

दिलीप संजय एक्का-वाटिकन सिटी

वाटिकन सिटी, गुरूवार, 2021 (रेई) वर्ष 2021 के पांच महीने में, बेहतर जीवन की चाह में यूरोप की ओर पलायन करने वाले करीबन 630 नर, नारियों और बच्चों की मृत्यु भूमध्यसागर में डूबने से हुई है।

प्रवासन हेतु गठिन अन्तराष्ट्रीय संगठन (आईओ)के अनुसार मरने वालों की संख्या 632 दर्ज की गई है जो विगत साल से 200 अधिक है। इटली से धर्माध्यक्षों ने कहा,“इस प्रकार की त्रासदियाँ हमारी अंतरआत्मा को झकझोर देती और हम मांग करते हैं कि हम प्रवासन की घटना को खुले आंखों से देखें।”  

प्रार्थना का दिन

इतालवी धर्माध्यक्षीय सम्मेलन ने भले मानस लोगों को इस बात के लिए भी निमंत्रण दिया कि वे 11 जुलाई को प्रवासियों विशेषकर गरीबी, युद्ध, सतावट और जलवायु परिवर्तन के कारण पलायन कर रहे लोगों की यादगारी में आयोजित की गई प्रार्थना में सहभागी हो, जो मूमध्यसागर में डूब कर मर गये।

संत पापा फ्रांसिस ने कलीसियाई पूजन विधि वार्षिक कालचक्र में संत बेन्दिक्त के पर्व दिवस में जो यूरोप के संरक्षक संत हैं इस तिथि को निर्धारित किया है। इस दिन सभी पल्लियों को विशेष रूप से प्रवासियों के लिए निवेदन अर्पित करने का आहृवान किया गया है खास कर उन लिए जो अच्छे भविष्य की आशा में समुद्री यात्रा करते हुए जलमग्न हो गये ।

विगत दिनों के आकड़ों कहते हैं कि हर दिन करीबन चार लोग समुद्र में डूबने से मर रहे हैं। इटली के धर्माध्यक्षों ने नए घातक प्रवास मार्गों पर भी प्रकाश डाला है जिसमें कैनरी द्वीप शामिल है, जहाँ पिछले साल सहारा रेगिस्तानी मार्ग से प्रवासियों की संख्या में जबरदस्त वृद्धि हुई है, लीबिया में प्रवासी शिविरों की स्थिति और बाल्कन मार्ग जहां पिछले 12 महीने में कई लोग गंभीर और खतरे की परिस्थितियों में पाये गये हैं।

संत पापा फ्रांसिस की आपील

13 जून को संत पापा द्वारा की गई आपील की याद करते हुए इतलावी धर्माध्यक्षों ने इस बात को दुहराते हुए विश्वासियों को प्रवासियों के लिए अपने हृदय खोलने का आहृवान किया कि “भूमध्यसागरीय प्रांत यूरोप का सबसे बड़ा कब्रिस्तान बन गया है।” उन्होंने काथलिक समुदायों को निमंत्रण दिया कि वे उन लोगों को न भूलें जिन्होंने यूरोपीय सीमाओं तक पहुँचने की कोशिश करते हुए अपने जीवन को खो दिया है। आगामी रविवार की निवेदन प्रार्थनाओं की याद करते हुए उन्होंने कहा कि यूरोप के संरक्षक संत के उदाहरण का अनुसरण करते हुए हम शांति के दूत और सभ्यता के शिक्षक बनने की कोशिश करें। 

Thank you for reading our article. You can keep up-to-date by subscribing to our daily newsletter. Just click here

08 July 2021, 15:55